इलाज के अभाव में मौत: बिना देर किए खंडन जारी

शिवपुरी। प्रशासनिक मशीनरी किसी भी मामले में खंडन जारी करने में विशेषज्ञ हो गई है। घटना कोई भी हो, यदि सवाल जवाब हुए तो बिना देर किए खंडन जारी कर दिया जाता है। समूहा में हुई इलाज के अभाव में महिला की मौत के मामले में भी प्रशासन ने फटाफट खंडन जारी कर दिया।

खंडन में तकनीकी और चिकित्सकीय भाषा का उपयोग कुछ इस तरह से किया गया है कि पहली नजर में कम से कम शिवपुरी के पत्रकारगणों को पता भी नहीं चलेगा कि खबर का खंडन है। संडे का दिन है अत: निश्चित रूप से सरकारी दफ्तर से जारी यह प्रेस बयान कम्प्यूटर आॅपरेटरों के हवाले कर दिया गया है और सोमवार के अखबारों में पेज भरउअल योजना के तहत छपा हुआ भी मिल सकता है।

लेकिन विषय गंभीर है। इतनी आसानी से इस फाइल को बंद नहीं किया जा सकता। एक महिला की इलाज के अभाव में तड़प तड़प कर मौत हो गई है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी सरकारी रजिस्टर में उसका नाम था या नहीं, कोई फर्क नहीं पड़ता कि मरने वाले महिला को डेंगू था या कोई दूसरा ​बुखार, लेकिन बहुत फर्क पड़ता है कि उस गांव के सरपंच और सचिव ने कोई मदद नहीं की। गांव में मौजूद स्वास्थ्य अमला रिश्वतखोर है और इसी दबाव के चलते उसे इलाज के लिए अस्पताल तक नहीं ले जाया गया। पहले पैसों का इंतजाम किया गया।

बहुत महत्वपूर्ण यह है कि इस गांव के लोगों को, खासकर मृतका और उसके परिजनों को यह पता ही नहीं था कि सरकार की ओर से मु्फ्त इलाज मिल सकता है। उन्हें योजना की जानकारी ही नहीं थी। तो बिफलता किसकी है। कौन है मक्कार और किस दें धिक्कार। एक लिस्ट तो बनानी होगी।

कलेक्टर शिवपुरी को चाहिए कि इस मामले में खंडन जारी कर अधीनस्थों के हाथ बचाने का प्रयास ना करें बल्कि आंनगवाड़ी कार्यकर्ता, सरपंच और सचिव से लेकर सीएमएचओ तक सबकी परेड लगा डालें। जो भी जरूरी हो कड़ी कार्रवाई करें कि और एक संदेश दें कि रिश्वतखोरी इस हद तक तो कम से कम नहीं चलेगी।

लीजिए पढ़िए वो खंडन जो प्रशासन की ओर से जारी किया गया

ग्राम समूहा में रैपिड फीवर सर्वे एवं एडीज लार्वा सर्वे कार्य पूर्ण

शिवपुरी। शिवपुरी जिले के नरवर विकासखण्ड के ग्राम समूहा में 14 सित बर से रैपिड फीवर सर्वे कराया चुका हैै। इसके पश्चात 15 सित बर को पैराथ्रम स्प्रे और 06 अक्टूबर को एडीज लार्वा सर्वे गांव में किया जाकर लार्वा विनिष्टिकरण किया गया है, जिसमें लार्वा नहीं पाया गया है। मु य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एल.एस.उचारिया एवं जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.अलका त्रिवेदी ने बताया कि झण्डा गांव से लगे आस-पास के 10 कि.मी. के अंदर आने वाले ग्रामों में पेराथ्रम स्प्रे एवं लार्वा विनिष्टीकरण, एस.पी. 05 प्रतिशत स्प्रे कराया गया है। जबकि समूहा ग्राम में रैपिड फीवर सर्वे 10 अक्टूबर को चार चरणों में पूर्ण किया गया। समूहा ग्राम में लोगों का रक्त परीक्षण कर 396 रक्त पट्टिकाये बनाई गई। उक्त गांव समूहा डेम के पास स्थित होने के कारण मच्छर जन परिस्थितियां उपस्थित थी। लेकिन सित बर माह से ही लगातार पूरे क्षेत्र में सर्विलेंस चल रहा है।
समूहा गांव में लगभग 400 घरों का रैपिड फीवर सर्वे स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रेमलाल कुशवाह एवं टीम द्वारा घर-घर जाकर किया गया। सर्वे के दौरान बुखार पीडि़त मरीजों की सूची में मृतिका श्रीमती वर्षा रजक पत्नि स्व.श्री सीताराम रजक का नाम नहीं है। जिला शिवपुरी के डेंगू पीडि़तों की सूची में समूहा ग्राम का एक भी मरीज नहीं है। मु य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा उक्त घटना की पूर्ण जांच हेतु जांच अधिकारी भी नियुक्त किया जा चुका है। समूहा गांव में संयुक्त संचालक राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रम डॉ.मोहन सिंह एन्टोमोलॉजिस्ट डॉ.पालीवाल, मु य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.एस.उचारिया, अनुविभागीय दण्डाधिकारी करैरा श्री ए.के.चांदिल, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.अलका त्रिवेदी के द्वारा भी समय-समय पर गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया जा चुका है।