उत्सव हत्याकाण्ड का जिन्न फिर बोतल से बहार, धिक्कार है हम पर या...

ललित मुदगल@एक्सरे/शिवपुरी। शिवपुरी के जनाक्रोश का जन्मदाता उत्सव हत्याकाण्ड का जिन्न फिर 20 माह बाद बोतल से बहार आ गया है, एड. पीयूष शर्मा ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने हेतु हाईकोर्ट से गुहार कराने का मन बनाया है। सवाल यह है कि ऐसे क्या कारण बने की इस मामले को हाईकोर्ट की चौखट पर खड़ा होना पड़ा। आईए इस मामले का एक्सरे शिवपुरी सामाचार डाट कॉम के कम्प्यूटर पर करते है।

शहर के व्यापारी कमलकिशोर का पुत्र और हैप्पीडेज स्कूल के छात्र का अपहरण 2 मार्च 2013 को दोपहर के समय गांधाीपार्क से उत्सव के ही स्कूल के बस ड्रायवर ने कर लिया, और घर पर पांच लाख रूपए की फिरौती के लिए फोन कर दिया।

मामला पुलिस के पास पहुंचा,जांच पडताल के बाद पुलिस ने तत्काल बस ड्रायवर को उठा लिया और पूछताछ करने लगी, परन्तु ना जाने किसके दबाब में कुछ नही उगलवा पाई, मीडिया के दबाव और व्यापारियों के दुकान बंद करने की धमकी व मामला पुलिस तक पहुचने के कारण ड्रायवर के साथियो ने 4 मार्च 2013 को अमोला के जंगलो में मासूम उत्सव की हत्या कर दी।

जैसे ही उत्सव की मौत की खबर शहर में आई शिवपुरी सुलग गई, क्या आम क्या खास सब सडकों पर आ गए, पुलिस के खिलाफ जनाक्रोश पैदा हो गया। एसडीओपी मुखर्जी की गाडी, पुलिस सहयता केन्द्र, यतायत के बूथों को आग के हवाले कर दिया गया।

इस आक्रोश में शहर का लॉ एंड ऑर्डर झुलस गया और व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन बंद का एलान कर दिया। यह आक्रोश शिवपुरी नगर से तहसीलों में पहुंच गया और बैराढ थाने में भी आग लगाने की कोशिश की गई। मामला विधान सभा में पहुच गया और तत्कालीन एसपी और टीआई का स्थानातंरण कर दिया गया।

तत्कालीन कलेक्टर आर के जैन और यशोधरा राजे सिंधिया की पहल पर मामला शांत हुआ, और मामले की सीबीआई जांच कराने और अपराधियों के तत्काल गिरफ्तार करने और फास्ट ट्रेक कोर्ट बनाकर जल्द ही सजा देने जैसे वादो ने इस जनाक्रोश की आग पर पानी डाला गया।

परन्तु 2 मार्च 2013 से आज दिनाकं तक इस मामले को पूरे 20 माह गुजर चुके है। मामले में तीन आरोपी बनाए गये और आज तक दो आरोपी फरार है, पुलिस द्वारा तत्समय पकडे गए ड्रायवर से पुलिस ने क्यो पूछताछ नही की, क्या कारण रहे कि आरोपी हाथ में था और मासूम उत्सव की हत्या हो गई, किस के दबाब में पुलिस आ गई ये सब प्रश्न आज भी खडे है।

पुलिस आज तक इन हत्यारो को गिरफ्तार नही कर सकी, उल्टा शहर के 500 शहरवासियों पर मुकदमा दर्ज हो गया है। इसको क्या कहेंगें, हमे धिक्कार है, या हमारी पुलिस को जो आज तक इन हत्यारों को नही पकड सकी या फिर उस सिस्टम को जो न्यायलय में सही गवाह व सबूत पेश नही कर सकी और पकडे गए एक आरोपी को भी जमानत मिल गई।

शायद इन सभी कारणो को लेकर एड. पीयूष शर्मा इस मामले में सीबीआई जांच की मांग हाईकोर्ट से कर रहे है और वह चेहरा बेनाकाब हो जिसने उत्सव के हत्यारो की मदद की, शिवपुरी सामाचार डॉट काम एड. पीयूष शर्मा को सलाम करता है कि उन्होने इतने संवेदनशील मुददे को फिर से हवा दी।

 आईए पढिए उत्सव हत्याकाण्ड से जुडे सभी सामाचारों को