नपा आरक्षण होते ही सक्रिय हुए भाजपा-कांग्रेस से पिछड़े वर्ग से दावेदार

राजू (ग्वाल) यादव/शिवपुरी। मोदी लहर की नांव में सवारी करने के लिए आतुर इन दिनों भाजपाईयों में अब आरक्षण होते ही सक्रियता बढ़ गई है। सर्वाधिक दौड़ अब पिछड़ा वर्ग में नजर आ रही है जिसमें रविन्द्र भवन भोपाल द्वारा घोषित की गई नगर पालिक परिषद शिवपुरी को पिछड़ा वर्ग पुरूष के लिए घोषित किया गया है।
इस खबर के साथ ही सामान्य वर्ग पुरूष में जहां निराशा का वातावरण छा गया तो वहीं पिछड़ा वर्ग के दावेदारों के चेहरों पर खुशी नजर आई। इन दावेदारों में ऐसा नहीं है कि केवल भाजपाई ही इस आरक्षण से खुश है वरन् अब कांग्रेस पार्टी को एक जनाधार वाले नेता के रूप में पिछड़ा वर्ग से खोजने की आवश्यकता महसूस की गई है जिसके लिए पार्टी अपने स्तर से शीघ्र ही कांग्रेस उ मीदवार को तरासेगी। 

आरक्षण की घोषणा के बाद भाजपा-कांग्रेस के दावेदारों ने अपनी ओर से मोबाईल फोन, वाट्सअप व फेसबुक सोशल साईटों के माध्यम से अपना कद आगे करने की अपील शुरू कर दी है। शिवपुरी नगर पालिका परिषद में अब टिकिट किसे मिलेगा इसका फैसला भी सिंधिया परिवार को ही करना है ऐसा प्रतीत नजर आ रहा है। कारण साफ है जहां प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोध राजे सिंधिया व पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक शिवपुरी में अपने-अपने लिए टिकिट की मांग करेगें अब देखना होगा कि किसकी लॉटरी खुलती है और किसे इंतजार करना पड़ेगा।

आरक्षण प्रक्रिया की यदि बात की जाए तो इसमें भाजपा की ओर से संभावित दावेदारों के प्रमुख नामों में हरज्ञान प्रजापति है जो ना केवल प्रजापति समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है वरन् संघ में उनकी गहरी पकड़ भी है यही कारण है कि वैश्य समाज में अपनी वाकपटुता व सेवाभाव का भाव भी इन्हें मजबूती प्रदान करता है इसके साथ ही शहर में ठेकेदारी एवं मिलनसार व्यवहार के रूप में इनकी अलग पहचान है यदि सशक्त दावेदारी में इन्हें उतारा जाए तो संघ और सरकार की ओर से यह प्रबल दावेदारी करते नजर आ रहे है। इसके बाद है मण्डी उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह, इन्हें शहर के जाने-माने युवा नेता व मप्र भाजपा में प्रदेश कार्यकारिणी समिति सदस्य कपिल जैन (पत्ते वाले) का संरक्षण प्राप्त है और स्वयं कैलाश कुशवाह अपनी आदर्श नेता उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के चरण वंदन कर टिकिटार्थियों की लाईन में है संभव है मण्डी में सुव्यवस्थित व्यवस्था और नवीन मण्डी स्थानांतरित होने में भी कैलाश कुशवाह की महती भूमिका रही जिसके चलते यशोधरा ने नवीन मण्डी के संदर्भ में रूचि ली और इसे चंदनपुरा स्थानांतरित किया गया हालांकि मण्डी उपाध्यक्ष रहते अब नपा अध्यक्ष के लिए टिकिट मिलने इसमें आड़े आ सकता है लेकिन आरक्षण की नीति के तहत अब यशोधरा के पाले में गेंद है। 

इसके बाद है हरिओम राठोर जिन्हें बताशे वाले के नाम से भी जाना जाता है इन्हें भी यशोधरानिष्ठ माना जाता है और समय-समय पर यशोधरा राजे सिंधिया व पार्टी के आदेशों को सर्वाेपरि मानकर उनके बताए अनुरूप कार्य भी करते है वर्षों से भाजपा की सेवा में लगे हरिओम राठौर पर फै सला भी उद्योग मंत्री को ही लेना है। दावेदारों की श्रृंखला में युवा भाजपा नेता विनोद राठौर भी शामिल है जो युवा होने के साथ-साथ पार्टी में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाए हुए है। मु यमंत्री के खास सिपाहसलारों और यशोधरा निष्ठो में भी विनोद अग्रतम श्रेणी में है ऐसे में ना केवल राठौर समाज बल्कि जन सामान्य के बीच भी विनोद की साफ-स्वच्छ व मिलनसार छवि जनआकर्षण का केन्द्र बनेगी और इसका फायदा उन्हें नपाध्यक्ष के टिकिट मिलने पर मिल सकता है फिलवक्त विनोद राठौर की आस्था यशोधरा में है और उद्योग मंत्री के आदेश पर वह आगे बढ़ेंगें। बताना मुनासिब होगा कि विनोद राठौर समाज में जहां युवा राठौर क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष है तो वहीं वह समाज के साथ-साथ अन्य सभी वर्गों में भी खासे चर्चित है सोशल बेबसाईट फेसबुक और वाट्सअप के जरिए हजारों लोगों से विनोद का वन-टू-वन मिलनसार संबंध बना हुआ है। भाजपा पार्टी की ओर से पिछड़ा वर्ग में से एक और समाजसेवी व भाजपा नेता नितिन चौकसे भी शामिल है जिनसे शहर भलीभांति परिचित है ऐसे में नितिन चौकस भी पूरा मन बनाकर नपाध्यक्ष का चुनाव लडऩा चाहते है इसके लिए उन्हें यशोधरा राजे सिंधिया व पार्टी के आदेश का इंतजार है समाज ही नहीं बल्कि जन-जन के बीच नितिन चौकसे की मोनू के नाम से प्रसिद्धि है और कमलागंज एबी रोड़ पर उनके घर सुबह-शाम कई नेताओं का आना-जाना लगा रहता है राजनैतिक पृष्ठभूमि के नितिन चौकसे की यह उपलब्धि उन्हें नगर पालिका चुनाव में खासा लाभ दिला सकती है।

बात की जाए पिछड़ा वर्ग कांग्रेस पार्टी की तो यहां पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों की भरमार है। इनमें सबसे पहले नपा के नेताप्रतिपक्ष रामसिंह यादव का नाम आता है जिन्हें ना केवल नपा के कार्यकाल का पूर्ण अनुभव है वरन् समाज में विशिष्ट पहचान और अपने वार्ड में किए गए विकास कार्यों से उन्हें नपाध्यक्ष के चुनाव में काफी सहयोग प्राप्त होगा साथ ही श्री सिंधिया के स्वागत अभिनंदन व जन सामान्य भी रामसिंह यादव की अमिट पहचान है। अब उन्हें टिकिट मिलना ना मिलना यह श्री सिंधिया पर निर्भर करता है। इनके साथ ही सेवादल में अपनी सेवाऐं देने वाले मुन्ना लाल कुशवाह भी पिछड़ा वर्ग से है वर्षांे से सिंधिया परिवार के आदेशों को सर्वाेपरि मानने वाले मुन्नालाल कुशवाह ने सदैव सिंधिया परिवार से ही राजनीति का ज्ञान अर्जित किया है ऐसे में उन्हें पिछड़ा वर्ग से एक सशक्त दावेदार के रूप में माना जा सकता है। मुन्ना लाल कुशवाह के बाद पूर्व नपा उपाध्यक्ष पद्म चौकसे काका भी इन टिकिटार्थियों की लाईन में है। 

पद्म चौकसे पूर्व में नपा उपाध्यक्ष रह चुके है इसलिए उनका जनता से जुड़ाव रहा है इसके चलते इस बार नपाध्यक्ष के चुनाव में पिछड़ा वर्ग से कांग्रेस पार्टी में वह फिट नजर आते है। इसके साथ ही वर्षों तक ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले पार्षद राजेन्द्र शिवहरे, वीरेन्द्र शिवहरे व क्षेत्रपाल सिंह गुर्जर की भी संभावना को नकारा नहीं जा सकता है समय-समय पर कांग्रेस पार्टी के आन्दोलन हो या नपा का साधारण सभा का स मेलन इन्होंने मिलकर जनता के मुद्दों को उठाया और जनता की आवाज नपा में बुलंद की। इसके चलते यह उ मीदवार भी कांग्रेस पार्टी से प्रबल दावेदार नजर आते है और यह तीनों भी श्री सिंधिया के खास सिपाहसलार है। हालांकि इन सभी उ मीदवारों को परखने की जि मेदारी अब श्री सिंधिया की है फिलवक्त सभी दावेदारों ने अपनी ओर से नपाध्यक्ष का चुनाव लडऩे की तैयारी गुपचुप तरीकों से शुरू कर दी है।

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