शिवपुरी। करैरा थाना क्षेत्र के ग्राम खेराघाट मौजा में स्थित एक हजार वर्ग फिट के एक प्लॉट को आरोपी ने दो लोगों को विक्रय कर दिया। हैरत की बात यह है कि पूर्व में उक्त प्लॉट को आरोपी ने किसी धन्नी कु हार को वर्ष 1986-87 में बेचा और बिना रजिस्ट्री कराए नामांतरण करा दिया।
जबकि इसी प्लॉट को आरोपी ने नन्हें खां को वर्ष 1990 में विक्रय कर दिया। जिसकी रजिस्ट्री कराई गई और वर्ष 2013 में जब वह नामांतरण कराने तहसील पहुंचा तो उसे ज्ञात हुआ कि उसका खरीदा हुआ प्लॉट तो किसी और के नाम है। तब इस मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद फरियादी ने पुलिस को शिकायत की। जिस पर पुलिस ने आरोपी मन्नी उर्फ हन्नी पुत्र बल्ली कु हार के खिलाफ भादवि की धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी नन्हें पुत्र मल्लू खां उम्र 57 वर्ष निवासी गंज की माता के पास करैरा ने थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उसने वर्ष 1990 में आरोपी मन्नी कु हार से 20 बाई 30 का प्लॉट 7 हजार रूपये में खरीदा था। उस समय आरोपी ने उसे उक्त प्लॉट की रजिस्ट्री करा दी, लेकिन उसने उस प्लॉट का नामांतरण नहीं कराया और वर्ष 2013 में जब वह तहसील नामांतरण कराने पहुंचा तो वह प्लॉट किसी धन्नी कु हार के नाम पर दर्ज था।
जिस पर उसका नामांतरण नहीं किया गया। जब उसने और जानकारी एकत्रित की तो उसे ज्ञात हुआ कि आरोपी मन्नी ने उक्त प्लॉट को वर्ष 1986-87 में धन्नी कु हार को बेचा था। जिसकी रजिस्ट्री नहीं कराई गई और बिना रजिस्ट्री के उसका नामांतरण कर दिया गया। इसके बाद ही आरोपी ने उक्त प्लॉट को फरियादी के साथ धोखाधड़ी कर बेच दिया। पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
करैरा थाना प्रभारी पीएस तोमर का कहना है कि पुलिस इस मामले में यह जांच कर रही है कि आरोपी ने जिस धन्नू कु हार को प्लॉट बेचा है तो बिना रजिस्ट्री के नामांतरण कैसे हुआ। लेकिन पुलिस को वर्ष 85-86 का रिकॉर्ड नहीं मिल पाया। जिससे यह सिद्ध नहीं हो सका कि इस मामले में तहसीलदार और पटवारी भी दोषी हैं या नहीं।
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