प्रशासन की कार्यवाही आदिवासी महिला की भूमि को कब्जे से मुक्त कराई

शिवपुरी। जिले में दबंगों द्वारा गरीब आदिवासियों और कमजोर लोगों की जमीन साजिशन कब्जाए जाने का खेल जोरदारी से खेला जा रहा है। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों शिवपुरी के ग्राम गंगौरा में सामने आया जब एक आदिवासी विधवा महिला की जमीन शहर के धनपतियों ने कब्जाकर उस पर न केवल खाई खुदवा दी और बाउण्ड्री कर इस भूमि को ठेके पर भी हरियाणा के जाटों को दे दिया।

सहरिया क्रांति संगठन ने इस मामले को जोरदारी से प्रशासन के सम्मुख उठाते हुए विधवा महिला को न्याय दिलाने की मांग की जिस पर से प्रशासन ने तुरत फुरत कार्यवाही कर महिला की वर्षोँ से कब्जाई गई भूमि सीमांकन कराकर मुक्त कराई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवपुरी तहसील के ग्राम गंगौरा में विधवा आदिवासी रामप्यारी को पट्टे पर मिली साढ़े 8 बीघा जमीन को राकेश गुप्ता निवासी शिवपुरी ने कब्जा लिया था। वर्र्षों से राकेश गुप्ता इस भूमि पर न केवल खेती करवा रहा था बल्कि बेवा पर लगातार भूमि के विक्रय हेतु दबाव बनाया जा रहा था। पिछले दिनों यह भूमि हरियाणा के जाट को ठेके पर दे दी गई जिस पर जाट ने टमाटर की फसल बो दी। सहरिया आदिवासी रामप्यारी ने अपनी व्यथा सहरिया क्रांति के माध्यम से प्रशासन के सम्मुख रखी तो तहसीलदार आर.के. पाण्डेय ने जहाँ इस भूमि के सीमांकन हेतु गंगौरा में राजस्व टीम पटवारी विष्णु वर्मा और श्री चौेरसिया के नेतृत्व में भेजी वहीं एडीशनल एसपी आलोक सिंह ने भी सुरवाया थाना प्र ाारी को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। प्रशासनिक अमले केे साथ सहरिया क्रांति के संचालक संजय बेचैन एवं तमाम सदस्य भी मौजूद रहे। राजस्व अमले द्वारा सीमांकन कर बताई गई जमीन पर रामप्यारी को कब्जा दिलवाकर वहाँ से रवानगी डाली। इस सारी कार्यवाही का नतीजा यह सामने आया कि विधवा रामप्यारी की वर्षों से छिन सी गई जमीन जिसकी वह आस छोड़ चुकी थी न केवल वापस मिल गई बल्कि उसे लहलहाती टमाटर की फसल ाी इस कार्यवाही से मिल गई।