हिन्दुओं को हाईजैक कर धर्म परिवर्तन कराने वाले हिरासत में, आशुतोष की मुहिम सफल

शिवपुरी। जिले के खनियांधाना क्षेत्र के ग्राम छिरवाहा से 9 लोग आए जो कलेक्टर शिवपुरी को धर्म परिवर्तन करने की अनुमति देने का आवेदन देने आए थे इनमे से चार पॉच पुरूष थे और महिला थी। कलेक्टर ने कानुन अनुसार धर्म परिवर्तन का आवेदन लेने से पहले 7 दिन और विचार विमर्श के लिए दिए। इसी बीच भाजपा के नेता आशुतोष शर्मा आ गए और उन्होने इस धर्म परिवर्तन का विरोध किया। शहर की फिजा खराब होते देख पुलिस ने इनमें से तीन पुरूष और एक महिला को हिरासत में ले लिया है।

आज दोपहर को लगभग 3 बजे शिवपुरी की मीडिया को खबर लगी कि खानियाधानां क्षेत्र से दो व्यक्ति 7 अन्य व्यक्तियों का धर्म परिवर्तन करानेे के उदेदश्य से कलेक्टर शिवपुरी को आवेदन देने आये है। इनमें से पॉच पुरूष और चार महिला है। ये धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति पिछोर क्षेत्र के छिरवाया ग्राम के बताए जा रहे है। मीडिया ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया ओर डट गई कलैक्ट्रेट परिसर में, जैसे ही ये व्यक्ति कलैक्ट्रेट में आए और कलेक्टर रूम में कलेक्टर को धर्मपरिवर्तन करने की अनुमति का आवेदन सौपा, कलैक्टर ने नियम अनुसार धर्म परिवर्तन का आवेदन लेने से पहले 7 दिन और विचार विमर्श के लिए कहा।

इन धर्म परिवर्तन करने आए लोगो ने कहा कि वह किसी भी दबाव और लालच के बिना अपनी इच्छा से इस्लाम धर्म को अपना रहे है लेकिन मीडिया के सवालों में वो उलझ गए।

मीडिया ने पूछा: हिन्दू धर्म का त्याग क्यों कर रहे हो
ग्रामीणों का जवाब: हमारे साथ भेदभाव होता है, हमें मंदिर जाने नहीं दिया जाता।
मीडिया ने पूछा: आप किस मंदिर में जाना चाहते हो, कौन रोकता है आपको
ग्रामीण बगलें झांकने लगे, ना तो वो मंदिर का नाम बता पाए और ना ही रोकने वालों का
ग्रामीणों ने कहा: इस्लाम में कई अच्छाईयां हैं।
मीडिया का सवाल: हिन्दू धर्म में क्या बुराई है।
ग्रामीण फिर कोई जवाब नहीं दे पाए। एक दूसरे को देखते रहे। 

मीडिया ने खुलासा किया कि इनका ब्रेनवॉश किया गया है। रटे रटे जवाब दे रहे हैं। इनके पास कोई पुख्ता तर्क नहीं हैं। मीडिया ने यह भी खुलासा कि कि इन लोगों को कल रात शिवपुरी में ले आया गया था। इनके साथ कुछ और लोग भी हैं। उन्होंने ही इनका शपथपत्र भी बनवाया। ये लोग चुपचाप आवेदन देना चाहते थे। मीडिया ने यह भी बताया कि पिछोर से लेकर रन्नौद तक एक रैकेट काम कर रहा है जो ग्रामीणों को जमीन, जानवर और जेवरों का लालच देते हैं। गरीब ग्रामीण इनके जाल में फंस रहे हैं। मीडिया ने सवालों के दौरान यह प्रमाणित कर दिया कि ग्रामीणों को मेंटली हाईजैक किया गया है। इनके पास धर्म परिवर्तन के अपने कोई तर्क नहीं हैं।
भाजपा नेता आशुतोष ने संभाला मोर्चा

इसी बीच भाजपा नेता आशुतोष शर्मा अकेले ही पहुंच गए उन्होने इस धर्मपरिवर्तन का विरोध किया और कहां में मर जाऊगां परन्तु इन भाईयो को धर्म परिवर्तन नही करने दूंगा। तभी किसी ने इन 9 व्यक्तियो मे से दो व्यक्तियों को पहचान लिया कि ये दो व्यक्ति वही है जिन पर खानियाधाना थाने में असंवैधानिक रूप से धर्मातरंण करने का मामला दर्ज हुआ है। इनकी पहचान मनीराम उर्फ अब्दुल कसीम ओर तुलाराम जाटव उर्फ कासिम के रूप में हुई।

सभी ग्रामीणों को मौके पर ही रोक लिया गया। तब तक पुलिस नही आई पहले कुछ पुलिसकर्मी पहुंचे फिर कोतवाली टीआई राजेश राठौड़ और पुलिस बल को साथ लेकर आए। मामले की जानकारी जब एसडीओपी एसकेएस तोमर को दी गई तो वह भी आ गए और कलेक्ट्रेट में कलेक्टर व एडीएम से चर्चा करने के उपरांत धर्मांतरण के मामले में पंजीबद्ध आरोपी तुलाराम को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया।
ये हैं वो ग्रामीण जिन्हें लालच देकर मुसलमान बनाया जा रहा था

इसके बाद श्री तोमर ने मुस्लिम धर्म अपनाकर धर्मांतरण करने वाले मनीराम व उसके साथ आए अन्य लोग व महिलाओं को समझाया कि यह सब उन्होंने कानून से विपरीत होकर कार्य किया है इस काम से माहौल खराब हो रहा है इसके लिए उन्हें सजा भी हो सकती है इस पर भी जब केशव जाटव से मोहम्मद कासिम बना युवक नहीं माना तो उसे हिरासत में लेकर कोतवाली भेजा गया, इसके साथ उसकी पत्नि मक्को भी हिरासत में ले लिया गया।

ये कर रहे धर्मांतरण
जिले के खनियााधाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति के केशव जाटव ने पिछले तीन वर्ष पहले मुस्लिम धर्म कबूल लिया था। हालांकि इसका कोई लिखित दस्तावेज वह मौके पर नहीं दिखा पाया और लेकिन वह अपने पूरे परिवार को मुसलमान बनाना चाहता था इसलिए वह अपने परिजनों को साथ लेकर शिवपुरी आया और कलेक्टर के समक्ष धर्मांतरण करने के लिए आवेदन सौंपा।

पुलिस अधिकारी से भी वाद विवाद कर रहे थे आरोपी

धर्मांतरण करने वालों में मक्को जाटव जो अब अमीना बन गई, मनीराम जो अब्दुल्ला बना, समरथ जो शाहिद बना, गीता जो जेनब बानो बनी, राजौ जो समीना बनी, अनरथ जो ऊसमान बना, सरदार जो इलियास बना, तुलाराम जो अब्दुल कासिम बना, सरजो जो फरजाना बनी। इन्होंने अपने नाम मुस्लिम धर्म से तो जोड़ लिया लेकिन इन्हें कागजी रूप से मुस्लिम होने का अधिकार जिला प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया।