हम बेबस हैं, लाचार हैं, क्या करें: छुट्टी से लौटे सीएमओ ने कहा

शिवपुरी। लगभग दो महीने की छुट्टी मनाकर वापिस लौटे मुख्य नगरपालिका अधिकारी अशोक रावत को चार्ज संभालते ही माननीय उच्च न्यायालय के उस आदेश से सामना करना पड़ा जिसमें नपा प्रशासन को 24 अगस्त तक संस्था के 74 क्वार्टरों को खाली कराने का आदेश दिया गया है। वरना अवमानना की कार्रवाई सुनिश्चित है।

उच्च न्यायालय के आदेश से घबराए सीएमओ रावत की पहली प्रतिक्रिया थी कि इसमें चूक से कहीं जेल न जाना पड़ जाए। फिर वह बोले कि सिर मुढ़ाते ही ओले पड़े। कल चार्ज लेने के पहले प्राथमिकता दूसरी थी अब क्वार्टरों को खाली कराने से शुरूआत करनी होगी।

सीएमओ अशोक रावत ने चर्चा करते हुए कहा कि शिवपुरी में नगरपालिका के पास समस्याओं का अंबार है। शहर में सूअरों की बढ़ती संख्या पर भी माननीय उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है और सीवेज प्रोजेक्ट से उपजी परेशानी भी सामने आ रही है। वहीं सिंध परियोजना पर भी ध्यान केन्द्रित करना पड़ रहा है। शहर में सफाई व्यवस्था की दयनीय स्थिति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि स्टॉफ की समस्या एक प्रमुख कारण है। इतनी बड़ी नगरपालिका, दो लाख से अधिक की आबादी और एक भी सेनेट्री इंस्पेक्टर के न होने के कारण समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

सफाई व्यवस्था के लिए सिर्फ सफाई दरोगा पर हम आश्रित हैं। कल चार्ज लेने के पूर्व उन्होंने सोचा था कि पहले वह शहर में व्याप्त सूअरों की समस्या और सफाई व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रित करेंगे, लेकिन चार्ज लेने के बाद उच्च न्यायालय के आदेश का परिपालन पहली प्राथमिकता बन गई है। सूअरों के मामले में भी तलवार लटकी है।


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