सरकारी स्कूल पर दबंग का कब्जा

शिवपुरी। जिले के बदरवास के टुडय़ावद गांव में एक दबंग ने शासकीय प्राथमिक स्कूल पर पिछले दो वर्ष से कब्जा कर लिया। स्कूल पर कब्जा होने से उसमें पढऩे वाले 200 बच्चे दो कमरों में बैठ रहे थे और एक कक्ष में तीन शिक्षक पढ़ाने को मजबूर थे। डीपीसी शिरोमणि दुबे ने यह स्कूल अवैध कब्जेधारी से खाली कराया और उसमें क्लास संचालित होने तक रूके रहे।

स्कूल पर कब्जे की शिकायत मिलने पर गुरुवार को जब डीपीसी शिरोमणि दुबे स्कूल खाली कराने पहुंचे तो दबंग ने पहले उलझने का प्रयास किया। लेकिन जब डीपीसी ने कानून बताया तो केवल उसने स्कूल का ताला खोल दियाए बल्कि पूरे परिवार के साथ मिलकर सामान भी निकाल लिया। हर बार की तरह आखिरी चरण में पुलिस भी गांव में पहुंची।

शासकीय स्कूल के गेट खुलते ही जब अंदर जाकर देखा तो उसमें चारों तरफ भगवान की तस्वीरों वाले पोस्टर लगे थे। स्कूल कक्ष में तखत के अलावा कृषि उपकरण डीजल पंप, जनरेटर आदि सामान भरा हुआ था। जब डीपीसी यह सब देख रहे थे, तभी कब्जेधारी नेपाल सिंह यादव वहां गया। डीपीसी ने उससे पूछा कि तुमने स्कूल पर कब्जा कैसे कर लिया। इस पर नेपाल बोला कि इसकी मैंने मर मत करवाई है और फिर बच्चों के लिए तो वो कमरे बन गए हैं। डीपीसी ने कहा कि चाबी मंगवाकर यह अंदर वाला कमरा खुलवाओ यह सामान बाहर निकालो। नेपाल बोला कि मैं स्कूल खाली नहीं करूंगाए मेरे पास चाबी नहीं है। इस बीच नेपाल के अन्य भाई भी वहां गए।

डीपीसीने नेपाल को चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि अभी तो मैं तुमसे सामान खाली करने को कह रहा हूं, लेकिन यदि पुलिस बुला ली तो यह सामान भी जब्त होगा और तु हारी दुर्गति होगी सो अलग। डीपीसी ने वहीं से कलेक्टर को फोन लगाकर हालात की जानकारी दी। यह सब देख सुनकर नेपाल के तेवर कुछ ढीले पड़े और थोड़ी ही देर में चाबी भी गई।

नेपाल एवं उसके भाइयों ने हाथ जोड़कर कहा कि हमें समय दे दो, खाली कर देंगे। डीपीसी ने कहा किए मैं तो इसे खाली करवाकर कक्षा लगवाने आया हूं। इसके बाद कब्जेधारी उसके परिजन ने सामान ढोना शुरू कर दिया। जनरेटर से लेकर भारी.भरकम डीजल पंप भी परिवार के लोग धकेल कर बाहर ले आए। अंदर अनाज के बड़े बोरे हटाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली शाम को आने की बात कहने लगे।

जब सामान खाली करने की प्रक्रिया चल रही थी, तभी एक प्राइवेट लोडिंग वाहन गांव में घुसा, जिसमें पीछे एक पुलिस जवान बंदूक लिए हुए खड़ा था। बिग-बॉस लिखा लोडिंग वाहन स्कूल के पास आकर रुका तो ड्राइवर की सीट से पुलिस एएसआई अंदर से तीन अन्य सशस्त्र पुलिस कर्मी उतरे। पुलिस को उतरते देख अनाज के बोरे भी तेज र तार में खाली होने लगे। फिर तो स्थिति यह बनी कि महिलाएं भी अनाज भरने के लिए उन कमरों में जा पहुंचीं और कुछ ही देर में दोनों कमरे खाली हो गए।