ये कैसी डाटा इंट्री: पूरा का पूरा गांव ही सरकारी हो गया

शिवपुरी। किसी की गलती की सजा किसी को भुगतनी पड़ती है परन्तु यहां तो एक कर्मचारी की गलती की सजा तो सारा गांव भुगत रहा है पोहरी तहसील का एक गांव की जमीने कंप्यूटर फीडि़ंग के दौरान गलती से शासकीय हो गई। ओर इसे सुधारवाने के लिए चंदा इक्ठठा कर रिश्वत भी गांव के लोग दे चुके है।

जाखनौद गांव के ग्रामीणों ने बताया कि इस गलती को सुधारने के लिए एक दर्जन गांव के लोगों ने चंदा एकत्रित कर रिश्वत के लिए नौ हजार रुपए जुटाए। यह राशि एक मध्यस्थ के माध्यम से पोहरी तहसील के कुछ अधिकारी कर्मचारी को दी गई। इसके बाद भी सुधार का काम नहीं हुआ। जिस अधिकारी को यह सेवा शुल्क दिया गयाए वह कुछ समय बाद सेवानिवृत्त हो गया।

इससे ग्रामीणों का काम लटक गया। आज भी जाखनौद सहित एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण अपनी भूमि के राजस्व दस्तावेज में हुए इस परिवर्तन को लेकर परेशान होते घूम रहे हैं। इधर डेढ़ साल पहले ही हुई गलती के बाद अभी तक किसी भी जि मेदार राजस्व अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।

जानकारी के अनुसार कंप्यूटर के किसी कर्मचारी की इस गलती के कारण इस गांव के किसानो का गेंहू समर्थन मुल्य पर नही बिक रहा है और ना ही ओलावृष्टि का कोई मुआवजा नही मिल पर रहा है पिछले वर्ष भारी बारिश के कारण सोयाबीन और ओलावृष्टि के कारण गेंहू-चना फसल भी बर्बाद हो गई थी। जमीन शासकीय होने के कारण कोई भी मुआवजा इस गांव के किसानो को नही मिला है ।