शिवपुरी। कार्नर पर खड़े समौसा/कचौरी और राह में खड़े गोलगप्पे वाले को भी अब लाइसेंस लेना होगा। अफसरों के चक्कर लगाने होंगे, जांच होगी, पड़ताल होगी। पता नहीं क्या क्या होगा। खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 जो लागू हो गया है। शुरूआत में ढील दी गई थी, व्यापारियों ने विरोध नहीं किया। अब निकलने लगे नए कानून के तरकश में से तीर।
आज जारी एक सरकारी प्रेस सूचना में बताया गया है कि खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत खाद्य सामग्री से जुड़े सभी प्रकार के कारोबारियों को पंजीयन व लायसेंस लेना अनिवार्य है। पंजीयन कराने की अंतिम तिथि 4 अगस्त 2014 तक है। बिना लायसेंस खाद्य व्यापार करने वाले व्यापारी को 6 माह तक की सजा व 5 लाख रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के निरीक्षक आशुतोष मिश्रा के मुताबिक खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत समस्त खाद्य कारोबारकर्ताओं यथा- फुटकर विक्रेता, थोक विक्रेता, निर्माता, पैकेजिंगकर्ता, प्रोसेसिंगकर्ता इत्यादि को उनकी श्रेणी के अनुसार लायसेंस एवं रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य है, जिसकी अंतिम तिथि 4 अगस्त 2014 है। लायसेंस/रजिस्ट्रेशन हेतु आवेदन ऑनलाइन खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की वेबसाइट पर किया जा सकता है। लायसेंस/रजिस्ट्रेशन की फीस संबंधी जानकारी भी इस वेबसाइट पर उपलब्ध है।