टैंकर सप्लाई में भारी भ्रष्टाचार, फर्जी वाउचर से हो रहा है भुगतान

शिवपुरी-शिवपुरी में इन दिनों टैंकर सप्लाई में ठेकेदार व पार्षद की मिली ागत से भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर लोग पानी के लिए रतजगा कर रहे है। विदित हो कि शिवपुरी की जनता को पानी मुहैया कराने के लिए करोड़ों रूपए गर्मी के मौसम में व्यय किए जाते है बाबजूद इसके शहर की जनता पानी के लिए दर-दर भटक रही है। शिवपुरी शहर के 39 वार्डों की बात की जाए तो कुछ वार्डों को छोड़ दें अधिकांश वार्डांे में यह गोरखधंधा नगर पालिका की मिलीभगत से प्रतिवर्ष चलाया जाता है।

सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष पानी की सप्लाई को लेकर वार्ड क्रं.15,39,16,08,13,37 एवं वार्ड क्रमांक 06 ऐसे वार्ड है जहां पानी की सप्लाई को लेकर कालाबाजारी की जा रही है वहीं दूसरी तरफ कुछ वार्ड ऐसे है जहां वाकई पानी की सप्लाई को लेकर संवेदनशीलता के साथ काम कर रहे है। इन वार्डों में वार्ड क्रं.26,23,24,22 के अलावा वार्ड क्रं.04 और 19 माने जा सकते है।

जानकारी के अनुसार शहर में इन दिनों टैंकर सप्लाई में भयंकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा टैंकरों को संबंधित वार्डों में ना डालते हुए पार्षद से मिलीभगत कर एण्ट्री रजिस्टर पर फर्जी टैंकर की उपस्थिति दर्शाकर अपनी मोटी कमाई कर लेते है। यह रजिस्टर  ठेकेदार द्वारा नगर पालिका में दर्शाकर अपना भुगतान करा लेते है। नियम तो यह है कि पार्षद द्वारा ठेकेदार को टैंकर हेतु आदेश दिए जाते है और उन टैंकरों से वार्ड की जनता की प्यास बुझाई जाती है लेकिन ऐसा ना करते हुए पार्षद ठेकेदार से मिलीभगत करते हुए इन टैंकरों की फर्जी उपस्थिति दर्शाकर जनता के लिए आने वाले पानी से अपनी मोटी कमाई कर रहे है। पार्षद द्वारा ठेकेदार के एण्ट्री रजिस्टर में फर्जी तौर पर टैंकर की उपस्थिति वार्ड में दर्शा दी जाती है लेकिन टैंकर वार्ड में नहीं डलवाए जाते।

नगर पालिका से एक टैंकर की अनुमानित कीमत लगभग 500 रूपये है और दिन भर में अगर तीन टैंकर की फर्जी उपस्थिति दर्ज कराई जाए तो ठेकेदार और पार्षद 1500 रूपये प्रतिदिन अपनी काली कमाई कर लेते है। पानी सप्लाई हेतु डाले गए टैंकरों में शुरूआती चरण में वार्ड में नाम मात्र के बराबर टैंकर की सप्लाई की गई है लेकिन प्रत्येक वार्ड में पांच टैंकर ही सप्लाई बताकर इनका पैसा ठेकेदार और पार्षद द्वारा डकार लिया गया है। प्रतिवर्ष जनता के लिए करोड़ों रूपए पानी सप्लाई में खर्च करने वाली नगर पालिका भ्रष्टाचार की भयंकर इबारत लिखती है। यह एक ऐसा भ्रष्टाचार है जिसको कोई पकड़ नहीं सकता।

 इसका मु य कारण यह है कि इस भ्रष्टाचार की शिकायत की ही नहीं जाती। यदि जनता पानी के लिए पार्षद या नगर पालिका में शिकायत करती है तो पार्षद द्वारा सीधे तौर पर यह जबाब दे दिया जात है कि नगर पालिका द्वारा  दो ही टैंकर वार्डो में दिए जाते है तो फिर हम पूरे वार्ड में पानी की सप्लाई कैसे कर सकते हैं जबकि प्रत्येक वार्ड में पार्षद अपनी कमाई के चलते टैंकर वार्डों में नहीं डलवाते और फर्जी सप्लाई दर्शाकर पार्षद और ठेकेदार मलाई मार रहे है।