भ्रष्ट सचिव, कलेक्टर को उल्लू बनाविंग

शिवपुरी। ग्राम पंचायत लालगढ़ के पूर्व सचिव बलवीर रावत के विरूद्ध कलेक्टर ने उसके आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत उसे निरूद्ध करने का आदेश दिया था, लेकिन पूर्व सचिव का दुस्साहस देखिए उसने अपने जनपद पंचायत में कार्यरत् भाई बृजेश पुत्र कैलाश रावत के साथ मिलकर आयुक्त ग्वालियर संभाग का फर्जी आदेश तैयार किया। इस आदेश के अनुसार कलेक्टर का पूर्व सचिव को निरूद्ध करने का आदेश निरस्त कर दिया गया।

लेकिन जब जांच हुई तो कमिश्नर का कथित आदेश फर्जी पाया गया। कोतवाली शिवपुरी में फरियादी लता दुबे पत्नी स्व. कन्हैयालाल दुबे उम्र 50 वर्ष लिपिक जनपद पंचायत शिवपुरी की रिपोर्ट पर दोनों आरोपी भाईयों बलवीर रावत और बृजेश रावत के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। दोनों आरोपी फरार बताए जाते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक शिवपुरी ने 17 नवंबर 2013 को कलेक्टर शिवपुरी को भेजे अपने प्रतिवेदन में कहा था कि आरोपी बलवीर पुत्र कैलाश रावत निवासी लालगढ़ का मु य उद्देश्य आतंक फैलाना है। उसके विरूद्ध मारपीट, हत्या, लूट, जान से मारने का प्रयास, गाली-गलौंच आदि के तमाम मामले दर्ज हैं।

वह सन् 2007 से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। समय-समय पर उसके विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की गई है, लेकिन उसकी आपराधिक गतिविधियों पर कोई अंकुश नहीं लग सका है। एसपी ने रासुका 1980 की धारा 3 (2) के अंतर्गत कार्रवाई करने की जिला कलेक्टर से अनुशंसा की। इस अनुशंसा पर कार्रवाई करते हुए जिला मजिस्ट्रेट शिवपुरी ने आदेश दिनांक 15.04.2014 के तहत रासुका में आरोपी की गिर तारी का आदेश दिया। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश में कहा गया था कि बलवीर रावत को निरूद्ध करते हुए गिर तारी दिनांक से 1 वर्ष तक के लिए जिला जेल शिवपुरी में रखा जाए।

लेकिन आरोपी कलेक्टर के आदेश को निरस्त करने वाला कमिश्नर का कथित आदेश ले आया। उक्त आदेश को आरोपी के भाई बृजेश रावत ने जनपद पंचायत शिवपुरी में दिया। बृजेश का कहना था कि उसका भाई बाहर गया हुआ है उसने शपथ पत्र में उल्लेख किया कि भाई के बाहर होने के कारण वह कमिश्नर का उक्त आदेश जनपद पंचायत को कार्रवाई के लिए सौंप रहा है। उक्त आदेश की जब जांच की गई तो पता चला कि कमिश्नर ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया। जिसमें बलवीर रावत को रासुका से मुक्ति प्रदान की गई थी।