सीवेज प्रोजेक्ट के बाद अब सिंध परियोजना बनेगी नागरिकों की परेशानी का कारण

शिवपुरी। शहर में सीवर प्रोजेक्ट केे तहत चल रही खुदाई के कारण पूरा शहर गड्डों में तब्दील हो गया है। लेकिन चाहते हुए भी सड़कें नहीं बनाई जा सकती हैं, क्योंकि जलावर्धन योजना के तहत पाइप लाइन डालने के लिए फिर से खुदाई की जानी है,

 जलावर्धन योजना पर इस समय ग्रहण लगा हुआ है और यह योजना अधर में लटकी हुई है। वहीं निर्माण कंपनी दोशियान कार्य करने में आना-कानी कर रही है। जिससे लोगों को लंबे समय तक सड़कों पर हुए गड्डों का दंश झेलना पड़ेगा। साथ ही बरसात का मौसम भी पास आता जा रहा है। जिससे होने वाली कीचड़ और गड्डों में भरने वाले पानी से शहरवासियों को जूझना पड़ेगा। इसे शहर का दुर्भाग्य नहीं तो क्या कहेंगे। जो योजना शहरवासियों की पेयजल समस्या और सीवेज समस्या को खत्म करने के लिए लागू की गई थी वह अब लोगों के लिए अभिशाप बनती दिख रही है। 

यहां उल्लेख करना प्रासांगिक होगा कि नगरपालिका शिवपुरी द्वारा पूरे शहर में सीसी सड़कों का निर्माण कराया गया था। जबकि जलावर्धन योजना और सीवेज प्रोजेक्ट के तहत शहरभर में पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई किया जाना तय था। फिर भी नगरपालिका ने पूरे शहर में सीसी सड़कों का जाल बिछा दिया और उसकी परिणिति यह हुई कि खुदाई शुरू होते ही डाली गई सड़कें उखड़ गईं। यहां तक कि पीडब्ल्यूडी द्वारा डामर से निर्मित सड़कें भी खुदाई में पूरी तरह टूट चुकी हैं जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि सीवेज प्रोजेक्ट के तहत खोदी जा रही जगहों को समतल तक नहीं किया गया है। जिससे आए दिन राहगीर इन गड्डों में गिरकर घायल हो रहे हैं। यह समस्या शहरभर में व्याप्त है और अब जलावर्धन योजना में अड़ंगा लग जाने के कारण इन सड़कों का निर्माण भी नहीं हो सकता।

धूल से बढ़ रही हैं बीमारियां
शहर की सड़कें खुदने के बाद सड़क पर पड़ी धूल वाहनों के गुजरने और हवा के चलने से उड़कर लोगों के घरों, दुकानों तक पहुंच रही है। साथ ही सड़क से निकलने वाले राहगीर भी धूल के कारण परेशान हैं। जिससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। कई लोगों को धूल के कारण आंखों में इन्फेक्शन होना शुरू हो गया है तो कई लोग दमा और अस्थमा जैसी बीमारियों से भी ग्रसित हो रहे हैं।

पानी की पाइप लाइन नहीं डलेगी तो कैसे बनेंगी सड़कें : कलेक्टर
शहर में धूल और गड्डों की समस्याओं से जूझ रहे शहरवासियों को इस समस्या से निजात मिलना असंभव है, क्योंकि प्रशासन भी इस समस्या से लोगों को निजात इसलिए नहीं दिला सकता, क्योंकि जलावर्धन योजना के तहत खुदाई होना अभी बांकी है। इस समस्या से कलेक्टर आरके जैन भी अनभिज्ञ नहीं हैं और वह स्वीकारते हैं कि धूल और गड्डों की समस्या शहर में व्याप्त है, लेकिन बगैर काम पूर्ण हुए सड़कों का निर्माण भी नहीं कराया जा सकता है।

इस समय दोशियान कंपनी भी काम करने से पीछे हट गई है जिससे यह समस्या और गहरा गई है। शीघ्र ही कंपनी से बातचीत करके मामले को सुलझाया जाएगा और खुदाई का कार्य शुरू होगा। लोगों का परेशानी न हो इसलिए जिन स्थानों पर खुदाई कर पानी की लाइन डाली जाएगी उन स्थानों पर शीघ्र ही सड़क निर्माण करने का फैसला किया गया है। लेकिन सवाल उठता है कि यदि कंपनी बरसात के पहले यह कार्य नहीं करती है तो लोगों की मुसीबतें बढऩा स्वभाविक हैं।