डायनामाइट के विस्फोट से पर्यावरण को हो रही है गंभीर क्षति

शिवपुरी। शिवपुरी शहर में दिनों सीवेज प्रोजेक्ट के तहत खुदाई का काम बड़े जोरों पर चल रहा है और खुदाई के कारण शहरवासियों को कई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ रहा है। एक ओर जहां शहरवासी धूल और गड्डों से परेशान हैं। वहीं अब लोगों के साथ-साथ वन्य जीवों और ऐतिहासिक इमारतों को भी हानि पहुंचनी शुरू हो गई है। शहर से 2 किमी दूर करबला से श्मशान भूमि के पास में निर्माण ऐजेंसी द्वारा बड़े-बड़े पत्थरों को तोडऩे के लिए मशीनों की जगह डायनामाईट का प्रयोग किया जा रहा है।

 जिससे विस्फोट के कारण वहां से कुछ दूरी पर ही मौजूद सिंधिया राजवंश की छत्री को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं पास में ही नेशनल पार्क होने के कारण वहां के जीवों के संरक्षण पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। साथ ही पुराना करबला पुल और श्मशान भूमि वाले पुल पर भी विस्फोट का असर पड़ रहा है। जबकि शहरी क्षेत्र और नेशनल पार्क के आस-पास के क्षेत्रों में विस्फोट करना प्रतिबंधित है। इसके बाावजूद भी वहां डायनामाईट का प्रयोग किया जा रहा है।

विदित हो कि शिवपुरी शहर की सबसे खूबसूरत धरोहर छत्री जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। वहीं पास में ही नेशनल पार्क स्थित होने से शिवपुरी को पर्यटन नगरी घोषित किया गया है। लेकिन अब इन धरोहरों पर खतरे के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। अगर समय रहते प्रशासन चेता तो सीवेज प्रोजेक्ट के तहत हो रहे विस्फोटों से यह धरोहरें धराशायी हो जाएगी। अभी हाल ही में श्मशान भूमि क्षेत्र में सीवेज लाइन की खुदाई का कार्य प्रारंभ है और खुदाई के लिए मशीनें निर्माण कंपनी द्वारा लगाई गई हैं।

लेकिन ठेकेदार लाभ और समय की बचत के लिए मशीनों के स्थान पर डायनामाईट का प्रयोग कर विस्फोट कर चट्टानों को तोड़ रहे हैं। जबकि इस क्षेत्र में विस्फोट पर प्रतिबंध है। विस्फोटों के कारण पुराने समय के बने करबला पुल और श्मशान भूमि की ओर जाने के लिए बना पुल क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में आ गया है।

इनका कहना है-
ठेकेदार को खुदाई के लिए जो शर्तें निर्धारित की गई हैं। उनमें विस्फोट करने का भी उल्लेख है, लेकिन ठेकेदार के पास चट्टानों को काटने के लिए पर्याप्त मशीनें है। इसके बाद भी वह विस्फोट कर रहे हैं तो यह गलत है, क्योंकि जिस जगह पर विस्फोट किया जा रहा है। वहां विस्फोट करना प्रतिबंधित है, क्योंकि छत्री और नेशनल पार्क सहित कई पुरानी इमारतें वहां मौजूद हैं। जिससे इन धरोहरों को क्षति पहुंच सकती है। अगर वहां विस्फोट किए जा रहे हैं तो मैं इस मामले में जानकारी लेकर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा।
केजी सक्सेना
प्रोजेक्ट मैनेजर