एग्जिट पोल ने बताई सिंधिया की हार तो कोई बता रहा जीत

शिवपुरी। विभिन्न चैनलों के एक्जिट पोलों के गड़बड़झालों की सबसे बड़ी मिसाल यह है कि एक चैनल जहां सिंधिया की सुनिश्चित हार की भविष्यवाणी कर रहा है वहीं दूसरा चैनल उन्हें विजेता घोषित कर रहा है। एक चैनल जहां कमलनाथ को खतरे में बता रहा है। वहीं दूसरा चैनल सिंधिया की हार और कमलनाथ की जीत बता रहा है। जहां तक देशभर का सवाल है तो एक चैनल टाइ स नाऊ एनडीए की सीटों की सं या 249 बता रहा है तो वहीं दूसरा चैनल न्यूज 24- टुडेज चाणक्य एनडीए को 340 के शिखर पर पहुंचा रहा है।

एक चैनल ने तो बाराणसी चुनाव के दो दिन पहले नरेन्द्र मोदी को 61 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन बाबत् ओपिनियन पोल प्रसारित किया था। उस चैनल ने कांग्रेस को 16 प्रतिशत और आप उ मीदवार अरविंद केजरीवाल को महज 10 प्रतिशत मतों पर सीमित कर दिया था। एक्जिट पोलों की असलियत देश 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में भी देख चुका है। लगभग सभी चैनलों ने 2004 में इण्डिया शायनिंग का शिगूफा छोड़कर एनडीए की सत्ता में वापिसी की बात कही थी। बीजेपी गठबंधन को सभी चैनलों ने 284 के लगभग सीटें मिलने की बात कही है, लेकिन मिलीं महज 189 जबकि यूपीए को अधिकतम 160-165 सीटों का अनुमान बताया गया था, लेकिन यूपीए ने 222 सीटें जीतीं।

 वर्ष 2009 में भी एनडीए का गुणगान किया गया था। इस चुनाव में यूपीए को 262 सीटें मिली थीं जबकि अनुमान महज 200 सीटों का था। सवाल यह है कि इसके बाद भी ओपिनियन पोल और एक्जिट पोलों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाता। सभी चैनल यह दावा करते हैं कि ओपिनियन पोल और एक्जिट पोल के लिए वह सभी मानक दण्डों को पूर्ण करते हैं, लेकिन यदि ऐसा है तो सवाल यह है कि परिणाम में इतना अंतर क्यूं? सूत्र बताते हैं कि चैनल द्वारा या तो से पल साइज काफी छोटा होता है और कहा तो यहां तक जाता है कि सर्वे सिर्फ कागजों में रहते हैं। जहां तक गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र का सवाल है सही मायने में यदि आपको एक्जिट पोल लेना है तो कम से कम से पल साइज एक प्रतिशत मतदाता का अर्थात् 16 हजार वोटों का होना चाहिए। जबकि देशभर में 16 हजार मतदाताओं से पूछकर पूरे देश का चुनाव परिणाम बता दिया जाता है।

इस चुनाव में व्हीआईपी एक्जिट पोल की बात करें तो अमेठी से राहुल गांधी, वाराणसी से नरेन्द्र मोदी, कानपुर से मुरली मनोहर जोशी, लखनऊ से राजनाथ सिंह, पटना साहब से शत्रुघन सिंन्हा, मथुरा से हेमा मालिनी, इंदौर से सुमित्रा महाजन, मंदसौर से सुधीर गुप्ता, विदिशा से सुषमा स्वराज, भिण्ड से भागीरथ प्रसाद, मुरैना से अनूप मिश्रा, ग्वालियर से नरेन्द्र सिंह तोमर, रायबरेली से सोनिया गांधी, पीलीभीत से मैनका गांधी, बाडमेर से जसवंत सिंह चुनाव जीत रहे हैं। एव्हीपी न्यूज के एक्जिट पोल में सिंधिया की हार और कमलनाथ की जीत की भविष्यवाणी की गई है जबकि इण्डिया टीव्ही के अनुसार सिंधिया जीत रहे हैं और कमलनाथ कड़े संघर्ष में फंसे हुए हैं। आजमगढ़ से मुलायम सिंह की राह भी मुश्किल बताई गई है।

बागपत से अजीत सिंह और मथुरा से उनके सुपुत्र जयंत चौधरी की हार बताई जा रही है। केन्द्र सरकार के मंत्री कपिल सिब्बल को चांदनी चौक से और नई दिल्ली से अजय माकन की सुनिश्चित हार की भविष्यवाणी है। अमृतसर से अरूण जेटली को भी खतरे में फंसा हुआ बताया जा रहा है जबकि मेघा पाटकर, पूनम महाजन को हारा हुआ बताया जा रहा है। लेकिन एक्जिट पोल के अनुसार प्रिया दत्त की जीत सुनिश्चित है। आमतौर पर पाठकों और दर्शकों की याददाश्त कमजोर होती है और शायद इसी का फायदा उठाया जाता है, लेकिन एक्जिट पोलों के परिणामों को ध्यान में रखिए और नजर रखिए कि कौन अपनी विश्वसनीयता बनाए रखता है और कौन अपनी विश्वसनीयता खो रहा है।

दिल्ली में आप को बताई तीन सीटें
एक्जिट पोल के अनुसार आम आदमी पार्टी को दिल्ली में दो से तीन सीटें मिल सकती हैं। जबकि भाजपा के खाते में चार से पांच सीटें जा सकती हैं। कांग्रेस में कपिल सिब्बल, अजय माकन, संदीप दीक्षित सहित सभी उ मीदवारों की हार तय बताई जा रही है। आम आदमी पार्टी को चांदनी चौक जहां से आशुतोष शर्मा, नई दिल्ली आशीष खेतान और देवेन्द्र शहरावत की सीटों पर विजय मिल सकती है।