मण्डी में उत्पात : एसडीओपी की समझाईश के बाद मामला हुआ शांत

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शिवपुरी-विगत दिवस मण्डी प्रांगण में किसानों और व्यापारियों के बीच हुई बहस में किसानों द्वारा रौद्र रूप धारण कर लिया गया और मण्डी में तोडफ़ोड़ के साथ-साथ व्यापारियों की भी मारपीट की गई। हालांकि जो लोग किसानों के आक्रोश का शिकार हुए उनके द्वारा मेडीकल नहीं करवाया गया।
किसानों का कहना था कि मण्डी में चोरी-चकारी और दाना प्रथा के साथ-साथ वारदाने के रूप में हमारा माल  नहीं लिया जाता। हमारी नजर हटते ही हमारी ट्रॉलियों से अनाज चोरी कर लिया जाता है। इस संबंध में हमारे द्वारा कई बार मण्डी सचिव श्यामबिहारी शर्मा से शिकायत भी की गई लेकिन व्यापारियों, ह मालों और मण्डी सचिव का गठबंधन होने की वजह से आज दिनांक तक मण्डी में अनियमितताऐं दूर नहीं की गई। यह मामला कलेक्टर के संज्ञान तक जा पहुंचा। देर रात तक कोतवाली शिवपुरी में मण्डी सचिव और किसानों की बहस चलती रही। जिसमें से एकत्रित रूप से तीन किसानों को मण्डी सचिव की शिकायत पर अंदर भी किया गया लेकिन बाद में मण्डी सचिव द्वारा अपनी शिकायत वासप लेने पर उक्त किसानों को छोड़ दिया गया।

एसडीओपी ने दी समझाईश
कलेक्टर के निर्देशानुसार एसडीओपी शिवपुरी एसकेएस तोमर को कोतवाली शिवपुरी में टी.आई.आरकेएस राठौड़ के छुट्टी चले जाने पर इस मामले को सुलझाने के लिए भेजा गया। एसडीओपी द्वारा किसानों मण्डी डायरेक्टर को समझाईश दी गई और कड़े शब्दों में कहा गया कि लॉ एण्ड ऑर्डर(शांति व्यवस्था) मण्डी प्रांगण में बनाए रखें। यदि आपकी फसल चोरी होती है तो इस संबंध में मुझे जानकारी दें। मैं आपके हक का निवाला किसी और को छीनने नहीं दूंगा। लेकिन शांति व्यवस्था बनाए रखना बहुत आवश्यक है मारपीट और हुड़दंग मचाने से किसी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। मण्डी सचिव द्वारा भी कोतवाली में किसानों को आश्वासन दिया गया कि मण्डी में व्याप्त अनियमितताओं को दूर जल्द ही रोका जाएगा।

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