राजनीति के देखो रंग: कैसे हो रहा है अन्नदाता के सपनो का गैंगरेप

राजू ग्वाल यादव/शिवपुरी। अभी तक राजनीति के कई रंग आपने देखे होगें। लेकिन इस चुनाव में अन्नदाता के सपनो का गैंगरेप रोज हो रहा है। मुआवजे ने नाम पर दोनो दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है। भगवान ने अन्नदाता की फसले तो लूट ली है। और वोट लूटने का काम राजनैता कर रहै है।

बस कहते है मुआवजा मिल  जाऐंगा या इस दल के कारण नही मिल पा रहा है। कब मिलेंगा कैसे मिलेगा इसकी कोई ठोस तारिख किसानो के पास नही है। अगर इस तारिख तक नही मिलेगा तो में अपने पद से इस्तीफा दे दुंगा ऐसी ठोस घोषणा किसी भी दल से किसी भी नेता नही की है।

ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों को लेकर मुआवजा वितरण का मुद्दा लोकसभा चुनाव प्रचार में छाया हुआ है। कांग्रेस का दावा है कि केंद्र सरकार ने मुआवजे के 500 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार को दिए हैं लेकिन यह राशि भाजपा नेताओं की जेब में है। वहीं भाजपा केन्द्र से मदद न मिलने का रोना रो रही है। आरोप.प्रत्यारोप की राजनीति के बीच पीडि़त किसानों के दुखों पर किसी तरह का कोई मरहम नहीं लग सका है। कारण यह है कि जिले के एक लाख पीडि़त किसानों के लिए 96 करोड़ रुपए का बजट चाहिए लेकिन मात्र 5 करोड़ रुपए का बजट मुआवजा वितरण के लिए मिला। जो उट के मुह मेें जीरा समान है।

सिंधिया ने लगाया भाजपा पर आरोप

कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश की भाजपा सरकार पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि केन्द्र ने 500 करोड़ रुपए की राशि मप्र को दी हैए लेकिन राज्य सरकार वितरण में लापरवाही कर रही है। पूर्व में भी मुआवजा वितरण की राशि में राज्य में अनियमितताएं की गईं।

भाजपा ने कहा केंद्र ने नहीं दी मदद

भाजपा की ओर से मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहानए पीएम पद के उ मीदवार नरेंद्र मोदी और प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया लगातार अपनी चुनावी सभाओं में केन्द्र पर मदद न देने का आरोप लगा रहे हैं। सीएम शिवराज सिंह ने आरोप लगाए कि महाराष्ट्र को विशेष पैकेज दे दिया गयाए जबकि मप्र के साथ भेदभाव किया। गांधी पार्क में नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में भेदभाव के आरोप लगाए थे।
 
एक कहावत है आपने भी सूनी होगी अपने देश में रोटी नही है, तो क्या वादे खा लिजिए, पहनने को कपड़े नही तो क्या वादे लपेट लिजिए कुछ ऐसा ही रहा है। मुआबजा नही तो क्या सीएम के दिखाये गये  सपनो से ही अपना घर बना लिजिए, अपनी बेटी के हाथ पीले कर लिजिए, सीएम साहब केन्द्र को रोना रो रहे है। और केन्द्र भाजपा को कोस रही है। और दिए जा रहे सिर्फ वादे किसी भी दल के किसी भी नेता ने कोई ठोस वायदा जनता से नही किसा है। कि अगर इस तारिख तक मुआबजा नही मिला तो में अपने पद से इस्तीफा दे दुंगा।