आचार संहिता के चलते पार्षदों की मौज

शिवपुरी। पिछले कई वर्षों से जल संकट से जूझ रहे शिवपुरी शहर के लिए नगरपालिका द्वारा जल सप्लाई की व्यवस्था बनाई गई है, लेकिन इस बार आचार संहिता के कारण जन प्रतिनिधि जल सप्लाई नहीं करेंगे। उनकी जगह नपा के कर्मचारी जल वितरण कराएंगे।

इस कारण इस वर्ष जनप्रतिनिधियों ने राहत की सांस ली है। नगरपालिका द्वारा पेयजल व्यवस्था के लिए 2 करोड़ रूपये की राशि खर्च करेगी। साथ ही गांधी पार्क, बड़ौदी, लाल माटी, फिजीकल क्षेत्र सहित शहर के आसपास बसीं कुछ अवैध कॉलोनियों के लिए पेयजल की अलग व्यवस्था की गई है। नपा द्वारा 60 प्राईवेट टेंकरों के टेंडर पास किए गए हैं। इसके साथ ही चार बड़े टेंकरों और नपा के 7 टेंकर भी शुरू किए जाएंगे। वहीं 12 हाईडेंट और शहरभर में लगे 450 ट्यूबबैल शहर की जनता की प्यास बुझाएंगे। जल सप्लाई का यह कार्य 1 अप्रैल से शुरू किया जाएगा। नपा द्वारा प्रति वार्ड के लिए प्रति वार्ड के लिए 8 चक्कर निर्धारित किए गए हैं।

यहां उल्लेख करना प्रासांगिक होगा कि नपा द्वारा पिछले वर्ष जल सप्लाई में करोड़ों रूपये खर्च किए, लेकिन उसके बावजूद भी शहर की जनता पानी के लिए त्राहि-त्राहि करती रही,  लेकिन करोड़ों रूपये बर्बाद करने के बाद भी शहर की जनता को पानी सुलभ नहीं हो सका था और पानी को लेकर कई संघर्ष भी हुए थे। साथ ही उस समय पार्षद अपने-अपने वार्डों में पानी सप्लाई की व्यवस्था बनाने के लिए नियुक्त किए गए थे और पार्षदों के बेरीफिकेशन के बाद भी टेंकर मालिकों को भुगतान किया गया था।

जिसमें कई शिकायतें पार्षदों द्वारा टेंकर सप्लाई में किए जा रहे भ्रष्टाचार को लेकर भी हुई थीं और कई जगह पार्षदों को जनता के आक्रोश को भी झेलना पड़ा था, लेकिन इस वर्ष जनप्रतिनिधियों को आचार संहिता के कारण इस कार्य से दूर रखा गया है जिस कारण पार्षदों ने भी राहत की सांस ली है और उनकी जगह नपा के कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा।

क्या पार्षदों के सहयोग के बिना पूर्ण हो पाएगा जल वितरण

इस बार लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहित लगी हुई है और जल समस्या शहर के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है। ऐसी स्थिति में जल सप्लाई का कार्य शासकीय कर्मचारी करेंगे। जिन्हें वार्डों की जानकारी तक नहीं है। जिस कारण  जल सप्लाई में भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा और नागरिकों को पानी नहीं मिला तो वह आए दिन हंगामा करेंगे। ऐसी स्थिति में पार्षदों के सहयोग के बिना जल सप्लाई का यह कार्य किस तरह पूर्ण हो पाएगा।