या तो शिवराज रिजाइन करें या मैं राजनीति छोड़ दूंगा: मेडीकल कॉलेज विवाद पर सिंधिया

शिवपुरी। अपने तीखे तेवरों के साथ बॉम्बे कोठी पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री के उस बयान को झूठा कराकर दिया जिसमें वो कह गए थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मेडीकल कॉलेज की घोषणा झूठ है और जनता के साथ छलावा है।

इस बयान की श्री सिंधिया ने कड़े शब्दों में निंदा की और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने खुला एलान किया कि वह स्वयं गलत होते है तो राजनीति छोड़ देंगें अन्यथा मुख्यमंत्री अपने पद से त्याग पत्र दें।

यहां शिवपुरी में मेडीकल कॉलेज की घोषणा को सिंधिया का सबसे बड़ा झूठ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बताने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है और मु यमंत्री पर सवालों की बौछार कर दी है। श्री सिंधिया ने मेडीकल कॉलेज की घोषणा के सारे सुसंगत तथ्यों को स्पष्ट करते हुए मु यमंत्री से सवाल पूछते हुए उन्हें चुनौती दी है कि यदि वह मुझे झूठा सिद्ध कर दें तो मैं राजनीति छोडऩे को तैयार हूं वरना मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा दे दें।

तीन तथ्यों पर साधान निशाना

श्री सिंधिया ने सिलसिलेवार ढंग और तथ्यात्मक रूप से अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि तथ्य कभी झूठ नहीं बोलते। पहला तथ्य पेश करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि पहला तथ्य यह है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री गुलामनवी आजाद ने 9 फरवरी को शिवपुरी की सभा में मेडीकल कॉलेज खोलने की घोषणा की। मु यमंत्री बताएं कि यह घोषणा गलत है अथवा सही। 

दूसरी तथ्य यह है कि 19 फरवरी को भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. विश्वास मेहता ने प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव अजय तिर्की को पत्र  लिखकर अवगत कराया कि मप्र में छिंदवाडा,  दतिया, रतलाम, शिवपुरी, शहडोल और  विदिशा में मेडीकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। इस पत्र में मेडीकल कॉलेज की अनुमाति लागत 189 करोड़ रूपये बताई गई। वहीं इस राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा जहां केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। वहीं 25 प्रतिशत राशि प्रदेश सरकार द्वारा दी जाएगी। मुख्यमंत्री बताएं कि यह पत्र सही है या गलत। 

श्री सिंधिया ने कहा कि तीसरा तथ्य यह है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मेडीकल कॉलेज स्वीकृति के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने समाचारपत्रों में बयान दिए कि प्रदेश में मेडीकल महाविद्यालय शुरू किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिनमें से सात महाविद्यालय स्वीकृत हो चुके हैं। चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव अजय तिर्की ने बयान दिया कि महाविद्यालय शुरू होने से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में दूरगामी परिणाम अच्छे होंगे। मु यमंत्री बताएं कि यह तथ्य सही है अथवा गलत। श्री सिंधिया ने चौथे तथ्य में भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. विश्वास मेहता के उस वक्तव्य का  हवाला दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में सात मेडीकल कॉलेज की स्वीकृति हो चुकी है और इसके दूरगामी परिणाम अच्छे होंगे।

सिंधिया ने किया मुख्यमंत्री से सवाल..?

श्री सिंधिया ने सीएम से पूछा है कि वह बताएं यह तथ्य सही है अथवा गलत। श्री सिंधिया ने बताया कि डॉ. पीके सारस्वत को शिवपुरी मेडीकल कॉलेज का नोडल अधिकारी बनाया गया है। मु यमंत्री बताएं कि यह तथ्य सही है या गलत। तथ्यों के विषय में श्री सिंधिया ने अखबारों की कटिंग को भी पत्रकारों के समक्ष प्रमाण के रूप में पेश किया। तथ्यों के पश्चात श्री सिंधिया ने मु यमंत्री से पहला सवाल यह किया है कि वह बताएं कि सुषमा स्वराज के क्षेत्र विदिशा में मेडीकल कॉलेज की स्वीकृति झूठ है या सही। दूसरा सवाल यह है कि मेडीकल कॉलेज के लिए केन्द्र सरकार की स्वीकृति आवश्यक होती है फिर बिना केन्द्र सरकार की स्वीकृति के मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 सित बर 2013 को विदिशा में मेडीकल कॉलेज का शिलान्यास कैसे कर दिया। श्री सिंधिया ने मु यमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और यदि उनका कोई झूठ उजागर होता है तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

केन्द्र से प्रदेश को दिलाए 500 करोड़

सिंधिया द्वारा काली पट्टी लगाए जाने पर मुख्यमंत्री द्वारा कटाक्ष किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि उनका नौटंकी में भरोसा नहीं हैं। नौटंकी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करते हैं। श्री सिंधिया ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में राहत के लिए उन्होंने और कमलनाथ आदि ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रदेश को 500 करोड़ रूपये दिलाए हैं। श्री सिंधिया ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इसके बाद भी मुख्यमंत्री गलत बयानी कर रहे हैं।