खुदाई से खुदा शहर, टेलीफोन व्यवस्था ध्वस्त, उपभोक्ता परेशान

शिवपुरी। शहर की बहुप्रतीक्षित सीवर प्रोजेक्ट योजना के तहत हो रही खुदाई से सड़कों के साथ-साथ टेलीफोन लाईनें भी ध्वस्त हो गई हैं। जिससे नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और कई बार नागरिकों के रोष के कारण खुदाई का काम भी रूक चुका है।

शहरभर में जहां सड़कें टूट जाने से आवागमन में लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं अब टेलीफोन का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं का संपर्क खुदाई के बाद लाईन टूटने से अवरूद्ध हो गया है। वहीं ठेकेदार की मनमानी के कारण खुदाई का काम कछुआ चाल से चल रहा है। जिस कारण लोगों का आक्रोश भी बढ़ रहा है।

विदित हो कि शहर में सीवेज प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए पीएचई विभाग द्वारा खुदाई का ठेका देकर खुदाई कराई जा रही है, लेकिन ठेकेदार द्वारा काम में हो रही लेट लतीफी का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है और लोगों के आक्रोश के कारण कई बार खुदाई का भी रूक चुका है। वहीं पीडब्ल्यूडी और पीएचई विभाग भी खुदाई शुरू होने से पहले आमने-सामने आ चुके हैं। 

वहीं वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद संजय गुप्ता पप्पू ने सीवेज प्रोजेक्ट के तहत प्रयुक्त की जाने वाली सामग्री को घटिया करार देते हुए काम रूकवा दिया है। वहीं गांधी कॉलोनी में काम शुरू होने से पहले ही पीएचई और पीएडब्ल्यूडी विभाग सड़कों की मर मत न किए जाने को लेकर आमने-सामने आ गए थे और यह मामला पुलिस तक भी पहुंचा था, लेकिन अब खुदाई के दौरान आने वाली अड़चनें खत्म हो गई हैं।

फिर भी ठेकेदार द्वारा काम में लेटलतीफी की जा रही है। जिससे नागरिक परेशान हो रहे हैं। वहीं शहरभर की टेलीफोन लाईनें भी खुदाई के दौरान ध्वस्त हो चुकी हैं। जिससे पूरे शहर का संचार संपर्क भी ठप्प हो गया है। ऐसी स्थिति में लोगों का गुस्सा टेलीफोन कंपनियों पर टूट रहा है। वहीं टेलीफोन कंपनियों को खुदाई का काम धीमी गति से चलने के कारण लाईनें जोडऩे में परेशानियां आ रही हैं। ऐसी स्थिति में जहां लोगें का संचार संपर्क टूट गया है। वहीं सड़कों से भी संपर्क टूट जाने से समस्या गंभीर हो गई है और निर्माण कंपनी और प्रशासन लोगों की समस्याओं को ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में खुदाई कर रहे कर्मचारियों को नागरिकों का आक्रोश झेलना पड़ रहा है।

खुदाई में निकली मुरम को ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं ठेकेदार

शहरभर में सीवेज प्रोजेक्ट के तहत निकली मुरम को ठेकेदार द्वारा ऊंची कीमतों पर बेची जा रही है। एक ट्रॉली मुरम की कीमत 1300 रूपये ठेकेदार द्वारा निर्धारित की गई और बिना किसी रोक-टोक के मुरम बेचने का काम धड़ल्ले से हो रहा है और प्रशासन व विभाग के आला अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हुए हैं।