3 सुअरपालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 2 मंत्रियों के आदेश

शिवपुरी। बड़े सूअरपालकों से नगरपालिका प्रशासन भयभीत है। यह बात अब प्रमाणित होती नजर आ रही है। पहले नगरपालिका ने महज 13 छोटे सूअरपालकों के खिलाफ एसडीएम न्यायालय में इस्तगाशा पेश की थी। नपा के रिकॉर्ड के अनुसार 13 सूअरपालकों के पास कुलमिलाकर 2 हजार सूअर हैं। जबकि शहर में सूअरों की संख्या 10 हजार से अधिक है।

इतनी अधिक संख्या में सूअर तीन सूअरपालकों पर हैं। जिनके खिलाफ शायद भयवश कोई कार्रवाई नहीं की गई थी, परंतु प्रभारी मंत्री कुसुम मेहदेले और यशोधरा राजे सिंधिया की फटकार के बाद नपा प्रशासन चेता है और उसने तीन बड़े सूअरपालकों के खिलाफ देर से ही सही एसडीएम न्यायालय में इस्तगाशा पेश कर दी है। शहर के सबसे बड़े तीन सूअरपालकों राजेश गेचर पुत्र रमेश निवासी गांधी कॉलोनी, संतोष कोड़े पुत्र श्यामलाल कोड़ निवासी नपा के पीछे, मुन्ना खरे पुत्र रामचरण खरे निवासी गांधी कॉलोनी के खिलाफ एसडीएम न्यायालय में इस्तगाशा दाखिल की है।

शिवपुरी शहर की फिजा को खराब कर रहे सूअरों के खिलाफ नगरपालिका प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे के निर्देश के बाद अब सक्रिय होती नजर आ रही है। जहां नगरपालिका ने हाल ही में 9 सूअरपालकों के खिलाफ कोतवाली और देहात थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। वहीं अब यहां उल्लेख करना प्रसांगिक होगा कि सूअरों की समस्याओं से जूझ रहे शहर को सूअरविहीन करने का जो निर्णय स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा लिया गया था।

वह नगरपालिका की उदासीनता के कारण पूर्व नहीं हो पा रहा था, लेकिन मंत्री के बढ़ते दबाव के बाद नपा के अधिकारी सक्रिय हुए और नपा ने सूअरपालकों को नोटिस जारी कर कार्रवाई एसडीएम न्यायालय में इस्तगाशा लगाई। इस लगाई गई इस्तगाशा पर 13 सूअरपालक घनश्याम मेहत, भगतराम, शक्ति धौलपुरिया, दयालाल खरे, विजय मेहते, बब्बल मेहते, बालमुकुंद, नंदराम, बलबंत, किशन, गिरवर, बच्ची कोड़े और कल्ला मेहते को नोटिस जारी का जवाब मांगा, लेकिन सूअरपालकों ने नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं दिया।

उसके बाद 23 जनवरी को साक्ष्य के लिए सूअरपालकों को एसडीएम कोर्ट में हाजिर होने के बुलाया गया। इसके बाद 6 फरवरी को न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि  सूअरों को जिले की सीमा से बाहर करें और इस कृत्य में व्यवधान उत्पन्न करने वाले तथा सूअरों पर मालिकाना हक जताने वाले सूअरपालकों के विरूद्ध भादवि की धारा 188 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। इसके बाद नपा ने 9 सूअरपालक किशन पुत्र चिंटू, बलबंत पुत्र सरनाम, बच्ची पुत्र उमराव, बब्बल पुत्र कल्ला, घनश्याम पुत्र लल्ला, सुरेश पुत्र इतवारी के खिलाफ कोतवाली में धारा 188 के तहत मामला दर्ज कराया और बाद में देहात थाने में तीन सूअरपालक बच्ची पुत्री ईश्वर स्वीपर निवासी हरिजन बस्ती, गिरवर पुत्र सावलिया स्वीपर और उसका भाई सावलिया स्वीपर के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ।

जिनमें से दो कर्मचारी गिरवर और शक्ति नपा में पदस्थ थे। लेकिन इन सूअरपालकों के पास अधिक सं या में सूअर नहीं थे। शहर में सबसे बड़े सूअर पालक राजेश, संतोष और मुन्ना हैं। इस बात की पुष्टि नपा के अधिकारियों ने की है और इनके पास करीब 4 से 5 हजार सूअर हैं। जो सूअरों को खुलेआम सड़कों पर छोड़े हुए हैं। नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि जिन सूअरपालकों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई हुई है। वह तो छोटे-मोटे सूअरपालक हैं। लेकिन ये तीनों सूअरपालक अपनी दबंगाई के चलते सूअर नहीं हटा रहे थे। जिस कारण नपा को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी और तीनों सूअरपालकों के खिलाफ एसडीएम न्यायालय में इस्तगाशा लगाई गई।