कभी सियापुरी तो कभी सीपरी के नाम से बनता बिगड़ता रहा था इस शहर का नाम

शिवपुरी। पूरे 93 साल हो गए शिवपुरी को अपना मूल नाम वापस मिले हुए। इससे पूर्व यह शहर कभी सियापुरी तो कभी सीपरी के नाम से पुकारा जाता रहा परंतु 1 जनवरी 1920 को इस शहर को अपनी पुरानी पहचान वापस मिली।

कभी सियापुरी तो कभी सीप्री के नाम से इस नगरी का नाम बनता-बिगड़ता रहा था इसलिए इसका वास्तविक नाम आज 01 जनवरी के दिन ही हुआ और तब से इसे शिवपुरी नाम दिया गया। चूंकि यहां की नगरी के लोगों की शिव में प्रबल आस्था थी इसलिए भी शिव के नाम अनुरूप मुगलकीलीन समय में शिवपुरी किया गया।

बताया जाता है कि इस क्षेत्र के इतिहास में 10वी-11वीं शताब्दी के राजा अवन्ति बरमन के गुरू पुरन्दर के पांच शिष्यों व्योम शिव हरि शिव, शिव-शिव की तपस्या हेतु पृथक-पृथक मठ बनवाए गए थे चूंकि शिवपुरी में शिव का प्रबल मत था इसलिए इसका नाम तत्कालीन समय से शिवपुरी लिया जाता था जो मुगल काल में कभी सियापुरी तो अंग्रेजी शासन के समय सीप्री के नाम से बिगड़ता रहा।

प्राचीन महत्व वाली इस नगरी के नाम पर सिंधिया स्टेट के समय में गजट नोटिफिकेशन में आदेश पारित हुआ और तब से इसका नाम शिवपुरी लिया जाने लगा और आम बोलचाल की भाषा में भी इस नगरी को शिवपुरी के नाम से पुकारा जाता है।

यह है आदेश
गजट नोटिफिकेशन ता.05.10.1919 नं.4 तहकीकात से मालूम हुआ कि सीप्री का असली नाम पुराना नाम शिवपुरी न कि सीप्री, लिहाजा दरबार करीने मसहियत मजबूत अपने असली तकहीमी नाम से ही मौजूदा रखा जावे। इसलिए हुक्म दरबार मुझक्का यह नोटिफिकेशन इस हुक्म वहिदयत से जारी किया जाता है कि तारीख यकूम जनवरी 1920 से हर सरकारी प्रायवेट व तहरीर व आम बोलचाल में शिवपुरी नाम लिखा और पुकारा जावे, सीप्री कतई नहीं।

यूं बताते हैं पं.विकासदीप शिवपुरी की कुण्डली अनुसार वर्षफल

शिवपुरी। यह तो नहीं कहा जा सकता कि भविष्य पर टिकी भविष्यवाणी क्या वाकई वह सच दिखा पाएगी जो कहा जा सकता है लेकिन भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियों को नकारा भी नहीं जा सकता। शिवपुरी में ज्योतिष रत्न विद्या से सम्मानित भविष्यवक्तता ज्योतिष पं.विकासदीप शर्मा ने वर्ष 2014 के भविष्य की रूपरेखा तय की है यह रूपरेखा किसी इंसान या इस संसार की नहीं बल्कि यह शिवपुरी शहर की भविष्यवाणी है जिसमें कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंंगें तो वहीं कई जगह उत्साह व उल्लास का वातावरण भी नजर आएगा। मई-जून के माह में शहर को किसी बड़ी जनहानि की घटना होने की संभावना दर्शाई जा रही है जो कि गत वर्ष 2013 में मार्च माह में नजर आई थी हालांकि यह कह पाना मुश्किल है लेकिन भविष्य में कुछ नए सपने और नई सोच के साथ शिवपुरी को यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया के रूप में नया राजा भी मिला है जिससे विकास की नई बयार बहने की संभावना प्रबल है। अपने ज्योतिषीय ज्ञान के आधार पर शिवपुरी के भविष्य के बारे में बताते हुए पं.विकासदीप शर्मा कहते है कि यूं तो शिवपुरी एक  उच्च शिखर की ओर अग्रसर होगी, क्योंकि यहां नया राजा स्वरूप यशोधरा राजे सिंधिया अंचलवासियों को मंत्री के रूप में मिली है जिससे उनके मंत्रीत्व काल में वर्ष 2014 में शिवपुरी नया इतिहास रचेगा, ज्योतिष के अनुसार इस वर्ष का राजा चंद्रमा है ओर मंत्री भी चंद्रमा है  चंद्रमा मन ओर सोच का मालिक है चंद्र एक स्त्री गृह है चंद्रमा जनता ओर राजा के मन विचारो से सोचे कार्य पूर्ण होंगे। यही कारण है कि सौभाग्य से शिवपुरी को 2014 मे विधायक भी एक राजा मिला है वो भी स्त्री गृह के रूप में चंद्रमा के प्रभाव से जनता और विधायक के मेल से एक नवीन शिवपुरी की रचना होगी। आपसी मतभेद भी दूर होंगे, गलत कार्य ओर चापलूसी करने वालो को नीचा देखना पड़ेगा क्योंकि चंद्रमा जब राजा होता है तब वो न्याय कराता है।

पर्याप्त मात्रा में होगी खेती तो घी-तेल होगा काफी महंगा

ज्योतिष मतानुसार पं.विकासदीप कहते है कि 31 मार्च से नव संवत्सर लगेगा,ज्योतिष के अनुसार हिन्दुओ का नया वर्ष प्रारम्भ होगा, ज्योतिष मंत्रिमंडल में इस वर्ष का राजा ओर मंत्री पद चंद्र के पास है धान्य का स्वामी मंगल है रस का स्वामी शुक्र है संवत का स्वामी शनि है इस कारण इस वर्ष खेती मे बाजरा, मूंग,मोंठ ,चावल एवं मक्का आदि पर्याप्त मात्र मे होंगे जबकि गन्ना, घी और तेल मे काफ ी महगाई रहेगी ।

बड़ी घटना का अंदेश मई में, गर्मी का प्रभाव भी रहेगा

ज्योतिष अनुसार बताया गया है कि आगामी 29.05.2014 तक मंगल की अंतर्दशा रहने से किसी भीषण आग्निकांड या बड़े विवाद के सामने आने से जनहानी की संभावना बनी हुई है तो वहीं इस बार मेघेश का राजा सूर्य होने से गर्मी का प्रकोप अधिक होगा वर्षा सामान्य से कुछ कम ही रहेगी, मंगल के प्रभाव से चोरी की घटनाओ मे व्रद्धि अधिक होने से पुलिस प्रशासन को परेशानी देगा,रसेस शुक्र होने से मांगलिक कार्यो मे वृद्धि होगी सामाजिक सम्मेलन इस वर्ष अधिकधिक रहेंगे। ज्योतिष विकास के अनुसार संभव है कि शासकीय वर्ग न्याययुक्त होकर सुचारु रूप से शासन चलाने मे सक्षम रहेंगे नीरसेस बुध होने से रेडीमेड कपड़े  होजऱी  सोना चाँदी  धातु ओर रत्न कुछ अधिक महंगे होंगे संवत का फ लेश शनि होने से फ लो की फ सलों को हानि देगा। रोग ओर माहमारी के परेशानी भी देखने को मिलेगी। संवत का दुर्गेश सूर्य होने से न्याय पालिका मे काफ ी सुधार आयेगा गलत कार्यो से धन कमाने वालो पर इस वर्ष अंकुश अधिक रहगी किसी बड़े घोटालो से जुड़े नेता ओर व्यापारी को जेल का मुह देखना पड़ेगा।

सौन्दर्य प्रसाधन और खरीद फरोख्त पर भी पड़ेगा प्रभाव

जब विवाह नहीं होंगे तो बाजारों में रौनक नहीं रहतीए इसी प्रकार शुभ कार्य नहीं होंगे तो आमजन खरीदारी में भी रूचि नहीं लेता। उसी प्रकार शुक्र के अस्त होने से अर्थए सौन्दर्य प्रसाधनए वाहनादि खरीद फरोख्तए आभूषणों के व्यवसाय पर भी प्रभाव पड़ता है। कपडा व्यवसाय भी इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। हमारी आर्थक व्यवस्था लगभग ठंडी पड़ जाती है। लेकिन इस वर्ष उच्च का गुरु नया साल बाजारों में रौनक बरकरार रखने वाला है। आने वाले साल में विवाह की धूम रहेगी। इस वजह से हर व्यवसाय पर शुभ प्रभाव रहेगा। कई लोगों का व्यवसाय चल पड़ेगा व अच्छी ग्राहकी होने से रुपया भी बाजार में आएगा। व्यापार खूब चलेगा। नया साल महिलाओं के लिए शुभ संकेत लेकर आया है। नवयुवतियों के लिए  यह है कि विवाह में बाधा आ रही होगी वह इस वर्ष नहीं रहेगी। शुक्र कला व सौन्दर्य के साथ इलेक्ट्रॉनिकए इंजीनियरिंग का भी कारक है। अत: जो युवतियां इससे जुडी हैं उन्हें लाभ रहेगा। युवा वर्ग के लिए भी  गुरु शुक्र का अस्त न होना उनके लिए हर क्षेत्र में सफलतादायक रहेगा। अस्त ग्रह कहीं ना कहीं बाधक बनता है। बेरोजगारए व्यवसायी वर्गए सेल्समैनए धर्म कर्म में आस्था रखने वालेए इंजीनियरए चिकित्सक से जुड़े व्यक्तियों के लिए समय बेहद उत्तम रहेगा। इंफ ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़े व्यक्ति भी इस वर्ष लाभान्वित होंगे। शुक्र का ज्यादा प्रभाव नई.नई टेक्नोलॉजी पर अधिक पड़ता है। जब आईटी सेक्टर में उभार आएगाए तो जो युवा आईटी सेक्टर से जुड़े हैं उन्हें सर्वाधिक लाभ होगा।