पहचाने गए भाजपा के गददार, पार्टी दिखा सकती बाहर का रास्ता

शिवपुरी। भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित भितरघाती प्रवृत्ति का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा है और प्रदेश में अभूतपूर्व सफलता के बावजूद भी शिवपुरी जिले में भाजपा को गहरा धक्का लगा है तथा उसकी सीटों की संख्या चार से घटकर दो पर आ गई है। इससे भाजपा में भितरघातियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बनना शुरू हो गया है।

सूत्र बताते हैं कि पांचों विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशियों ने भितरघातियों के बारे में पार्टी आला कमान को मौखिक रूप से अवगत करा दिया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के नगरमंत्री भरत अग्रवाल को तो चुनाव परिणाम घोषित होने के पूर्व ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और जिला महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा गुरू ने साफ तौर पर कहा कि अतिशीघ्र अन्य भितरघातियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी। भितरघातियों में पार्टी के कई प्रभावशाली कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

शिवपुरी, कोलारस, करैरा, पोहरी और पिछोर विधानसभा क्षेत्रों में से एक भी ऐसा नहीं है जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रत्याशी को हराने में कोई कसर छोड़ी हो। जिले में सर्वाधिक भितरघात शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में हुआ। जहां भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कार्य करने वाले पार्टी कार्यकर्ता उंगुली पर गिने जाने वाले थे और उनमें से भी जो कार्यकर्ता प्रचार में लगे थे वे डबल क्रास कर रहे थे।

भितरघात करने वाले कई पार्टी कार्यकर्ताओं की स्पष्ट रूप से पहचान भी हुई जिनकी संख्या दो दर्जन से अधिक है। इनमें कई वैश्य समाज से जुड़े पार्टी कार्यकर्ता और पार्षद शामिल हैं जिन्होंने भाजपा प्रत्याशी को हराने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी। खास बात यह रही कि भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ विषवमन करने वालों में अधिकतर भाजपा कार्यकर्ता ही शामिल थे। भाजपा जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत ने बताया कि भितरघात की मौखिक रूप से शिकायत मिली है, लेकिन पार्टी की बैठक कर इस बारे में प्रत्याशियों से विस्तार से जानकारी ली जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।

प्रहलाद भारती की जासूसी कर रहे थे पंजा छाप भाजपाई

पोहरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के एक वरिष्ठ मण्डल पदाधिकारी ने खुलकर भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद भारती के खिलाफ काम किया। उनके सहयोगियों में से कुछ ने बसपा तो कुछ ने कांग्रेस प्रत्याशी हरिवल्लभ शुक्ला का साथ दिया। श्री भारती का प्रचार करने वालों में अनेक कार्यकर्ता विरोधी प्रत्याशियों से सांठगांठ कर हर जानकारी शेयर कर रहे थे।

पूरी भाजपा ने ही बहिष्कृत कर दिया था देवेन्द्र जैन को

कोलारस में भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन की तो भितरघात के कारण ही शर्मनाक हार हुई। उनके प्रचार से लगभग पूरी भाजपा ने कन्नी काट ली थी। अनेक कार्यकर्ता प्रचार करने के लिए दूसरे विधानसभा क्षेत्र में चले गए और जो कार्यकर्ता वहीं जमे रहे उन्होंने भाजपा की कब्र खोदने में कोई कसर बांकी नहीं छोड़ी।

भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन पार्टी के लगभग एक दर्जन कार्यकर्ताओं पर उनके खिलाफ भितरघात करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन यह भी कह रहे हैं कि भितरघातियों का कुछ नहीं होगा, क्योंकि उन्हें उच्चस्तरीय संरक्षण प्राप्त है।

मुझे तो रमेश खटीक ने निपटा दिया: ओमप्रकाश खटीक

करैरा में भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश खटीक के खिलाफ निवर्तमान विधायक रमेश खटीक पर भितरघात का आरोप खुद पार्टी प्रत्याशी ने लगाया। उन्होंने रमेश खटीक को आरोपों के घेरे में लेते हुए कहा कि उन्होंने खुलकर बसपा प्रत्याशी प्रागीलाल जाटव का प्रचार किया।

करैरा में विधायक पद के भाजपा के अनेक दावेदारों ने ओमप्रकाश खटीक को हराने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी और ओमप्रकाश खटीक को अलग-थलग कर उनकी हार सुनिश्चित कर दी। भाजपा प्रत्याशी का आरोप है कि यदि समस्त भाजपा कार्यकर्ता उनके प्रचार में जुटते और भाजपा की जीत का बीड़ा उठाते तो उनकी पराजय नहीं होती।

यह बात दीगर है कि टिकिट वितरण के समय ओमप्रकाश खटीक पर अंतिम समय में टिकिट पर कब्जा कर लेने के आरोप लगाए गए थे और इसके पीछे एक बड़ी डील भी बताई जा रही थी। इतना ही नहीं ओमप्रकाश पर आरोप यह भी है कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए कई दूसरे शस्त्रों का भी उपयोग किया जिसकी अनुमति चुनाव आयोग नहीं देता था, बावजूद इसके वो हार गए।

यदि मदद कर देते सीएम तो प्रीतम में था पिछोर जीतने का दम

पिछोर में भाजपा कड़े संघर्ष के बाद महज 6-7 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हारी। सूत्र बताते हैं कि यदि पिछोर में भितरघात नहीं हुआ होता तो भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी सुनिश्चित रूप से विधायक बनते। उनके खिलाफ भितरघात को रोकने में पार्टी ने कोई मदद नहीं की और भाजपा प्रत्याशी की चुनौती को गंभीरता से भी नहीं लिया। आखिरी क्षण तक प्रीतम लोधी कोशिश करते रहे कि पिछोर में मुख्यमंत्री की सभा हो जाए, लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेताओं का तर्क था कि पिछोर का गढ़ जीतना भाजपा के लिए असंभव है इसलिए मुख्यमंत्री का समय क्यों खराब किया जाए। इस कारण प्रीतम लोधी अकेले अपनी दम पर ही चुनाव लड़ते रहे और चुनाव परिणाम ने साबित किया कि उन्होंने कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी केपी सिंह के दांत खट्टे कर दिए।

प्रीतम लोधी के खिलाफ भाजपा के कई स्थानीय वरिष्ठ नेता खुलकर प्रचार करते रहे और अनेकों ने पिछोर से बोरी बिस्तर समेट लिए तथा पूरे चुनाव के दौरान वे पिछोर में नहीं आए। इन कारणों से भाजपा शिवपुरी जिले में हुए भितरघात को काफी गंभीरता से ले रही है और सूत्र बताते हैं कि दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।


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