तात्या को रणछोड़दास बताकर पढ़ाया जा रहा द्विभाषी ज्ञान

शिवपुरी-शिवपुरी में अमर शहीद वीर तात्याटोपे के बलिदान को अमर सेनानी क्रांतिकारी से नवा जाता है लेकिन आजादी के इस महानायक क्रांतिकारी तात्याटोपे को स्कूलों के किताबी ज्ञान में रणछोड़दास बताकर पढ़ाया जा रहा है यह द्विभाषी ज्ञान बच्चों को मनोबल तो गिराएगा ही साथ ही बच्चे द्विभाषी ज्ञान पाकर तात्याटोपे के नाम को रणछोड़दास समझेंगें,
ऐसे में जिला प्रशासन और शासन स्तर पर सभी पुस्तकों में यह सुधार करने की मांग भी की गई और लिखित रूप से शिकायत भी दर्ज कराई। बाबजूद इसके आज तक इसमें कोई सुधार नहीं हुआ और इस संबंध में शिवपुरी प्रवास पर आए राज्यपाल रामनरेश यादव को ज्ञापन सौंपकर इस ओर शीघ्र सुधार करते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई है।

आज दिनांक 5 अक्टूबर 2013 को राज्यपाल महोदय का शिवपुरी आगमन हुआ। प्रवास के दौरान वह आजादी के महानायक क्रांतिरत्न वीर तात्याटोपे समाधि स्थल पर पहुंचे जहॉ उन्होने वीर तात्याटोपे को नमन किया। इस अवसर पर उन्हे  ज्ञापन सौंपा गया जिसका विषय राज्य शासन द्वारा संचालित पाठ्यक्रम में से शहीद तात्याटोपे से संबंधित जानकारी  भ्रामक व अविश्वस्नीय दिये जाने पर उन्हे पाठ्यक्रम में से तत्काल हटाये जाने की मॉंग की गयी है। ज्ञापन में स्पष्ट है कि इस संदर्भित मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र आदि को भी पूर्व में ज्ञापन दिये गये किंतु सुधार अभी तक नहीं किया गया। यह वर्ष तात्याटोपे जी का 200 वां द्विषताब्दी जन्मोत्सव वर्ष चल रहा है और राज्य शासन द्वारा पाठ्यक्रम में तात्याटोपे को रणछोड़दास बताकर उन्हे सन्यासी दर्शाकर उनके बलिदान का अपमान किया जा रहा है।

षहीद तात्याटोपे के वंषज सुभाष टोपे ने ग्वालियर से राज्यपाल महोदय के नाम पत्र भेजा  पत्र के माध्यम से संचालित पाठ्यक्रम में तात्याटोपे के बलिदान संदर्भित उन्होने कहा राज्यशासन की पुस्तकों में यदि इस प्रकार महापुरूषों के चरित्र पर दाग लगाये जावेगें तो भावी पीढ़ी किसका अनुसरण करेगी। उन्होने राज्यपाल महोदय से पाठ्यक्रम में सुधार करवाये जाने की अपील की व राज्यपाल महोदय को अगले वर्ष 6 जनवरी 2014 को तात्याटोपे जी के 200 वे जन्मदिन पर षिवपुरी में आयोजित होने वाले समारोह में षिरकत करने हेतु आमंत्रित भी किया। यह पत्र भी ज्ञापनकर्ता नितिन शर्मा ने राज्यपाल महोदय को सौंपा।