कांग्रेस ने मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा का उड़ाया मखौल

शिवपुरी। कांगे्रस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की 6 सितम्बर को शिवपुरी में आ रही जन आशीर्वाद यात्रा का मखौल उड़ाते हुए कहा कि यह जन आशीर्वाद नहीं, बल्कि जन श्राप यात्रा है। कांग्रेसियों के अनुसार मुख्यमंत्री ने जो कृत्य शिवपुरी जिले में अपनी सरकार के माध्यम से कराएं हैं। उसके फलस्वरूप वह आशीर्वाद के नहीं, बल्कि श्राप के अधिकारी हैं। कांग्रेसियों ने प्रेस बयान में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का गुणगान भी किया है और कहा कि  उनके जनहितैषी कार्यों पर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अड़ंगा लगाया जा रहा है।

एक प्रेस बयान में जिला कांग्रेस प्रवक्ता रामकुमार शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस महामंत्री बैजनाथ सिंह यादव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव, पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, जगमोहन सिंह सेंगर, केशव सिंह तोमर, अब्दुल खलील खां, रविन्द्र शिवहरे, राकेश जैन आमोल, रामकुमार यादव, सीतारात रावत, रामजीलाल कुशवाह, ऊषा भार्गव, डॉ. मनोज माहेश्वरी, डॉ. संदीप माहेश्वरी, नरेन्द्र यादव, भूपेन्द्र यादव, अरविंद धाकड़, संजय सांखला, अजय गुप्ता, संजय चतुर्वेदी, राजेन्द्र  पिपलौदा, जमील अंसारी, सुरेश राठखेड़ा, विनोद धाकड़ के हवाले से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल पूछा है कि श्री सिंधिया ने केन्द्र से 5 खदानें खुलवाई गईं, लेकिन उन्हें जनसामान्य को उपलब्ध कराने के स्थान पर किसे दिया गया। श्री सिंधिया ने सिंध पेयजल परियोजना तथा सीवरलाईन परियोजना को मंजूरी दिलाई, लेकिन आपकी प्रदेश सरकार ने तमाम अडंग़े लगाकर उस कार्य को निलंबित किया। केन्द्र शासन की महात्मा गांधी रोजगार योजना और तमाम केन्द्रीय योजनाओं को पलीता लगाकर उस धनराशि का उपयोग अपने फोटो छपवाने तथा होर्डिंग्स लगाने में किया। क्या यह उचित है? यह भी पूछा गया है कि क्या आपके प्रदेश में पदस्थ मंत्रियों पर लाकायुक्त में प्रकरण नहीं चल रहे। अटल ज्योति के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च कर बिजली देने का वायदा किया। उसे कब पूरा किया जा रहा है। क्या आप जन आशीर्वाद यात्रा में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी संसाधनों का बेजा इस्तेमाल नहीं कर रहे? कहने का मतलब साफ है कि आप की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। ऐसी स्थिति में शिवपुरी जिले की जनता आपको आशीर्वाद दे या श्राप?