अब यशोधरा राजे के खिलाफ वैश्य समाज के नेता भी तलाश रहे हैं संभावनाएं

शिवपुरी। विधानसभा क्षेत्र शिवपुरी में श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया को लेकर फिर से उम्मीदवारी की अटकलें जोर पकड़ रही हैं। भाजपा पार्टी सूत्रों के मुताबिक म.प्र. भाजपा हाईकमान श्रीमंत राजे को शिवपुरी विधानसभा से उम्मीदवार बनाने के लिए पहले से ही मन बनाये हुए था लेकिन अब स्वयं श्रीमंत राजे भाजपा प्रत्याशी के तौर पर शिवपुरी विधानसभा से चुनाव मैदान में आने का मन बना रही हैं। श्रीमंत राजे की उम्मीदवारी ने वैश्य समुदाय से जुड़े कांग्रेस के कार्यकर्ताओं राकेश गुप्ता, अजय गुप्ता एवं राकेश जैन आमोल को लेकर दावेदारी की संभावनाएं  बढ़ती दिखाई दे रही हैं।

 ऑल इण्डिया कांग्रेस कमेटी के द्वारा अंतिम स्कूटनी में यह विकल्प भी ख्ुाले तौर पर सामने आया है कि यदि भाजपा से प्रत्याशी श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया होती हैं तो संख्याबल के आधार पर कांग्रेस शिवपुरी विधानसभा से किसी वैश्य प्रत्याशी को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है और इन्हीं अटकलों के चलते ही पिछले एक पखवाड़े से राकेश गुप्ता और अजय गुप्ता की राजनैतिक सक्रियता साफ तौर पर दिखाई देने लगी है। विश्वस सूत्रों के मुताबिक जहां राकेश गुूप्ता वनस्थली को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पैरवी करने का मन बना रहे हैं वहीं राकेश गुप्ता ने श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के यहां अपनी मतभिन्नता को मिटाने के लिए दिल्ली पहुंचकर जमकर सफाई दी है। वैश्य प्रत्याशी की कांग्रेस में संभावनाओं ने अजय गुप्ता को भी खासा सक्रिय बना दिया है। गोविंद सिंह राजपूत के माध्यम से अजय गुप्ता भी चुनाव मेदान में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हो रहे हैं। शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल इन संभावनाओं में अपनी उम्मीदवारी को लेकर संवेदनशीलता के साथ पैरवी करवा रहे हैं।

शिवपुरी विधानसभा को लेकर भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया को उम्मीदवार घोषित करने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक इन प्रयासों के प्रारंभिक चरण में स्वयं राजे तैयार नहीं थीं। अब जबकि उनकी लगातार सक्रियता और मिलने वाले संकेत यह बता रहे हैं कि वह शिवपुरी विधानसभा चुनाव में किसी और की पैरवी करने की वजाये खुद चुनाव लड़ सकती हैं इसको भांपते हुए कांग्रेस में वैश्य प्रत्याशी की उम्मीदवारी इसलिए बढ़ती दिखाई दे रही है कि शिवपुरी विधानसभा में वैश्य समुदाय पर यशोधरा राजे सिंधिया का खासा प्रभाव है और एक बड़ा वर्ग शुरू से यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया को पसंद करता है। इसकी काट करने के लिए कांग्रेस ने वैश्य उम्मीदवारी को टटोलने का सिलसिला शुरू किया है ताकि चुनाव में वैश्य प्रत्याशी के सामने होने पर यशोधरा राजे सिंधिया से टक्कर ली जा सके। इसी चीज का लाभ पक्ष और विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस के वैश्य उम्मीदवार उठाना चाहते हैं।

जिसमें राकेश गुप्ता दिग्विजय सिंह और अजय गुप्ता व राकेश जैन आमोल श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के माध्यम से इन संभावनाओं का लाभ लेना चाहते हैं। चूंकि राहुल गांधी की स्टेटजी के मुताबिक जो स्कूटनी चल रही है उसमें भाजपा की तरफ से जो प्रत्याशी हैं उनको देखकर कांग्रेस के पैनल में गए नामों में फेरबदल किया जा सकता है। शिवपुरी विधानसभा को लेकर जहां निर्विवाद रूप से वीरेन्द्र रघुवंशी सशक्त दावेदार हैं लेकिन यशोधरा राजे सिंधिया की दावेदारी से वीरेन्द्र के प्रत्याशी होने पर कई तरह की संभावनाएं खड़ी हो गई हैं। उनको देखते हुए वैश्य उम्मीदवार का मंथन बड़ी तेजी से चल रहा है।

कोलारस से रामसिंह यादव ने ठुकराया प्रस्ताव

कोलारस विधानसभा को लेकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव का नाम पहली सूची में जारी होने की पूरी संभावना है लेकिन विरोधियों ने नए चेहरे के नाम पर रामसिंह को पीछे करने की जो योजना बनाई थी उसमें वह कुछ हद तक सफल हुए हैं और चन्द्रभान सिंह यादव की बहुजन समाज पार्टी से उम्मीदवारी होने पर रामसिंह यादव की पुत्री जो कि चन्द्रभान सिंह यादव के परिवार में पुत्रवधु हैं इस कारण कांग्रेस में महिला कोटे से मुनिया यादव को टिकिट मिलना मुश्किल होता दिखाई दे रहा है। इन परिस्थितियों का पटाक्षेप करने के लिए बढते लगातार विरोध को पाटते हुए रामसिंह यादव ने यह संदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देना शुरू कर दिया है कि जब मुझको लेकर इतना विरोध कांग्रेस कार्यकर्ताओं में है तो मैं कोलारस विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडने को तैयार नहीं हूं।

हालांकि रामसिंह यादव ने यह बात हाईकमान श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया से तो नहीं की है लेकिन निचले तौर पर अधिकतर कार्यकर्ताओं में उन्होंने यह संदेश दे दिया है इससे कोलारस विधानसभा में नए टिकिटार्थी रविन्द्र शिवहरे, भरत सिंह चौहान, बैजनाथ सिंह यादव, शिवनंदन सिंह पडरिया अपने मिशन को कामयाब होता देख उम्मीदवारी की नई रणनीति को बनाकर काम पर लग गए हैं और रामसिंह यादव ने सारा मामला श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के ऊपर छोड़ दिया है। यदि इस विषय में महाराज ने उनसे कोई बातचीत की तो शायद उनसे भी कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए कोलारस विधानसभा से चुनाव न लडऩे की बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव कर सकते हैं।