छपरा के बाद अब शिवपुरी कलेक्टर ने दिए मध्याह्ऩ भोजन चखने के आदेश

शिवपुरी-कलेक्टर आर.के.जैन ने कहा कि मध्यान्ह भोजन वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरदास्त नहीं की जावेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बच्चों को वितरण करने के पूर्व स्कूल का प्रभारी शिक्षक स्वयं भोजन चखें।
इसके बाद ही बच्चों को वितरित किया जावें। उन्होंने यह निर्देश आज कलेक्ट्रेट सभागार में मध्यान्ह भोजन वितरण की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मधुकर अग्नेय सहित सभी बी.आर.सी., बी.ए.सी. तथा प्रबंधक लीड सोसायटी उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि वर्षाकाल में मध्यान्ह भोजन को लेकर अधिक सावधानी की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि संबंधित विद्यालय के शिक्षक का दायित्व है कि बच्चों का पर्याप्त: स्वच्छ व निर्धारित गुणवत्ता का भोजन उपलब्ध कराया जावे। इसमें लापरवाही को बरदास्त नहीं किया जावेगा। उन्होंने कहा कि मध्यान्ह भोजन बनाने का कमरा व वर्तनों की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जावें। उन्होंने निर्देश दिए कि मध्यान्ह भोजन वितरण में गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित बी.ई.ओ., बी.आर.सी. तथा स्वसहायता समूह के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जावेगी। एमडीएम बंद होने की स्थिति में संबंधित बी.आर.सी. तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करेगें तथा वरिष्ट अधिकारियों को सूचित करेगें।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अग्नेय ने भी वर्षाकाल के दौरान मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के क्रियान्वयन में खाद्यान्न का भण्डारण, भोजन सामग्री का भण्डारण एवं भोजन पकाने के उपरांत विद्यार्थियों को स्वच्छता पूर्वक परोसे जाने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए। मध्यान्ह भोजन में उपयोग की जा रही सामग्री, पकाने के समय सावधानी एवं विद्यार्थियों को भोजन वितरण के पूर्व गुणवत्ता का परीक्षण महत्वपूर्ण पहलू है। वर्षाकाल के दौरान कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निर्देशों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित किया जावें।

उन्होंने कहा कि भोजन पकाने का कार्य किचनशेड में ही किया जावें एवं ऐसी शालाएं जहां किचनशेड निर्मित नहीं हुये है वहां भोजन पकाने हेतु उचित स्थल का चयन कर लिया जाये। यह स्थान ऐसा होना चाहिए, जहां भोजन पकाने के लिए स्वच्छता हो, भोजन पकाने व वितरण के संबंध में गुणवत्ता, शुद्धता तथा स्वच्छता हेतु समुचित उपाय अपनाये जायें, भोजन पकाने व प्रदाय किये जाने वाले वर्तनों की प्रतिनिधि साफ-सफ ाई बर्तनों के साबुन से की जावें, भोजन पकाने में उपयोग होने वाला पानी शुद्ध एवं साफ हो, भोजन पकाने से पूर्व रसोईयों द्वारा हाथों की साफ-सफाई साबुन से की जावें, शालाओं में भोजन पकाने वाली एजेन्सी द्वारा भोजन प्रदाय के पूर्व भोजन की गुणवत्ता शिक्षक द्वारा चैक करने के उपरांत ही विद्यार्थियों को वितरित किया जावें।

उन्होंने बताया कि भोजन पकाने के लिए ताजी सब्जियों तथा खाद्य सामग्री का प्रयोग किया जाये, प्रतिदिन ताजा भोजन पकाकर ही वितरित किया जाये, किसी भी स्थिति में बासा भोजन विद्यार्थियों को वितरित न किया जावें, किचनशेड व भोजन पकाने वाले स्थल पर वर्षाकालीन लीकेज स्थलों को पता कर तत्काल बंद करने की कार्रवाई की जावें, जिन लक्षित विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन पकाया एवं वितरित किया जाता है, वहां के भवन एवं किचनशेड में साफ-सफाई एवं उपयोग में लाये जाने वाले बर्तनों को ढ़कने की समुचित व्यवस्था की जावें, विद्यार्थियों को भोजन ग्रहण करने के पूर्व एवं पश्चात नियमित रूप से प्रतिदिन साबुन से हाथ धुलवाया जावें, खाद्यान्न को नमी व कीड़ों से बचाव करने हेतु कोठियों में रखा जावे तथा गेहूं को साफ कर ही पीसवाया जाये इसी प्रकार चावल की अच्छी प्रकार से साफ करने के उपरांत ही पकया जावें, दूषित भोजन वितरण होने पर एक्शन प्रोटोकॉल के तहत कठोर कार्रवाई किये जाने के निर्देश है अत: मध्यान्ह भोजन पकाने, वितरण करने के पर्याप्त स्वच्छता एवं साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखा जावें।