बसों में डीजल नहीं दिया तो हुआ हंगामा, कलेक्टर ने संभाली स्थिति

शिवपुरी। गत दिवस ग्वालियर में आयोजित मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के शुभारंभ समारोह में शिवपुरी जिले से लगभग 550 किसानों को लाने- ले जाने के लिए प्रशासन द्वारा 14 बसों की व्यवस्था की गई थी।
इनमें से 6 बसों के ड्रायवरों ने तो ग्वालियर जाने के लिए पहले से ही शिवपुरी में डीजल अपनी बस में भरवा लिया, लेकिन शेष 8 बसों के चालक ग्वालियर जाकर जब शिवपुरी में डीजल भरवाने खाद्य विभाग के अधिकारी की पर्ची लेकर पहुंचे तो उन्हें निराश होना पड़ा और पेट्रोल पंप संचालक ने उनसे साफ तौर पर कहा कि खाद्य अधिकारी ने उक्त पर्ची के आधार पर डीजल देने से मना कर दिया है। इससे बस संचालकों में आक्रोश छा गया। उन्होंने पहले खाद्य अधिकारी से बातचीत की और जब कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो पेट्रोल पंप पर बस स्टॉफ ने जोरशोर से खाद्य अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में कलेक्टर आरके जैन के हस्तक्षेप से बसों को डीजल दिया गया। तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिले से ग्वालियर में आयोजित मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के द्वितीय चरण में भाग लेने के लिए किसानों को शिवपुरी जिले से पहुंचाने का जिम्मा जिला प्रशासन ने लिया और ब्लॉक स्तर पर टारगेट फिक्स कर दिए। साथ ही यातायात विभाग को भी बसों की व्यवस्था का जिम्मा दिया गया और बसों में डीजल की व्यवस्था का जिम्मा खाद्य विभाग को सौंपा गया। यातायात विभाग बस संचालकों पर दबाव बनाकर उनकी बसों को ग्वालियर जाने के लिए तैयार कर लिया। साथ ही खाद्य अधिकारी एसपीएस कुशवाह ने 14 बस संचालकों को दूरी के हिसाब से डीजल की पर्चियां शिवपुरी फिलिंग स्टेशन के नाम से जारी कर दीं। कल सुबह सभी बसें किसानों को लेकर ग्वालियर के लिए रवाना हुईं। जिनमें 6 बसों में शिवपुरी फिलिंग स्टेशन पर डीजल भरवा लिया।

जबकि 8 बसों में पहले से ही डीजल भरा होने के कारण ग्वालियर से लौटकर डीजल भराने का फैसला किया और सभी बस संचालकों ने अपनी-अपनी पर्चियां संभाल कर रखीं। इसी दौरान दोपहर के समय खाद्य अधिकारी ने विभाग के एक कर्मचारी श्री चतुर्वेदी को पेट्रोल पंप पर पहुंचाया और आई हुईं पर्चियां पेट्रोल पंप संचालक ने ले लीं और बाद में पेट्रोल पंप संचालक को श्री चतुर्वेदी  ने कहा कि खाद्य अधिकारी श्री कुशवाह का आदेश है कि इन 6 पर्चियों के अलावा अब कोई भी पर्ची बस संचालक लेकर आता है तो उन्हें डीजल न दिया जाए और यह कहकर वह श्री चतुर्वेदी वहां से चले गए। रात्रि 11:30 बजे जब बसें ग्वालियर से लौटीं और अपना डीजल लेने पेट्रोल पंप पर पहुंची तो वहां उन्हें पंप संचालक ने डीजल देने से इंकार कर दिया।

इतना सुनते ही बस संचालक महेन्द्र खटीक, यतेन्द्र सिंह रघुवंशी, राजू खटीक, विनोद भार्गव, दिलीप कुमार, धर्मेन्द्र सोनी, शराफत खां, राजकुमार रघुवंशी भड़क गए और उन्होंने पेट्रोल पंप पर हंगामा खड़ा कर दिया और बस संचालकों का कहना है कि इस संदर्भ में जब उन्होंने खाद्य अधिकारी श्री कुशवाह से पूछा तो उन्हें खाद्य अधिकारी ने हड़का दिया। खाद्य अधिकारी की कथित अभद्रता के बाद बस संचालकों ने पेट्रोल पंप पर खड़े होकर उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इसके बाद जब हंगामे की खबर मीडियाकर्मियों को लगी तो वह मौके पर पहुंचे और कलेक्टर आरके जैन को इस पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। इसके बाद कलेक्टर के हस्तक्षेप से बसों को डीजल दिया गया। यह घटनाक्रम लगभग दो घंटे चला। इस दौरान बसों में सवार किसानों को परेशानी उठानी पड़ी। डीजल मिलने के बाद हंगामा शांत हुआ और बसें अपने-अपने स्थानों को रवाना हुईं।

बस संचालकों ने आदेश का पालन नहीं किया: खाद्य अधिकारी

इस मामले में खाद्य अधिकारी श्री कुशवाह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं, बल्कि सच्चाई यह है कि बस संचालकों ने सरकारी आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि शाम 6 बजे जब अन्नपूर्णा योजना का कार्यक्रम ग्वालियर में चल रहा था। उसी दौरान एक बस चालक पेट्रोल पंप पर डीजल की पर्ची लेकर आया। जब उससे कहा गया कि वह ग्वालियर नहीं गया। इसलिए उसे डीजल नहीं मिलेगा। जबकि एक अन्य बस चालक रात 12:30 बजे डीजल लेने आया। उसे किसानों को करैरा छोडऩा था। जो उसने नहीं छोड़ा।

अन्नदाता किसानों को रखा गया भूखा?

कल सुबह पूरे जिले से लगभग 550 किसानों को ग्वालियर में आयोजित मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के द्वितीय चरण में भाग लेने के लिए जिला प्रशासन ने किसानों को एकत्रित करने का जिम्मा ब्लॉक स्तर पर सौंपा था। रात्रि में जिन बसों को डीजल नहीं मिला। उन बसों के संचालकों ने जब पेट्रोल पंप पर हंगामा खड़ा कर दिया तो बसों में बैठे किसानों ने वहां उपस्थित बदरवास ब्लॉक के आरएईओ एनपी जाटव पर अपनी भड़ास उतार दी। किसानों ने कहा कि उन्हें सुबह 10:30 बदरवास में भोजन के डिब्बे दिए गए थे और उसके बाद ग्वालियर में भी उनके खाने की व्यवस्था नहीं की गई और अब रात्रि में भी उन्हें खाना नहीं दिया गया। भूख के मारे किसानों का बुरा हाल था। जिस कारण किसान भड़क गए। इस संदर्भ में किसानों को अपनी जिम्मेदारी पर लेकर आए एनपी जाटव से बात की तो उनका कहना था कि बदरवास के एसएडीओ आरके शर्मा ही इसका जबाव दे सकेंगे। मुझे तो सिर्फ किसानों की देखरेख के लिए पहुंचाया गया है।