शासन के सुशासन में ग्रामीणों की तहसीलदार से हुई हाथापाई, डिप्टी कलेक्टर ने किया बीच-बचाव

शिवपुरी। ग्वालियर संभागायुक्त के.के.खरे ने सुशासन शिविरों का संचालन इसलिए किया है ताकि हर ग्रामीण की समस्या का निदान उसके ही ग्राम में पहुंचकर किया जाए और बीते दो माह के अंदर पूरे संभाग में सुशासन शिविर के द्वारा हर समस्या का निदान कराए जाने के लिए प्रशासनिक टीम पहुंच रही लेकिन इन शिविरों में आने वाली समस्याओं से प्रशासनिक अधिकारी भी झल्लाने से बाज नहीं आ रहे है।

गत दिवस ग्राम अगर्रा में आयोजित सुशासन शिविर में ग्रामीण और तहसीलदार के बीच विवाद हो गया जिसमें तहसीलदार के अभद्र व्यवहार से नाखुश नजर आए और कई बार हालात बिगडऩे जैसी स्थिति बनी। जिस पर मौके पर पहुंची डिप्टी कलेक्टर ने इस मामले में तहसीलदार को ही ग्रामीणों के समक्ष जमकर फटकार लगाई और सख्त हिदायत दी कि वह ग्रामीणों की समस्याऐं सुनें और उनका निदान करें, बहस करने की आवश्यकता नहीं है। इस पर तहसीलदार का चेहरा मुरझाया नजर आया और ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली।

जानकारी के अुनसार गत दिवस ग्राम अगर्रा के सुशासन शिविर में ग्रामीण तहसीलदार राजेन्द्र शर्मा के अभद्र व्यवहार से इतने आक्रोशित हो गए कि उन्होंने झूमाझटकी करते हुए तहसीलदार के साथ हाथापाई कर दी। उसी दौरान डिप्टी कलेक्टर नीतू माथुर घटनास्थल पर पहुंची और उन्होंने बीच-बचाव कर तहसीलदार को जनता के गुस्से से बचाया। सूत्र बताते हैं कि घटना की जानकारी लेने के बाद श्रीमती माथुर ने तहसीलदार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह यहां समस्या निदान करने के लिए आएं हैं अथवा नई समस्याएं पैदा करने। 

इसके बाद जनता का गुस्सा शांत हुआ और तहसीलदार ने सफाई देना शुरू कर दिया। अगर्रा शिविर में मौजूद एक ग्रामीण लालाराम ने बताया कि शिविर में तहसीलदार का व्यवहार बहुत खराब था। उन्हें जब वीपीएल के राशनकार्ड हेतु आवेदन दिए गए तो उन्होंने गुस्से में कहा कि कटोरा लेकर भीख मांग लो। जो आता है वह वीपीएल राशनकार्ड बनवाने में लग जाता है। नामांतरण और बंटवारे के  प्रश्र पर भी उनकी ग्रामीणों से बहस तथा झड़प हुई। विवाद इतना गहराया कि कुछ ग्रामीणों ने तहसीलदार के साथ हाथापाई कर दी।

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