रात को खाया खाना, सुबह हो गई पूरे परिवार की मौत

शिवपुरी। जिले के नरवर क्षेत्र में शुक्रवार को एक बड़ा वीभत्सा हादसा घटित हुआ। यहां बीती रात्रि को परिजनों के साथ रात का खाना खोकर सोए एक कुशवाह परिवार के तीन लोग असमय ही काल के गाल में समा गए। मॉ-बेटे सहित दो बच्चियों की मौत रात्रि के भोजन से हुई है। पुलिस प्रथम दृष्टया इसे फूड पॉयजन का मामला मान रही है फिलहाल पुलिस मामले की विवेचना में लगी हुई है।

जिले के नरवर थाना क्षेत्र के ग्राम सिकंदपुर में आज सुबह उस समय मातम छा गया। जब खबर लगी कि गांव के रहने वाले एक कुशवाह परिवार में दो बच्चियों सहित एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई और एक युवक और बच्ची गंभीर अवस्था में हैं। दोनों पिता और बेटी को गंभीर अवस्था में नरवर स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया, लेकिन दोनों की हालत बिगड़ती देख उन्हें शिवपुरी रैफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही पिता ने दम तोड़ दिया। 

जहां शिवपुरी अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। जहां बच्ची की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। जब यह खबर पोहरी विधायक प्रहलाद भारती को लगी तो वह भी अस्पताल में बच्ची को देखने के लिए पहुंच गए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह मामला फूड पॉयजनिंग का प्रतीत होता है। पुलिस इस मामले को संदिग्ध मानकर चल रही है और विभिन्न दृष्टिकोणों से इस घटनाक्रम की जांच में लगी हुई है। बीती रात्रि ग्राम सिकंदपुर में निवासरत् एक कुशवाह परिवार में रात्रि भोज के लिए खाना बनाया गया था और सब्जी में आम की लौंजी भी बनाई गई थी। 

सभी सदस्यों ने उस खाने का सेवन किया और सो गए। लेकिन रात्रि के समय गृह मालकिन जमुनाबाई पत्नि काशीराम उम्र 70 वर्ष को अचानक उल्टियां हुईं। इसके बाद उनकी नातिन उर्मिला उम्र 16 वर्ष, नीलम  उम्र 11 वर्ष और कमलेश उम्र 12 वर्ष को भी उल्टियां होने लगी और उसके समय बाद जमुना के बेटे इमरत उम्र 35 वर्ष को भी उल्टियां होना शुरू हो गईं और उसके बाद जमुनाबाई सहित उर्मिला और नीलम की मौत हो गई और कमलेश और उसके पिता इमरत की हालत बिगडऩे लगी। जिन्हें स्वास्थ्य केन्द्र से शिवपुरी रैफर कर दिया गया। जहां रास्ते में इमरत ने दम तोड़ दिया और शिवपुरी अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, लेकिन कमलेश की हालत को देखते हुए उसे तुरंत भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। इस घटना से पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया।

समय पर होता इलाज तो बच जाती दो बच्चियों की जान

रात्रि के समय एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत के मामले में मृतकों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि यह घटना रात्रि करीब 12 बजे की है। इसके बाद जब परिवार के सदस्यों की हालत बिगडऩे की सूचना पड़ोसियों को लगी तो वह सभी को नरवर स्वास्थ्य केन्द्र लेकर आए, लेकिन वहां कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था और घटना के काफी देर बाद डॉक्टर स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। तब तक इलाज में बहुत देर हो चुकी थी और जमुनाबाई सहित उर्मिला और नीलम ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया था। डॉक्टरों की इस लापरवाही से तीन लोगों की जान जा चुकी थी। इससे घबराए डॉक्टरों ने इमरत  और कमलेश को माहौल न बिगड़े इस कारण आनन-फानन में शिवपुरी रैफर कर दिया। जहां इमरत ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।