जैन साधु और श्रावकों पर हमले से जैन समाज में आक्रोश

शिवपुरी। अहिंसा परमोधर्म के मार्ग पर चलने वाले जैन समाज के साधु व श्रावकों पर गत दिवस आगरा में किन्हीं लोगों ने हमला बोल दिया। इस घटना से पूरा जैन समाज आहत है और इस हमले के विरोध स्वरूप कलेक्टर आर के जैन को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि जैन समाज के साधु-संतों व श्रावकों के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदाय की जाए ताकि इस प्रकार की घटनाओं का सामना ना करना पड़ें।

यहां बता दें कि पूर्व में भी जैन समाज के साधु-संतों पर कई प्रकार के हमले किए गए जबकि जैन समाज हिंसा छोड़ अहिंसा के मार्ग पर चलता है उसके बाबजूद भी जैन समाज पर इस तरह से कुठराघात होना प्रशासन के लिए भी चुनौती का विषय है।

सकल जैन समाज द्वारा शुक्रवार की सुबह कलेक्टर निवास पर पहुंचकर एक ज्ञापन मप्र के महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा। यह ज्ञापन आगरा में हुए जैन साधू एवं श्रावकों पर हमले के विरोध में दिया गया है। ज्ञापन में सकल जैन समाज के लोगों ने हमला करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई सहित जैन संतों को सुरक्षा देने की मांग की गई है और जैन साधुओं पर हुए हमले की आलोचना भी की है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि अहिंसा धर्म का पालन करने वाले जैन संतों पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमला करने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। 

अभी कुछ माह पूर्व जैन मुनि प्रबल सागर जी महाराज पर भी सिद्ध क्षेत्र गिरनार में पण्डाओं द्वारा चाकुओं से हमला बोलकर उनकी जान लेने की कोशिश की गई थी। इसके बाद 29 अप्रैल को आगरा के पास ऐतमादपुर में बिहार करते हुए उपाध्याय निर्भय सागर महाराज एवं जैन श्रावकों पर एक समाज विशेष के असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया। जिसमें जैन श्रावकों को घातक चोटें आई हैं। जैन समाज से इन हमलों की आलोचना की है। साथ ही पुलिस व प्रशासन से मांग की है कि शीघ्र ही हमलावरों के विरूद्ध कड़े कदम उठाते हुए उन्हें दण्डित किया जाए। साथ ही सरकार को जैन संतों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की भी मांग की।

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