अंजाम तक पहुंचने से पूर्व ही यहां दम तोड़ देते हैं प्रशासन द्वारा चलाये गए यह अभियान

अभियान विशेष/ललित मुदगल/ शिवपुरी। इसे शहर का दुभाग्य कहें या प्रशासनिक इच्छा शक्ति का अभाव या फिर जन प्रतिनिधियों का दवाब जिसके चलते ग्रीन शिवपुरी-क्लीन शिवपुरी के लिए देखे गए सपने को धरातल पर मूर्त रूप देने के उद्देश्य एवं शहर की लचर व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा समय-समय पर चलाये गए अभियान अंजाम तक पहुंचने से पूर्व ही दम तोड़ते देखे गए।

पिछले दस वर्षो में जितने भी जिलाधीश और पुलिस अधीक्षकों ने जिले की कमान थामी उन्होंने अपने-अपने तरीके से शहर को साफ एवं सुदृण, अतिक्रमण मुक्त, यातायात व्यवस्था का सुचारू रूप से संचालन करने, कानून व्यवस्था बनाये रखने, खदान माफिया, लीड माफिया, मिलावट खोर माफियाओं और सामाजिक परिवर्तन के लिए अभियान चलाये गए। लेकिन उक्त सभी अभियान अंजाम से पूर्व ही दम तोड़ते नजर आये।

 कुछ जानकारों ने बताया कि जिलाधीश डॉ. आलोक शुक्ला द्वारा वैश्यावृत्ति  में लिप्त बेडिया समुदाय की महिलाओं के पुर्न उत्थान के लिए जावाली योजना चलार्ई गई वहीं पुलिस अधीक्षण अरूण प्रताप सिंह द्वारा कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए शहर एवं शहर के वाहर नाकों पर पुलिस सहायता केन्द्रों की स्थापना की गई, इसके बाद जिलाधीश डॉ. प्रभांशू कमल, शैलेस पाठक, बीएल कांताराव, श्रीमती एम गीता, डॉ. मनोहर अगनानी, मनीष श्रीवास्तव, डॉ.राजकुमार पाठक, जॉनकिंग्सली और वर्तमान जिलाधीश आरके जैन द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान, खदान माफियाओं द्वारा अवैध रूप से निकाले जा रहे पत्थर, ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को राशन उपलब्ध कराने, गरीबों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने, तालाबों का गहरीकरण सहित अन्य समस्याओं के खिलाफ अभियान चलाये गए।

वहीं पुलिस विभाग द्वारा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए नये-नये प्रयोग किये गए, लेकिन जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा अभी तक जितने भी अभियान  चलाये गए वह अंजाम से पहले ही दम तोड़ते गए। आज शहर अतिक्रमण की चपेट में है। खदान और लीड माफिया प्रशासन पर हावी है। कानून व्यवस्था लचर है। यातायात व्यवस्था चारों खाने चित्त है। जगह-जगह गंदगी के डेर लोगों मूंह चिड़ा रहे हैं। अब देखना यह है कि इन सभी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए क्या अब कोई अभियान पुन: चलाकर उसे अंजाम तक पहुंचाया जाएगा या फिर यूं ही दम तोड़ देगा।

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