कौन लगाएगा माधौ महाराज की प्रतिमा, नपा, भाजपा और कांग्रेसी अड़े

शिवपुरी। बीते महीने भर पहले शहर में उत्सव हत्याकाण्ड को लेकर जो बबाल मचा था उसमें कै.माधौ महाराज की प्रतिमा को भी उप्रदवियों व आक्रोशित भीड़ ने ना केवल खण्डित किया बल्कि उसे जमीन पर तोड़ा और आग के हवाले भी कर दिया। अपने वंशजों की इस दुर्गति को देखकर हालांकि केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और यशोधरा राजे सिंधिया के दिल को काफी ठेस पहुंची है लेकिन यहां अब मूर्ति तोड़े जाने के बाद उसे स्थायित्व प्रदान करने की होड़ सी लगी है।

एक ओर जहां नपाध्यक्ष ने घोषणा कर दी कि माधौ महाराज की प्रतिमा नपा द्वारा लगाई जाएगी इसके लिए नपा के परिषद सम्मेलन में भी सर्वानुमति से स्वीकृति मिल गई, वहीं दूसरी ओर कांग्रेसी जो बीते वर्षों से कै.माधौ महाराज की जयंती के अवसर पर उनकी जयंती व अन्य कार्यक्रम आयोजित करते है उसे लेकर इन कांग्रेसियों में भी मूर्ति की मंत्रोच्चारण विधि से प्राण प्रतिष्ठा कराकर मूर्ति स्थापित करवाने का मन है वहीं दूसरी ओर ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया भी माधवचौक चौराहे पर अपने वंशजों की प्रतिमा को पुन: स्थापित करने के लिए प्रयासरत है हालांकि उन्होंने तत्समय उत्सव हत्याकाण्ड के दौरान भी पत्रकारों से कहा था कि जल्द ही माधौ महाराज की मूर्ति स्थापित की जाएगी।

 अब यहां एक साथ तीन-तीन राजनीतिक, समाजसेवा व जनसेवा भरने वाले तमाम नेता इस होड़ में है कि मूर्ति की स्थापना उनके द्वारा कराई जाएग यह तो भविष्य बताएगा लेकिन जो मूर्ति खण्डित है वह भी अब तक ना तो सिंधिया परिवार को दी गई और ना ही कांग्रेसजनों व नगर पालिका के हवाले की गई। ऐसे में धारणा यह भी है कि यदि खण्डित मूर्ति नहीं मिलती है तो कहीं नई माधौ महाराज की प्रतिमा को स्थायित्व ना प्रदान कर दिया जाए। इस मामले में  जिला प्रशासन इस मामले में अनिर्णय की स्थिति में बना हुआ है कि मूर्ति किसे सौपी जाये। वही पुलिस प्रशासन की हालत आरोपियो को लेकर ढीली बनी हुई है। मूर्ति को अपमानित करने वाले आरोपियो के खिलाफ पुलिस का रवैया पूरी तरह से निष्क्रिय दिखाई दे रहा है।

 शहर  में उत्सव गोयल की मौत से उपजे जनआक्रोश ने शिवपुरी की  जनता को अंतर मन से  दुखी किया था और सभी वर्ग के लोग मृतक के परिजनो से सांत्वना बनाये हुये थे लेकिन इस विरोध ने शहर को हिंसा के रास्ते पर पहुचा दिया था। तत्तकालीन पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह पर भी आरोप लगे कि उन्होंने हेप्पीडेज स्कूल के संचालक के फोन पर प्रमुख आरोपी स्कूल के ड्रायवर शकील खा को छोड दिया,शायद यही बजह आम आदमी में हिंसा का कारण बनी। पुलिस के खिलाफ विरोध एक स्वभाविक प्रतिक्रिया थी जिसमें भाजपा के  कुछ नेता और जनाक्रोश से लबरेज जनता ने पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और शहर में तोडफोड करने वाले कई आरोपियो के  खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया।

लेकिन कै. माधौ महाराज की प्रतिमा को अपमानित करने वाले लोग भी इस बलबे में सामने आये और पुलिस ने उन्हें भी नाम दर्ज किया जिनमे भाजपा एवं कांग्रेस के जिम्मेदार लोग शामिल बताये जा रहे है। पुलिस के खिलाफ विद्रोह करने वाले लोगो के प्रति आज ढिलाई की जाना समझ में इसलिए आती है कि सत्ता से प्रशासन प्रभावित होता ही है मगर जिस व्यक्त्वि ने शिवपुरी के चहुमुखी विकास के लिये जल जंगल व जमीन को अपने नैसार्गिक रूप में स्थापित करने के लिये कार्य किया हो और उसके उत्ताधिकारियो  राजमाता सिंधिया , माधवराव सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस में प्रदेश नही बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी गौरवपूर्ण पहचान बनाई थी।

आज इनके वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं यशोधरा राजे सिंधिया दोनो ही पार्टियों में निर्विवाद रूप से जाने जाते है उनके पूर्वज माधौ महाराज की प्रतिमा को अपमानित करने वालो के खिलाफ पुलिस निष्क्रिय क्यो बनी है यह समझ से परे है जबकि पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुये नामजद आरोपियो मे से नरेश राठौर को गिरफतार भी कर लिया था उसके बाद पुलिस मामले को ठण्डे बस्ते मे डाले हुये है । सूत्रो की माने तो महल विरोधी लोगो ने मृतक उत्सव गोयल के आक्रोश को सिंधिया परिवार के खिलाफ भुनाने का प्रयास किया था और इस प्रयास में यशोधरा राजे सिंधिया के विरोधी सफल भी हुये है।

आज इन विरोधियो की शह पर पुलिस मामले में कोई कार्रवाई नही कर रही है और शिवपुरी शहर का आम आदमी न केवल पुलिस की कार्रवाई से दुखी है बल्कि उसे इस बात का भी दुख है कि कै. माधौ महाराज के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया और यशोधरा राजे सिंधिया उनकी मूर्ति की पुर्नस्थापना को लेकर अपने अपने सर्मथको के माध्यम से पारिवारिक वजूद को जताने का प्रयास कर रहे है।
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