उत्सव हत्याकाण्ड में गोविंद यादव और नंदू नाई बने पुलिस की अबूझ पहेली

शिवपुरी-बीते कुछ रोज पूर्व अपहरणकर्ताओं के हाथों मारे गए मासूम बालक उत्सव हत्याकाण्ड के दो नामजद आरोपी गोविंद यादव और नंदू नाई निवासीगण झांसी पुलिस के लिए पहेली बने हुए हैं क्योंकि अभी तक पुलिस झांसी में इन नामों के व्यक्तियों को तलाश नहीं पाई और न ही उनका पता ठिकाना पता चला है। पुलिस अधीक्षक डॉ. सिकरवार के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि शायद दोनों आरोपियों का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं उत्सव हत्याकाण्ड के तीसरे आरोपी शाकिर खान निवासी शिवपुरी की भी भरसक प्रयास के बावजूद अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

इस हत्याकाण्ड के दो आरोपी अकील खां पुत्र वकील खां उम्र 23 वर्ष निवासी सईसपुरा और फिरोज खां पुत्र बाबू खां उम्र 23 वर्ष निवासी चनावनी गिरफ्तार हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार उत्सव हत्याकाण्ड का इन्वेस्टीगेशन पूरा हो चुका है। सिर्फ चार्जशीट पेश करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी के आदेश का इंतजार है। उत्सव हत्याकाण्ड के नामजद पांच आरोपियों में से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिनमें से एक उस वाहन का चालक है जो उत्सव को स्कूल से घर तक लाता-ले जाता है। उस वाहन में गांधी कॉलोनी निवासी वैश्य परिवार का एक बालक भी जाता था।

अकील जब उत्सव को 2 मार्च को दोपहर 3:30 बजे गांधी पार्क से वाहन में ले जा रहा था तो उक्त बालक ने उन्हें देखा था। पुलिस का मानना है कि उक्त बालक इस केस में एक महत्वपूर्ण गवाह साबित हो सकता है और उसकी गवाही पर आरोपी अकील की दोष सिद्धी आसानी से प्रमाणित की जा सकती है। क्योंकि आखिरी बार उत्सव ड्रायवर अकील के साथ देखा गया था लेकिन उक्त बालक के पिता बच्चे की गवाही से हिचक रहे हैं। एसडीओपी संजय अग्रवाल के अनुसार उन्होंने जांच के दौरान आरोपियों के विरूद्ध पक्के सबूत एकत्रित कर लिए हैं जो आरोपियों को फांसी के फंदे तक ले जाने के लिए पर्याप्त हैं।

 इस हत्याकाण्ड का एक आरोपी शाकिर खां फरार बना हुआ है। जबकि पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए एडी से चोटी का जोर लगा दिया है। झांसी के दो नामजद आरोपी गोविंद यादव और नंदू नाई का कोई अता-पता नहीं चल रहा। पुलिस का पुख्ता अनुमान है कि उक्त आरोपी फर्जी हैं। लेकिन बताया जाता है कि शीघ्र ही एक पुलिस टीम झांसी जाएगी और यह तय होने के बाद कि झांसी के दोनों आरोपी फर्जी हैं उनके नाम केस से निकाले जाएंगे। सवाल यह है कि यदि उक्त दोनों आरोपी फर्जी हैं तो उनके नाम मामले में क्यों शामिल किए गए।