करैरा में स्थानीयता के मुद्दे को मिली हवा, राजनेताओं में मचा हड़कंप

शिवपुरी-जिले की करैरा विधानसभा सीट इस समय सुर्खियों में है क्योंकि यहां अब भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव के मद्देनजर  स्थानीयता के मुद्दे को हवा दी है जिससे अन्य बाहरी भाजपाई व कांग्रेसियों में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई है। ऐसे में कई ऐसे नेता जो शिवपुरी व अन्य क्षेत्रों में रहकर करैरा से दावेदारी करने के इच्छुक है उनके अरमानों पर पानी फिर सकता है।

यहां करैरा में इन दिनों विधानसभा चुनाव को लेकर काफी गहमा गहमी का माहौल देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां कांग्रेसियों ने तो साफतौर से स्थानीय नेता को ही चुनाव के लिए नामांकित करने की बात कही है तो इसी पैंतरे पर अब भाजपाई भी आने के मूड में है और वह भी चाहते है कि बाहरी प्रत्याशी को यहां से ना लड़ाया जाए और स्थानीय भाजपाई को ही दावेदारी प्रदान की जाए। अब यह देखने काबिल होगा कि यहां कांग्रेस और भाजपा के घमासान क्या बाहरी प्रत्याशी उम्मीदवार बनेगा अथवा यह स्थानीयता का मुद्दा यूं ही हवा हो जाएगा।

करैरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस तथा भाजपा में अनेक बाहरी प्रत्याशी विधानसभा टिकिट की दौड़ में हैं और दोनों दलों में ही ऊंची पहुंच के कारण बाहरी प्रत्याशी मजबूत नजर आ रहे हैं। इस कारण करैरा विधानसभा क्षेत्र में अब पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच स्थानीयता का मुद्दा गहराने लगा है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी करैरा के अध्यक्ष रवि गोयल ने तो साफ कह दिया है कि यहां बाहरी प्रत्याशी को सहन नहीं किया जाएगा तथा कांग्रेस में टिकिट का फैसला स्थानीय प्रत्याशियों में से ही होगा। भाजपा में भी इस मुद्दे के गर्माने के आसार उत्पन्न हो रहे हैं और इससे विधायक रमेश खटीक ने राहत की सांस ली है।

विदित हो कि करैरा विधानसभा सीट पिछले विधानसभा चुनाव से ही आरक्षित हुई है। उस समय कांग्रेस, भाजपा, बसपा और जनशक्ति पार्टी ने स्थानीय प्रत्याशियों को ही टिकिट दिया था। भाजपा के रमेश खटीक के मुकाबले कांग्रेस ने बाबू रामनरेश, बसपा ने प्रागीलाल जाटव और जनशक्ति पार्टी ने श्रीमती शकुंतला खटीक को टिकिट दिया था। चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रमेश खटीक की जीत हुई थी जबकि दूसरा स्थान बसपा प्रत्याशी प्रागीलाल जाटव ने प्राप्त किया था।

यहां शकुंतला खटीक तीसरे स्थान पर आईं थीं तथा कांग्रेस प्रत्याशी बाबू रामनरेश की जमानत जप्त हो गई थी। इस बार कांग्रेस की ओर से योगेश करारे, केएल राय, पूरन सिंह बेडिय़ा, शकुंतला खटीक, दासीराम अहिरवार, रामकली जाटव, बाबू रामनरेश, जसवंत जाटव आदि टिकिट के प्रमुख दावेदार हैं। टिकिट के इन दावेदारों की सूची स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी के मुद्दों के कारण दो भागों में विभक्त हो गईं हैं।

श्रीमती शकुंतला खटीक, जसवंत जाटव, बाबू रामनरेश, दासीराम अहिरवार का कहना है कि वह करैरा के निवासी हैं तथा यहीं उनकी राजनैतिक कर्मस्थली भी है। उनके अनुसार अन्य प्रत्याशी बाहरी हैं और उन्हें महत्व दिया गया तो करैरा की जनता इसे पसंद नहीं करेगी। लेकिन योगेश करारे का कहना है कि वह बाहरी नहीं हैं और करैरा में उनकी जमीन तथा मकान है। वह यहीं रहते हैं। ऐसा ही दावा केएल राय का भी है। उनके अनुसार करैरा उनकी कर्मस्थली है और यहां के सुख-दुख में वह हमेशा जुड़े रहे हैं। इस मुद्दे को हवा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रवि गोयल ने भी दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी चाहे जिसे भी टिकिट दे, लेकिन टिकिट स्थानीय कार्यकर्ता को मिलना चाहिए।