जनसुनवाई: सेप्टिक टेंक के ऊपर ही बना डाला मकान

शिवपुरी-प्रदेश की जनकल्याण के लिए जनसुनवाई में आए दिन आने वाले प्रकरणों की सुनवाई संबंधित अधिकारी कर रहे है। ऐसे में प्रति मंगलवार को जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों में अधिकांश पीडि़तों को न्याय मिल रहा है यही वजह है कि अपनी समस्याओं को लेकर पीडित जनसुनवाई का दरवाजा खटकटाते है और न्याय की गुहार लगाते है। आज मंगलवार को हुई जनसुनवाई में भी कुछ प्रकरण आए उनमें से हमें दो आवेदन ऐसे मिले जो बहुत संवेदनशील है इनमें एक तो अतिक्रमण का था तो वहीं दूसरा जनसुनवाई का।

जनसुनवाई में न्याय की गुहार लगाकर अतिक्रमण व अतिक्रमणकारी के विरूद्ध कार्यवाही की मांग कर रहे इंदिरा नगर निवासी  आलोक सिंह चौहान ने अपने शिकायती आवेदन में बताया कि शहर का इंदिरा नगर जो कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा स्थापित किया गया है यहां पानी, बिजली,सड़क, सीवर सभी सुव्यवस्थित तरीके से संचालित है लेकिन बीते दो-तीन महीनों से यहां एक अवैध अतिक्रमणकारी ने सैप्टिक टैंक के ऊपर ही अपना अवैध भवन तान दिया।

ऐसे में अभी दो दिन पूर्व हुई बारिश से पूरे इंदिरा नगर से निकलकर सैप्टिक टैंक में जाना वाला पानी अब रोड़ पर बह रहा है क्योंकि सैप्टिक टैंक पर अवैध कब्जा कर भवन तान दिया है जिससे यहां पूरे क्षेत्र में वातावरण दूषित हो रहा है और इसका असर अब नागरिकों पर भी होने लगा है जहां बीमारियों की जकड़ में वार्डवासी आने लगे है कई बार लिखित व मौखिक रूप से जिला प्रशासन एवं नगर पालिका को शिकायत भी की गई लेकिन कोई कार्यवाही ना होने से हालात जस के तस है। ऐसे में अब जिला प्रशासन से जनसुनवाई के माध्यम से इंदिरा नगर निवासी आलोक सिंह चौहान सहित समस्त वार्डवासी इस अतिक्रमण व अतिक्रमणरीकारी के विरूद्ध कार्यवाही की मांग कर रहे है।

ऐसे में अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस ओर क्या कार्यवाही करता है हालांकि जनसुनवाई में दिए गए आवेदन में एडीएम डी.के.जैन ने नपा स्वास्थ्य अधिकारी व प्रभारी सीएमओ अशोक शर्मा को लिखित रूप से कार्यवाही के निर्देश तो दिए है अब देखना होगा कि नपा इस ओर क्या कार्यवाही करती है?

वहीं एक अन्य शिकायत बिजली विभाग से संबंधि है जिसमें पीडि़त लुहारपुरा गुरूद्वारे के पीछे रहने वाला रहीस खान पुत्र सलीम खान ने आंकलित खपत से परेशान होकर जनसुनवाई में कलेक्टर को एक आवेदन सौंपा जिसमें उल्लेख किया गया है कि विद्युत विभाग की मनमानी के चलते उसको आंकलित खपत का बिल थमाया गया है। जिसे जमा करने में वह असमर्थ है। उसने कलेक्टर से मांग की है कि वह बहुत गरीब है और मजदूरी करके अपना भरण-पोषण करता है।

वहीं रहीस खान ने मांग की है कि उसके बिल से आंकलित खपत हटाकर मीटर रीडिंग के अनुसार बिल दिया जाए। इस संबंध में भी जनसुनवाई की शिकायत को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और संबंधित विभाग को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए है अब देखना होगा कि आंकलित खपत को विभाग कम करता है या यूं ही प्रक्रिया अनवरत जारी रहेगी। सही मायने में जनसुनवाई जनता की सुनवाई का माध्यम है और जनता की समस्याओं का निराकरण करना जिला प्रशासन का कर्तव्य है। समयानुसार यदि कार्यवाही होती है तो जिला भी अपनी समस्याओं से स्वयं ही निजात पा लेगा अब इसमें कितना समय लगेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।