बिजली कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरस का फैसला

शिवपुरी-जिले के खनियाधाना क्षेत्र में उपभोक्ता की सेवा में त्रुटि के लिए उपभोक्ता फोरम ने म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को दोषी माना है इसके लिए पीडित उपभोक्ता के पूर्व के सभी बिल निरस्त करते हुए विद्युत विभाग को मानसिक प्रताडऩा के लिए 500 रूपये जुर्माना के आदेश दिए है साथ ही पीडित को विद्युत प्रदाय की व्यवस्था भी की जावे। उपभोक्ता की ओर से पैरवी एडवोकेट मकसूद अहमद ने की।

विस्तृत विवरण अनुसार रामदास पुत्र निर्भय लोधी निवासी ग्राम खिरकिट तहसील खनियाधाना ने उपभोक्ता फोरम में गत 6 मई 2011 को न्यायालय की शरण लेते हुए बताया कि उसका कनेक्शन क्रं.0384844-99-02-00017752 है जिसकी डीपी दिनांक 31.12.08 को फुंक गई तभी से विद्युत उपयोग नहीं हुई, लेकिन यहां म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमि. द्वारा दिए गए मार्च 2009 के बिल को दबाबवश आवेदक रामदास ने जमा कर दिया उसके बाद भी डीपी ठीक नहीं हुई और रामदास की 2 हॉ.पॉ.के पम्प को भी विद्युत कंपनी के कर्मचारीगण उठा ले गए और वापिस नहीं किया तथा मार्च 2010 की विद्युत खपत का 21882 रूपये का विद्युत बिल जारी कर दिया जिससे आवेदक रामदास बीमार हो गया और उसके इलाज में 10 हजार रूपये व्यय हुए। जिसके चलते रामदास ने उपभोक्ता फोरम की शरण ली। 

जिस पर उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, महाराज सिंह यादव सदस्य व श्रीमती अंजू गुप्ता की संयुक्त बैंच ने इस मामले में मामले की विवेचना उपरांत विद्युत कंपनी को दोषी माना और अपने निर्णय में आदेश दिया कि अनावेदक विद्युत कंपनी द्वारा प्रेषित बिल मार्च 10 राशि 21882 रूपये एवं उसके बाद के समस्त बिल निरस्त किये जाते है और विद्युत कंपनी को दो माह के अंदर आवेदक को यदि आवेदक के कनेक्शन के पास अन्य कोई विद्युत प्रदाय की वैकल्पिक व्यवस्था है तो विद्युत प्रदाय करें साथ ही अनावेदक विद्युत कंपनी उक्त अवधि के अंदर आवेद रामदास को आंशिक रूप से मानसिक परेशानी और प्रकरण व्यय के लिए 500 रूपये भी अदा करें अथवा उसके विद्युत बिल में समायोजित करें।