हाय रे जिलाध्यक्षी की कुर्सी, मोह के आगे बेबस जिलाध्यक्ष!

शिवपुरी-कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर कई जगह कांग्रेस जिलाध्यक्षों व पदाधिकारियों के लिए गले की हड्डी साबित हो रहा है एक तो वह स्वयं यह नहीं सोच पा रहे है कि जिलाध्यक्ष का पद छोड़ें या फिर विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए उन्हें यह पद त्याग देना चाहिए।

कुछ इसी गफलत में है कांग्रेस पार्टी शिवपुरी के जिलाध्यक्ष जो इन दिनों खासे परेशान है परेशानी यह है कि एक ओर तो कांग्रेस पार्टी के माईक 2 राहुल गांधी ने साफ शब्दों चिंतन शिविर में कांग्रेसियों को सख्त निर्देश दिए है कि यदि वह विधानसभा चुनाव लडऩा चाहते है तो इसके लिए जिले का प्रमुख पद संभालने वालों को अपना इस्तीफा देना होगा।

यही वजह है कि वर्तमान समय में कांग्रेस से जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव पुन: विधानसभा चुनाव लडऩा चाहते है और बताया गया है इसके लिए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उन्हें हरी झण्डी दे दी है लेकिन विरोधी यह बात स्वीकारने को तैयार नहीं है और उनका मानना है कि कांग्रेसके जिलाध्यक्ष उम्र के हिसाब से और दो बार पराजित होने के बाद पुन: विधानसभा चुनाव ना लड़ाया जाए हालांकि कोलारस क्षेत्र में वैसे और भी कई उम्मीदवार है जिनमें हरवीर सिंह रघुवंशी और बैजनाथ यादव और इसके अलावा अन्य भी।

लेकिन यहां जिलाध्यक्षी का मोह दादा से टूट नहीं रहा अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में कांग्रेस में क्या नया परिवर्तन होता दिखेगा। चर्चाओं के अनुसार बताया गया है कि जिलाध्यक्ष श्री यादव विधानसभा के लिए फिट होने को बेताब है अब वो लड़ेंगे या नहीं यह तो काबिलेगौर होगा। जिला कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पार्टी की नीति के अनुसार रामसिंह यादव कोलारस विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। इस कारण रामसिंह के स्थान पर कांग्रेस ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष के लिए उनके उत्तराधिकारी की तलाश  शुरू कर दी है।

सूत्र बताते हैं कि श्री यादव को चुनाव लडऩे के लिए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हरी झंडी भी दे दी है। विदित हो कि रामसिंह यादव ने पिछला विधानसभा चुनाव कोलारस से लड़ा था और वह मामूली अंतर से भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन से पराजित हुए थे। तब से अब तक कोलारस की गंूजारी नदी में काफी पानी बह चुका है। श्री यादव के प्रति इलाके में सहानुभूति की लहर है और बाईपास सर्जरी के बाद वह फिट भी महसूस कर रहे हैं।

उन्हें देखने आये केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया उन्हें चुनाव लडऩे का इशारा भी कर गए हैं। हालांकि श्री यादव के विरोधी दलील दे रहे हैं कि उन्हें दो कारणों से टिकिट नहीं मिलेगा एक तो वह जिला कांग्रेस अध्यक्ष है और पार्टी नीति के तहत जिलाध्यक्ष चुनाव लडऩे के लिए पात्र नहीं है और दूसरा कारण यह है कि श्री यादव पिछले दो विधानसभा चुनाव में पराजित हो चुके हैं। पिछला चुनाव वह कोलारस से हारे थे जबकि  सन् 1993 में रामसिंह यादव करैरा से पराजित हुए थे।

लेकिन सूत्र बताते हैं कि उन्हें चुनाव लड़ाने के लिए अध्यक्ष पद से उनका इस्तीफा लिया जा रहा है और दो चुनाव हारने का जहां तक सवाल है तो नीति यह है कि लगातार दो चुनाव जो प्रत्याशी हारा हो उसे टिकिट नहीं मिलेगा। श्री यादव के नजदीकी सूत्र बताते है  कि यदि पार्टी ने उन्हें आदेश दिया तो वह अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे। उनके उत्तराधिकारी के रूप में नामों की चर्चायें शुरू हो गई है। कोलारस क्षेत्र से ही उनके विकल्प के रूप में बैजनाथ सिंह यादव और हरवीर सिंह रघुवंशी का नाम चर्चा में है। जबकि पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी और हरीवल्लभ शुक्ला को भी जिलाध्यक्ष बनाने की सलाह उनके राजनैतिक विरोधी दे रहे हैं ताकि विधानसभा चुनाव की दौड़ से दोनों दूर हो जायें।