मांगों पर अड़ा ऑटो यूनियन, यूनियन अध्यक्ष दो दिन से भूख हड़ताल पर


शिवपुरी-ऑटो रिक्शा यूनियन के आव्हान पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कल से शुरू हुई हड़ताल आज भी जारी रही। जिससे सड़कों पर ऑटो नहीं चले और जनता तथा यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ऑटो यूनियन के अध्यक्ष बनवारी लाल धाकरे यूनियन की विभिन्न मांगों को लेकर दूसरे दिन भी भूख हड़ताल पर डटे रहे।


वहीं इस हड़ताल से रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, अस्पताल और विभिन्न चौराहों पर ऑटो रिक्शा नजर नहीं आए। बाहर से आने और जाने वाले यात्रियों को खासी परेशानी हुई। बहुत से लोगों की टे्रनें भी छूटी। हड़ताल से वृद्ध, महिलाएं और बच्चे खासे परेशान रहे। ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष बनवारी धाकरे की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल आज भी जारी रही। उनके अनुसार मांगे पूर्ति न होने तक वह अनशन पर रहेंगे। वहीं यूनियन को सहयोग ना करने वाले ऑटो चालकों को पकड़-पकड़ कर उनकी हवा निकाली जा रही है और उनसे आग्रह किया जा रहा है कि वह यूनियन को समर्थन दें।

ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष बनवारी धाकरे ने संगठन की मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि वह जनहित के लिए यह लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके अनुसार शहर में सड़कों की हालत इतीन खराब है कि गर्भवती प्रसूता महिला को ऑटो में ले जाने की वजह से उनका स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। कई बार इससे समय पूर्व डिलेवरी भी हो चुकी हैं। इसलिए उनकी मांग तत्काल सड़कें बनवाने की हैं। शहर के हर तिराहे पर , चौराहे पर ऑटो स्टेण्ड बनवाए जाएं। वर्तमान में ऑटो रिक्शा को सवारी के लिए खड़ा रखने में अत्यंत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

श्री धाकरे ने ऑटो रिक्शा चालकों को स्थाई परमिट देने की मांग की तथा कहा कि शहर की मुख्य सड़कों पर यातायात का दवाब कम करने के लिए माधव चौक से अस्पताल चौराहे तक कोर्ट रोड को वन वे घोषित किया जाए। महंगाई एवं खर्चों के दृष्टिगत ऑटो रिक्शा के  नवीन व उपयुक्त किराया तया किया जाए ताकि ऑटो रिक्शा चालकों को घाटा न उठाना पड़े। श्री धाकरे ने बताया कि उनका अनशन तो मांग पूर्ति तक जारी रहेगा, लेकिन दो दिन की ऑटो रिक्शा की हड़ताल कल से जारी रहेगी या नहीं इसका फैसला कल ही लिया जाएगा। 


कांग्रेस ने दिया ऑटो यूनियन की हड़ताल को समर्थन


शहर कांग्रेस कमेटी ने ऑटो रिक्शा चालकों की मांगों को जायज बताते हुए उनकी हड़ताल का समर्थन किया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल ने बताया कि ऑटो रिक्शा चालक जनहित की लड़ाई लड़ रहे हैं। वह शहर में खस्ताहाल सड़कों को ठीक कराने की मांग कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है। ऑटो चालक बदहाल यातायात व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहे हैं तो इसे कैसे अनुचित बताया जा सकता है। 

ऑटो चालक अपने लिए ऑटो स्टेण्ड की मांग कर रहे हैं तो इसमें भी जनहित है, क्योंकि ऑटो स्टेण्ड न होने से सड़क पर ऑटो खड़ा करना पड़ता है। जिससे ऑटो चालक जनता और पुलिस का कोपभाजन बनता है। वहीं दूसरी ओर ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष बनवारी धाकरे ने कहा कि उनका आंदोलन राजनीति से प्रेरित नहीं है और उन्हें राजनैतिक दलों से नहीं, बल्कि जनता से समर्थन चाहिए। 
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!