तीन फर्मों पर छापामार कार्रवाई का व्यापारियों ने किया विरोध

शिवपुरी-गत दिवस संयुक्त संचालक मण्डी वोर्ड ग्वालियर के निर्देशन में शहर के इण्डस्ट्रीयल ऐरिया में तीन फर्मों पर रूटीन जांच पड़ताल में 700 बोरी मूंगफली और 80 बोरी सोयाबीन जप्त कर फर्मों को नोटिस जारी करने के विरोध में आज सुबह सभी व्यापारी एकत्रित होकर मण्डी प्रांगण में पहुंचे

और वहां संयुक्त संचालक वीरेन्द्र सिंह और मण्डी सचिव हरिशंकर दुबे की इस कार्रवाई को गलत ठहराते हुए व्यापारियों ने कहा कि श्री सिंह और श्री दुबे ने पीडि़त तीनों व्यापारियों को दस्तावेज प्रस्तुत करने का भी मौका नहीं दिया गया और सीधे उनके गोदाम पर आकर माल जप्त कर नोटिस थमा दिए।  

उनकी इस मनमानी के  चलते सभी व्यापारियों ने मण्डी प्रागंण में एक बैठक की जिसमें मण्डी बंद रखकर विरोध प्रदर्शित करने का निर्णय लेने के लिए व्यापारियों से चर्चा की। लेकिन कुछ देर तक अपना काम बंद रखकर सभी व्यापारियों ने अपना काम सुचारू रूप से शुरू कर दिया।

विदित हो कि मण्डी वोर्ड के संयुक्त संचालक वीरेन्द्र सिंह पिछले काफी समय से गोदामों में बगैर टैक्स जमा किए व्यापारी गोदामों में माल का भण्डारण कर रहे हैं। इसी सूचना पर कल शाम मण्डी सचिव हरिशंकर दुबे और वीरेन्द्र सिंह ने शहर में स्थित इण्डस्ट्रीयल ऐरिया में औचक निरीक्षण कर तीन गोदामों  पर छापामार कार्रवाई की तो वहां से करीब 700 बोरी मूंगफली और 80 बोरी सोयाबीन की जप्त की। जिससे संबंधित फर्म संचालक लक्ष्मणदास दिलीप कुमार, नितिन ऑयल मिल और शिव ऑयल पर कोई भी दस्तावेज नहीं मिले। इतना ही नहीं गोदाम में रखीं मूंगफली की पाछिक विवरणिका भी नहीं थी। जिसमें फसल किससे व कब खरीदी गई इसकी भी जानकारी नहीं थी। 

वहीं व्यापारियों ने संयुक्त संचालक को बताया कि मुनीम के पास सारे दस्तावेज उपलब्ध हैं। लेकिन उसकी मां बीमार होने के कारण वह यहां उपस्थित नहीं है। इसके बाद अधिकारियों ने व्यापारियों की एक न सुनी और तीनों फर्म संचालकों को उन्हें नोटिस थमा दिए गए। इसी के विरोध में आज सुबह व्यापारी एकत्रित हुए। लेकिन कुछ व्यापारियों ने मण्डी बंद रखने का विरोध किया। बैठक में कुछ व्यापारी इसमें सहमत भी थे। लेकिन कुछ व्यापारियों की असहमति के कारण मण्डी को बंद नहीं किया गया और वह सब अपने-अपने कामों में लग गए।

नहीं दिखा सके व्यापारी एकजुटता


मण्डी प्रशासन का विरोध करने के लिए सामने आए व्यापारी एकजुटता नहीं दिखा सके। प्रारंभ में व्यापारियों ने गलत छापामार कार्रवाई के विरोध में मण्डी बंद करने का आव्हान किया था और कुछ देर मण्डी का कामकाज बंद भी रहा, लेकिन इसके बाद कुछ व्यापारियों ने कारोबार शुरू कर दिया। इसके बाद मण्डी का कामकाज सुचारू रूप से शुरू हो गया। इस मामले में व्यापारियों की फूट सामने आ गई। 
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