शिवपुरी। वरिष्ठ भाजपा नेत्री यशोधरा राजे सिंधिया को जब शिवपुरी
में प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान की जानकारी मिली
तो उन्होंने कलेक्टर आरके जैन से कहा कि पहले वह व्यापारियों की बैठक
बुलाएं और उनकी राय जानें तथा आपसी सामंजस्य से एक ऐसी नीति बनाई जाए
जिसमें निष्पक्षता नजर आए और किसी को शिकायत का अवसर न मिले। सनद रहे कि
कलेक्टर ने यह बैठक तब बुलाई जब अंधाधुंध चल रही अतिक्रमण विरोधी मुहिम
पोहरी विधायक प्रहलाद भारती के दरवाजे पर दस्तक दे रही थी।
इसके बाद घबराए कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट में बैठक आहूत की जिसमें विधायक माखनलाल राठौर, प्रहलाद भारती, नगरपालिका अध्यक्ष रिशिका अष्ठाना, उपाध्यक्ष भानु दुबे, भाजपा नगर मंडल महामंत्री भरत अग्रवाल, अनुराग अष्ठाना, ओमी जैन आदि उपस्थित थे। बैठक के पूर्व भाजपा का प्रतिनिधि मंडल जिसमें जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत, विधायक माखनलाल राठौर और प्रहलाद भारती तथा अजय खेमरिया ने भी कलेक्टर से चर्चा की।
विदित हो कि नगरपालिका ने यह अभियान कल शुरु किया था, लेकिन अभियान शुरु होने के पूर्व प्रशासन ने व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों तथा आम जनता को विश्वास में नहीं लिया था। कल अतिक्रमण तो हटाए गए, लेकिन अतिक्रामकों के स्वामित्व संबंधित कागजात नहीं देखे गए। आज भी ऐसा ही हुआ, लेकिन विधायक प्रहलाद भारती अड़ गए, उनकी एक ही मांग थी कि यदि हम अतिक्रामक नहीं हैं तो क्यों अतिक्रमण कहकर हमारा निर्माण प्रशासन तोड़ेगा। श्री भारती ने वरिष्ठ भाजपा नेत्री यशोधरा राजे सिंधिया से बातचीत की और पूर्ण मुखरता से अपना पक्ष स्पष्ट रखा। इसके सार्थक परिणाम सामने आए और कलेक्टर ने व्यापारियों की बैठक बुलाई।
इस बैठक में पहले तो व्यापारियों ने प्रशासन को खरीखोटी सुनाई और कहा कि उनका पक्ष सुने बिना अभियान शुरु करना गलत था, लेकिन सहमति यह बनी कि अतिक्रमण शहर से हर हालत में हटने चाहिए। व्यापारियों की ओर से भरत अग्रवाल, विजय कुमार जैन, महेन्द्र रावत, अजय खेमरिया, तेजमल सांखला आदि ने पक्ष रखा।
प्रशासन से पूछा कि अतिक्रमण क्या है? कलेक्टर का जवाब था कि बिना स्वामित्व के जमीन पर कब्जा अतिक्रमण की श्रेणी में है। कलेक्टर के रूख से व्यापारी संतुष्ट नजर आए। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि अतिक्रमण हटाने से पूर्व उन्हें सुना जाएगा। सन् 1940 के नक्शे की बात पर भी प्रशासन ने सफाई दी और कहा कि ऐसा कोई काम नहीं किया जाएगा जिससे आम जनता अनावश्यक रूप से परेशान हो। नाली के बाहर डेढ़ फीट की जाली बनाने तथा तीन फीट के प्रोजेक्शन की स्वीकृति दी गई। तय हुआ कि नये सिरे से 12 अक्टूबर से अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरु होगा और किसी को नहीं बख्शा जाएगा।
इस सवाल का जबाव कलेक्टर नहीं दे पाए। इस मीटिंग में प्रशासन के वो हेंकड़ अधिकारी भी चुपचाप बगलें झांकते दिखाई दिए तो अभियान के दौरान तेज तेज आवाज में लोगों से कह रहे थे कि जो चाहे कोर्ट चला जाए, हमें परवाह नहीं है। नगरपालिका के सीएमओ को भी इस मीटिंग में खरीखोरी का स्पेशल पैकेज परोसा गया।
इसके बाद घबराए कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट में बैठक आहूत की जिसमें विधायक माखनलाल राठौर, प्रहलाद भारती, नगरपालिका अध्यक्ष रिशिका अष्ठाना, उपाध्यक्ष भानु दुबे, भाजपा नगर मंडल महामंत्री भरत अग्रवाल, अनुराग अष्ठाना, ओमी जैन आदि उपस्थित थे। बैठक के पूर्व भाजपा का प्रतिनिधि मंडल जिसमें जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत, विधायक माखनलाल राठौर और प्रहलाद भारती तथा अजय खेमरिया ने भी कलेक्टर से चर्चा की।
हमने कोई अतिक्रमण नहीं किया, तोड़कर तो दिखाओ
विदित हो कि नगरपालिका ने यह अभियान कल शुरु किया था, लेकिन अभियान शुरु होने के पूर्व प्रशासन ने व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों तथा आम जनता को विश्वास में नहीं लिया था। कल अतिक्रमण तो हटाए गए, लेकिन अतिक्रामकों के स्वामित्व संबंधित कागजात नहीं देखे गए। आज भी ऐसा ही हुआ, लेकिन विधायक प्रहलाद भारती अड़ गए, उनकी एक ही मांग थी कि यदि हम अतिक्रामक नहीं हैं तो क्यों अतिक्रमण कहकर हमारा निर्माण प्रशासन तोड़ेगा। श्री भारती ने वरिष्ठ भाजपा नेत्री यशोधरा राजे सिंधिया से बातचीत की और पूर्ण मुखरता से अपना पक्ष स्पष्ट रखा। इसके सार्थक परिणाम सामने आए और कलेक्टर ने व्यापारियों की बैठक बुलाई।
व्यापारियों ने सुनाईं खरीखोटी
इस बैठक में पहले तो व्यापारियों ने प्रशासन को खरीखोटी सुनाई और कहा कि उनका पक्ष सुने बिना अभियान शुरु करना गलत था, लेकिन सहमति यह बनी कि अतिक्रमण शहर से हर हालत में हटने चाहिए। व्यापारियों की ओर से भरत अग्रवाल, विजय कुमार जैन, महेन्द्र रावत, अजय खेमरिया, तेजमल सांखला आदि ने पक्ष रखा।
प्रशासन से पूछा कि अतिक्रमण क्या है? कलेक्टर का जवाब था कि बिना स्वामित्व के जमीन पर कब्जा अतिक्रमण की श्रेणी में है। कलेक्टर के रूख से व्यापारी संतुष्ट नजर आए। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि अतिक्रमण हटाने से पूर्व उन्हें सुना जाएगा। सन् 1940 के नक्शे की बात पर भी प्रशासन ने सफाई दी और कहा कि ऐसा कोई काम नहीं किया जाएगा जिससे आम जनता अनावश्यक रूप से परेशान हो। नाली के बाहर डेढ़ फीट की जाली बनाने तथा तीन फीट के प्रोजेक्शन की स्वीकृति दी गई। तय हुआ कि नये सिरे से 12 अक्टूबर से अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरु होगा और किसी को नहीं बख्शा जाएगा।
और उनका क्या जिन्हें जमींदोर कर दिया
इस सवाल का जबाव कलेक्टर नहीं दे पाए। इस मीटिंग में प्रशासन के वो हेंकड़ अधिकारी भी चुपचाप बगलें झांकते दिखाई दिए तो अभियान के दौरान तेज तेज आवाज में लोगों से कह रहे थे कि जो चाहे कोर्ट चला जाए, हमें परवाह नहीं है। नगरपालिका के सीएमओ को भी इस मीटिंग में खरीखोरी का स्पेशल पैकेज परोसा गया।