मजदूर की संदिग्ध मौत: पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगा सवालिया निशान!


शिवपुरी-देहात थानांतर्गत आने वाले ग्राम मझेरा में बीती रात्रि को एक मजदूर की संदिग्ध मौत के मामले को लेकर देहात थाना पुलिस की कार्यवाही पर सवालिया निशान लगते नजर आ रहे है। सूत्रों द्वारा बताया गया है कि बीती रात्रि को हुए काण्ड की भनक देर-सबेर देहात थाना को भी लग गई थी लेकिन समय रहते पुलिस की निष्क्रिय कार्यवाही के चलते उस मजदूर की ना केवल संदिग्ध मौत बल्कि उसका दाह संस्कार भी चोरी छुपे कर दिया गया।


अब यह मामला चर्चा का विषय बना है वहीं दूसरी ओर जब देहात थाना पुलिस से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि कोई पहले रिपोर्ट दर्ज कराऐं फिर मामले की विवेचना करेंगे। यहां बता दें कि पुलिस को यदि किसी संदिग्ध मौत की जानकारी दी भी गई तो पहले पुलिस को मामले की जांच तो करनी थी जानकारी की सत्यता का पता तो लगा लेते लेकिन उपरोक्त मामले में ढिल-मुल रवैया अपनाया गया। जिससे पुलिस की इस कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगे है। 

जानरकारी के अनुसार बताया गया है कि सीता आदिवासी ग्राम मझेरा में खदान में मजदूरी करने गया था जहां मजदूरी करने गया यह मजदूर लौटकर घर तो नहीं पहुंचा लेकिन उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद उसकी लाश तालाब किनारे मिली। बताया गया है कि इस मजदूर की मौत के बाद ना कोई पुलिस विवेचना हुई और ना ही पुलिस को किसी ने सूचित किया लेकिन ग्वालियर से प्रकाशित एक दैनिक समाचार पत्र ने इस मामले को लेकर समाचार प्रकाशित किया जिसमें उसकी मौत के बाद दाह संस्कार भी दर्शाया गया है। सूत्रों ने बताया है कि बीती रात्रि को देहात थाना पुलिस प्रभारी को इस मामले की सूचना भी कई लोगों द्वारा मोबाईल पर दी गई थी लेकिन अपने कर्तव्य से विमुख देहात थाना प्रभारी नजर आए और इस मामले में रिपोर्ट कराने का इंतजार करते रहे, 

उनका कहना था कि जब तक कोई रिपोर्ट कराने नहीं आता तब तक हम मामले जांच कैसे करेंगे जबकि पुलिस का कर्तव्य बनता है कि यदि किसी गंभीर मामले की भनक भी पुलिस को लग जाए तो पहले उसकी विवेचना करना चाहिए कि मामले में सत्यता है कि नहीं यदि है तो मामले की गहनता से जांच कर दोषी के विरूद्घ कार्यवाही हो लेकिन इस मामले में एक आदिवासी की संदिग्ध मौत के बाद भी पुलिसिया कार्यवाही निष्क्रिय रही। जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगे है।