शिवपुरी। यह सूचना क्रांति का युग है।समाज को बौद्धिक नेतृत्व देने की क्षमता पत्रकारिता का गुणधर्म है।अपने अतीत के प्रति गौरवान्वित भारतीय पत्रकारिता का मिशन राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के दिनों में स्वतंत्रता आकांक्षी राष्ट्र का निर्माण था।वह राष्ट्र के उत्थान के लिए भारतीय समाज के निर्माण के लक्ष्य के प्रति समर्पित थी।यह वक्तव्य साहित्य अकादमी मप्र संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा संचालित पाठक मंच के कार्यक्रम में अध्यक्ष पद की आसंदी से सांइस कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ.केएन उपाध्याय ने व्यक्त किए।
उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारिता सामाजिक जीवन में व्यक्ति को प्रेरित करती है।और आत्म निश्चय में सहायक होती है।शासकीय माधवराव सिधिंया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इस बार बबनप्रसाद मिश्र की पुस्तक भारतीय पत्रकारिता मुदद्े और उपेक्षाएं पर पाठक मंच की गोष्ठी का संचालन करते हुए पाठक मंच की संयोजक डॉ.पदमा शर्मा ने पुस्तक का संक्षिप्त विवरण दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ.अनिता जैन ने कहा कि यह कृति महत्वपूर्ण है।समाचार पत्र अपना कार्य बखूबी कर रहे हैं इस पर आज मीडिया के समक्ष एक नहीं अनेक लक्ष्मण रेखाएं है पर मूल्यों का पतन न हो यह ध्यान रखना होगा।
डॉ.के.के जैन ने कहा कि पत्रकारिता साहित्य का एक अंग है।प्रेस एक्ट ईस्ट इंडिया कंपनी के जमाने से लागू है।पत्रकारिता का ज्ञानवद्र्धन में सहयोग करती है।पुस्तक में पत्रकारिता के ऐतिहासिक स्वरूप् को स्पष्ट किया गया है।डॉ.राजरानी ढींगरा ने कहा पत्रकार जब देश को सुधारना चाहता है तो उसके दुष्परिणाम उसे भुगतने पडते हैं।पत्रकारिता आज बाजारबाद का रूप् लेती जा रही है। गोष्ठी में डॉ.राजीव दुबे, बीके जैन, डॉ.मुकेश अनुरागी, डॉ.मधुलता जैन, डॉ.मंजूलता गर्ग, डॉ.एमएस राठौर, डॉ.पवन श्रीवास्तव, डॉ.पुनीत श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य नागरिकों ने अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ.के.के जैन ने कहा कि पत्रकारिता साहित्य का एक अंग है।प्रेस एक्ट ईस्ट इंडिया कंपनी के जमाने से लागू है।पत्रकारिता का ज्ञानवद्र्धन में सहयोग करती है।पुस्तक में पत्रकारिता के ऐतिहासिक स्वरूप् को स्पष्ट किया गया है।डॉ.राजरानी ढींगरा ने कहा पत्रकार जब देश को सुधारना चाहता है तो उसके दुष्परिणाम उसे भुगतने पडते हैं।पत्रकारिता आज बाजारबाद का रूप् लेती जा रही है। गोष्ठी में डॉ.राजीव दुबे, बीके जैन, डॉ.मुकेश अनुरागी, डॉ.मधुलता जैन, डॉ.मंजूलता गर्ग, डॉ.एमएस राठौर, डॉ.पवन श्रीवास्तव, डॉ.पुनीत श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य नागरिकों ने अपने विचार व्यक्त किए।