शिवपुरी। जंतर मंतर नई दिल्ली पर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे एवं उनके साथियों की आवाज देश के उन लोगों की आवाज है जो लोकतंत्र को सच्चे अर्थो में लागू होते देखना चाहते हैं। परन्तु भारत सरकार भारत की आत्मा की आवाज की अनसुनी करके अपने अहंकार का परिचय दे रही है। धरने में शामिल भाजयुमो के पूर्व प्रदेश मंत्री धैर्यवर्धन शर्मा ने कहा कि शिवपुरी से भी इस राष्ट्रीय आंदोलन का समर्थन जारी रहेगा।
क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे मनोज गौतम, प्रमोद मिश्रा, उम्मेद वर्मा, आदि लोगों के साथ प्रतिदिन दर्जनों लोग धरना में शामिल होकर सक्षम लोकपाल कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। युवा नेता धैर्यवर्धन ने आंदोलनरत साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आज फिर उन्हें सहभागिता का भरोसा दिलाया। धरना स्थल पर आज दर्जानों नौ जवानों ने अन्ना टोपी पहन कर समर्थन की मुद्रा में दिखाई दिए।
आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए धैर्यवर्धन ने कहा कि देश ईमानदारी की दिशा में आगे बढऩा चाहता है। परन्तु कुछ प्रतिशत लोग आज भी भ्रष्टाचार के पोषक बने हुए हैं। यह कितना दुभाग्य का विषय है कि लोग अपने देश में अपने ही द्वारा निर्वाचित सरकार से भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कानून बनाने की पिछले पचास सालों से बकालत कर रहे हैं और सरकारें मूक दर्शक बनकर उनका उपहास कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में जानबूझ कर अराजकता उत्पन्न करने की बजायें सरकार को कुंभकर्णी मुद्रा से जागकर जनभावना का मूल्यांकन करना चाहिए।
धरने पर बैठे लोगों में श्रीमती विजया रावत, पूर्व पार्षद बद्री प्रसाद फौजी, मनोज गौतम, आशुतोष शर्मा, भारत गौतम, सतीश वर्मा, चन्द्रेश चतुर्वेदी, अखिल शर्मा, सौमित्र तिवारी, शैलेन्द्र पाण्डेय, संदीप शर्मा, सैलेश सडैया, यशपाल कुशवाह, छोटे लाल नामदेव, देवेश शर्मा, रवि कुशवाह, विशाल मुदगल, रिंकू धाकड़, छोटू राठौर, नरेश चौधरी, विक्रम रावत, विपिन कुशवाह, रवि कुशवाह, शिवकुमार चौहान, अतर सिंह रावत, भूरे सिंह ओझा, राजेन्द्र खटीक, अनिल खटीक, मुकेश खटीक, यशवंत कुशवाह, अतर सिंह रावत, आशु परिहार, आरिफ खांन आदि लोग शामिल थे।
आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए धैर्यवर्धन ने कहा कि देश ईमानदारी की दिशा में आगे बढऩा चाहता है। परन्तु कुछ प्रतिशत लोग आज भी भ्रष्टाचार के पोषक बने हुए हैं। यह कितना दुभाग्य का विषय है कि लोग अपने देश में अपने ही द्वारा निर्वाचित सरकार से भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कानून बनाने की पिछले पचास सालों से बकालत कर रहे हैं और सरकारें मूक दर्शक बनकर उनका उपहास कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में जानबूझ कर अराजकता उत्पन्न करने की बजायें सरकार को कुंभकर्णी मुद्रा से जागकर जनभावना का मूल्यांकन करना चाहिए।
धरने पर बैठे लोगों में श्रीमती विजया रावत, पूर्व पार्षद बद्री प्रसाद फौजी, मनोज गौतम, आशुतोष शर्मा, भारत गौतम, सतीश वर्मा, चन्द्रेश चतुर्वेदी, अखिल शर्मा, सौमित्र तिवारी, शैलेन्द्र पाण्डेय, संदीप शर्मा, सैलेश सडैया, यशपाल कुशवाह, छोटे लाल नामदेव, देवेश शर्मा, रवि कुशवाह, विशाल मुदगल, रिंकू धाकड़, छोटू राठौर, नरेश चौधरी, विक्रम रावत, विपिन कुशवाह, रवि कुशवाह, शिवकुमार चौहान, अतर सिंह रावत, भूरे सिंह ओझा, राजेन्द्र खटीक, अनिल खटीक, मुकेश खटीक, यशवंत कुशवाह, अतर सिंह रावत, आशु परिहार, आरिफ खांन आदि लोग शामिल थे।