शिवपुरी मैं शिवराज शासन की स्वर्णिम योजना, बिजली कम बिल ज्यादा

0
दिन में जलती हुई स्ट्रीट लाईटें
दिन में जलती हुई स्ट्रीट लाईटें
शिवपुरी। विद्युत मंडल के अधिकारियों व कर्मचारियों को लापरवाही का आलम यह है कि विद्युत कटौती दस घंटे किए जाने बाबजूद अघोषित घंटों विद्युत गायब रहने के बाद भी उपभोक्ता को मनमाने तरीके से बिल थमाए जा रहे हैं।
विद्युत की कमी होने के बाबजूद दिन के उजाले में जलती हुई कभी भी देखी जा सकती है। शासन द्वारा विद्युत मंडल को खराब मीटर बदलने के आदेश दिए थे। लेकिन मीटर बदलने वाली कंपनी द्वारा विद्युत मंडल के कर्मचारियों की सह पर चालू मीटर भी बदले जा रहे हैं। मध्य प्रदेश शासन की यह मंशा है कि विद्युत उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक समय विद्युत उपलब्ध कराई जा सके। लेेकिन विद्युत मंडल के कर्मचारियों द्वारा मध्य प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप कार्य न करते हुए सरकार के आदेशों के विपरीत जा कर कार्य किया जा रहा है। जिससे उपभोक्ता को ऐसा लग रहा है शायद शिवराज सिंह की मध्य प्रदेश को स्वर्णिम प्रदेश बनाने के लिए नई योजना बनाई है। बिजली कम और बिल ज्यादा।

भ्रष्टाचारी में लिप्त अधिकारी को पुन: शिवपुरी किया पदस्थ


विद्युत मंडल में कार्यरत कनिष्ठ अभियंता के पद पर कार्यरत एनडी स्वर्णकार को गत दो वर्ष भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण शिवपुरी से अन्यंत्र स्थानांतरित कर दिया गया था। लेकिन एनडी स्वर्णकार द्वारा शासन के नीतियों को धता बताते हुए एक बार पुन: शिवपुरी पदस्थ होने में सफलता अर्जित कर ली। यह तथ्य सर्वविदित है कि शिवपुरी अधिकारियों के लिए चराहगाह बना हुआ है। जो अधिकारी यहां एक बार पदस्थ हो जाता है वह यहां से जाने का नाम नहीं लेता। शिवपुरी में ऐसा क्या हरा रंग लगा है जो अधिकारी यहीं पर पदस्थ होना चाहता है एनडी स्वर्णकार की भ्रष्टाचारी को प्रशासन द्वारा दरकिनार करते हुए एक बार फिर से शिवपुरी पदस्थ कर उन्हें पारितोषिक ही दिया है। उपभोक्ता की सुविधा के लिए विद्युत बिलों पर कनिष्ठ अभियंता एनडी स्वर्णकार का नाम तथा मोबाईल नम्बर अंकित तो किया गया है, लेकिन उपभोक्ता के संपर्क किए जाने पर स्वर्णकार उनसे बात करने में अपनी तौहीन समझते हैं। 

सूरज को रास्ते दिखाने का काम करती है स्ट्रीट लाईटें


मध्य प्रदेश शासन के बार-बार विद्युत का कम उत्पादन होने की घोषणा किए जाने के बाबजूद विद्युत मंडल के अधिकारियों व कर्मचारियों पर शासन के आदेशों का कोई भी प्रभाव पड़ता नजर नहीं आ रहा है। ऐसा लगता है कि विद्युत मंडल के कर्मचारियों द्वारा शासकीय आदेशों को कूड़े दान के हवाले कर दिया जाता है। विद्युत कमी के कारण उपभोक्ताओं को कम विद्युत उपयोग करने की सीख दी जाती है। जबकि विद्युत मंडल के कर्मचारियों द्वारा विद्युत कटौती तो समय पर की जाती है, लेकिन जब शहर में विद्युत आपूर्ति की जाती है उस समय स्ट्रीट लाईटें बंद करने की कर्मचारियों द्वारा जहमत नहीं उठाई जाती। इसके दूसरी ओर रात्रि के समय जब स्ट्रीट लाईटें जलनी चाहिए। तब अधिकांश लाईटें बंद रहती हैं।

घंटों की अघोषित कटौती


जिला मुख्यालय पर आठ घंटे की विद्युत कटौती के निर्देश दिए हैं। लेकिन शासकीय आदेशों की अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है। ऐसी परिस्थिति में उपभोक्ताओं के हित की बात सोचना दूर की कोड़ी नजर आती है। निर्धारित आठ घंटे की विद्युत कटौती के अलावा विद्युत मंडल द्वारा चाहे जब अघोषित रूप से घंटों विद्युत की कटौती की जाती है। रात्रि के समय उपभोक्ता अधिकांशत: चार पांच घंटे विद्युत का उपयोग करता है, लेकिन विद्युत मंडल द्वारा अनापसनाप बिल भेजकर उपभोक्ता को सरेआम लूटा जा रहा है।

बदले जा रहे हैं सभी मीटर


म.प्र. शासन द्वारा स्पष्ट आदेश में खराब अथवा जले हुए मीटरों को बदलने के निर्देश दिए थे। लेकिन विद्युत मंडल के अधिकारियों से सांठ गांठ कर विद्युत मीटर लगाने बाली कंपनी द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं के चालू मीटर भी जबरन बदले जा रहे हैं। जिनका सहयोग विद्युत मंडल के कर्मचारियों द्वारा खुले रूप से किया जा रहा है। वहीं शासन द्वारा निर्धारित किए गए मापदण्डों के अनुरूप लगाए जाने वाले विद्युत मीटरों की गुणवत्ता नहीं है। उपभोक्ता द्वारा उपयोग की गई विद्युत से अधिक खपत यह मीटर दर्शा रहे हैं। जिसके कारण उपभोक्ता को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!