शिवपुरी में आंत्रशोध का कहर,दो की मौत पांच गंभीर, दर्जनों बीमार

शिवपुरी। जिले भर में पिछले पखवाड़े से शुरू हुआ उल्टी दस्त का थमने का नाम नहीं ले रहा है। गत दिनों कोलारस क्षेत्र के अटरूनी गांव में तथा करैरा क्षेत्र के कुम्हरौआ गांव में ग्रामीण उल्टी दस्त के शिकार हो रहे हैं। वहीं आज करैरा क्षेत्र के ग्राम डामरौनकला में उल्टी दस्त से दो लोगों की मौत हो गई वहीं लगभग समूचा ग्राम ही आंत्रशोध की बीमारी से त्रस्त है। जिले भर में फैल रही आंत्रशोध की बीमारी से लोग ग्रसित हो रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अमला अभी तक नींद में सोया प्रतीत हो रहा है।


जानकारी के अनुसार करैरा क्षेत्र के डामरोनकला गांव में आंत्रशोध की बीमारी से ग्रसित दो लोगों की जयश्री पुत्री विजयराम दुबे उम्र 13 वर्ष, अंजना पुत्री अतर सिंह की मौत हो गई वहीं पांच लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। जिनमें राजीव दुबे, मंजू, संतोषी, मालती, गौरा बाई शामिल हैं। जिनमें से अत्यंत गंभीर मंजू उम्र 36, गौरा बाई उम्र 70 को शिवपुरी जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए भेजा गया वहीं संतोष पत्नि महेश दुबे व मालती पत्नि सुरेश खटीक तथा राजीव दुबे को करैरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। वहीं डामरौन कला गांव में लगभग 90 लोग आंत्रशोध की बीमारी से पीडि़त हैं। मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा आज दिनारा के अल्प प्रवास पर रेस्ट हाउस पर रूके तो इस बात की जानकारी उनको ग्रामीणजनों दी तो उन्होंने स्वास्थ्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी उचारिया को इस संबंध में बताया उनको तुरंत ही चिकित्सक दल करैरा के डामरौन गांव में भेजने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के निर्देशों के उपरांत गांव चिकित्सक दल पहुंच गया है। ग्रामीणों का उपचार शुरू कर दिया है।  

जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने आज तक नहीं की कोई सार्थक पहल


शिवपुरी। जिले के करैरा कस्वे के ग्राम डामरौन कला में पिछले एक सप्ताह से फैल रही उल्टी दस्त के प्रकोप की जानकारी करैरा सामुदायिक स्वास्थ्य के केन्द्र चिकित्सकों को होने के बाबजूद भी ग्रामीणों की सुरक्षा की दृष्टि से चिकित्सकों द्वारा सार्थक कदम नहीं उठाए गए जिसका  खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं कोलारस क्षेत्र के अटरूनी तथा करैरा क्षेत्र के ही कुम्हरौआ ग्राम में उल्टी दस्त का प्रकोप फैल चुका है। लेकिन इसके बाबजूद भी जिला चिकित्सा अधिकारी श्री उचारिया द्वारा इन ग्रामीणों के उपचार कोई सार्थक पहल नहीं की गई।