...लो अब लोकसेवा केन्द्रों को लेकर मचने लगा बबाल

शिवपुरी। प्रदेश के मुख्यमंत्री जनहित में कई योजनाओं को लाकर उनका प्रयास है कि जनता की समस्याऐं शीघ्र निराकरण हो, आखिरकार इसके लिए एक नई सेवा के रूप में लोकसेवा केन्द्रों की स्थापना के लिए विधिवत सूचना प्रकाशित कराई, टेण्डर बुलाए और इसके लिए विधिवत तैयारी भी कर ली गई लेकिन ऐन वक्त पर अब इन्हीं लोकसेवा केन्द्रों को लेकर बबाल मचना शुरू हो गया।

यहां लोक सेवा केन्द्रों पर अब आय और मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने की अनिवार्यता के विरोध में वकीलों ने एकजुट होकर कलेक्टर के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि यदि तहसील प्रशासन ने अपनी हठकर्मिता दिखाई तो वे आन्दोलन के लिए तैयार है।

मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ किए गए लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्रदत्त सेवाओं को प्रदान करने के लिए संबंधित विभाग के साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लोक सेवा केन्द्रों का गठन किया गया है। जिसके तहत आवेदन संबंधित विभाग अथवा लोकसेवा केन्द्र कहीं से भी सेवा प्राप्त कर सकता है, किन्तु तहसील कार्यालय से आय एवं मूल निवासी प्रमाण पत्रों को न बनाया जाकर उन्हें जबरन लोक सेवा केन्द्र में ही भेजा जा रहा है, इससे जहां हर आवेदक को तीस रुपया अतिरिक्त राशि देना पड़ रही है वहीं सात-सात दिन तक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

अपने ज्ञापन में वकीलों ने कलेक्टर शिवपुरी से आग्रह किया है जब शासन द्वारा इसके वैकल्पिक व्यवस्था में लिया गया है तो तहसील नरवर में इसे अनिवार्यता का रूप क्यों दिया गया है। उन्होंने कहा कि नरवर के तहसीलदार एवं एसडीएम अपनी हठधर्मिता एवं लोक सेवा केन्द्र के संचालक के दबाव में यह कृत्य कर रहे हैं, जिससे आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि तहसील प्रशासन ने अपनी हठकर्मिता नहीं छोड़ी तो हमें मजबूरन आन्दोलन की राह पकडऩा होगी।

....और इधर जनता ने लिखा कलेक्टर को पत्र


लोक सेवा केन्द्रों पर ही आय एवं मूल निवासी प्रमाण पत्रों के आवेदनों को जमा कराने के विरोध में जनता ने कलेक्टर को पत्र लिखकर न्याय चाहा है। जनता ने कलेक्टर को संबोधित पत्र में लिखा है कि तहसीलदार एवं एसडीएम अपनी हिटलरशाही नीतियों के कारण हमें परेशान कर रहें है और लोक सेवा केन्द्र पर तीन रुपया जमा कर सात दिन में प्रमाण पत्र लेने को कह रहे हैं जबकि तहसील कार्यालय से यह नि:शुल्क प्राप्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे एवं गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है जबकि राजनैतिक एवं बड़े लोगों के प्रमाण पत्र एक ही दिन में जारी कर दिए जाते हैं और हमको जबरदस्ती लोक सेवा केन्द्र पर भेजने का दबाव बनाया जा रहा है जबकि कलेक्टर महोदय द्वारा भी यह निर्देश जारी किए गए हैं कि आवेदक तहसील कार्यालय अथवा लोक सेवा केन्द्र कहीं से भी प्रमाण पत्र बनवा सकता है।