राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के आह्वान पर सीएमएचओ ने की कार्यवाही की घोषणा

शिवपुरी। भ्रष्टाचार को मिटाकर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आन्दोलन करने वाला एक मात्र संगठन राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति द्वारा जिस प्रकार से झोलाछापों के विरूद्ध कार्यवाही कराने के लिए ज्ञापन सौंपना, धरना प्रदर्शन व आन्दोलन की घोषणा की है। तब-तब निश्चित रूप से जिला प्रशास व स्वास्थ्य विभाग के मुखिया पर इसका असर देखने को मिला।

इसी प्रकार गत दिवस पोहरी में हुई एक बालिका की मौत से सबक लेते हुए जब राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति ने झोलाछापों के विरूद्ध कार्यवाही कराने के लिए मोर्चा खोला तो इसकी भनक जिला स्वास्थ्य विभाग के मुखिण डॉ.आर.एस.दण्डौतिया को लग गई। जिन्होंने तुरंत समिति के जिलाध्यक्ष अशोक सम्राट सहित समिति के अन्य पदाधिकारी व सदस्यों को आश्वस्त किया कि अब से झोलाछापों के विरूद्ध कार्यवाही की जाना तय है-
ये है वो वक्तव्य जो सीएमएचओ ने अपने प्रसार विभाग से मीडिया को प्रेषित कराया-


एलोपेथिक पद्धति से उपचार करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध होगी कार्यवाही

शिवपुरी। म.प्र. मेडीकल काउन्सलिंग भोपाल द्वारा बिना पंजीकृत एवं वैध योग्यता के अभाव में क्लीनिक चलाने वाले चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस.दण्डौतिया ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों, वैध, विषारद, आयुर्वेद रत्न, चिकित्सा अर्हता धारी, यदि एलोपेथिक चिकित्सा पद्धति (मॉडर्न मेडीसन) से चिकित्सा करता है, तो उसे चिकित्सा व्यवसायी म.प्र. आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1987 की धारा 24 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार 3 वर्ष का कारावास और 5 हजार तक का अर्थदण्ड (जुर्माना) होगा।