अभिभावकों को दी कलेक्टर ने राहत

शिवपुरी। यातायात विभाग द्वारा जारी अभियान का परिणाम आखिरकार अभिभावकों के पक्ष में ही निकलकर सामने आया। बीते चार दिनों से हो रही कार्यवाही से थक-हारकर स्कूल प्रबंधनों ने अपनी भड़ास मासूम बच्चों के अभिभावकों पर निकाली। जब अभिभावकों पर अपनी बनते आई तो मंगलवार को विभिन्न स्कूलों में अध्ययनरत बच्चो के अभिभावकों की बैठक आयोजित हुई। जिसमें इन अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधनों के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। दोहपर 11 बजे कलेक्टर को दिए आवेदन के आधार पर त्वरित निराकरण की पहल करते हुए कलेक्टर आर.के.जैन ने अभिभावक व स्कूल प्रबंधकों के साथ अपने कक्ष में दोप.3 बजे बैठक की।

इस बैठक में प्रशासन ने दोनों पक्षों की बड़ी बारीकी से जानकारी हासिल की और दोनेंा ही पक्षों ने अपने-अपने तर्कों के माध्यम से अपनी बात रखी। जिस पर कलेक्टर ने जुलाई सत्र से हुई शुरू हुए शिक्षण सत्र में बच्चों के भविष्य व सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना ना हो और यातायात विभाग एवं स्कूल प्रबंधन नियम निर्दोशों का पालन करें। इसके लिए श्री जैन ने अंत में अपना फैसला सुनाते हुए अभिभावकों को राहत प्रदान की है। 
 
यहां श्री जैन ने स्कूल प्रंबधन व बस संचालकों को हिदायत दी है कि वह नियमित रूप से आगामी तीन माह तक स्कूली बच्चों को अपनी बसों में छोड़ेंगे और इस दौरान यातायात विभाग भी अपनी कार्यवाही में ढिलाई बरतेगा लेकिन तीन माह बाद सभी स्कूल प्रबंधनों को अपनी कमियां दूर कर नियम निर्दोशों का पालन करना होगा। अभिभावकों को भी समझाते हुए श्री जैन ने कहा कि महंगाई की मार से हर आमजन पीडि़त है यही कारण है कि आज स्कूली पढ़ाई का बोझ भी बहुत अधिक बढ़ गए है ऐसे में स्कूल प्रबंधन एव बच्चों के बीच नियमित रूप से आदान-प्रदान बना रहे इसके लिए तीन माह की समयावधि में अभिभावक भी आगे भी व्यवस्था के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। 
 
इस निर्णय से अभिभावकों ने जहां राहत ली है तो वहीं स्कूल प्रबंधनों के सीने पर तो जैसे सांप लौट गया हो कहावत चरितार्थ होते नजर आई। यहां बताना होगा कि वैसे भी अधिकांशत: स्कूल संचालकों ने एडवांस के तौर पर बच्चों से स्कूल बस के आने-जाने के किराए के रूप में सितम्बर माह तक का भुगतान प्राप्त कर लिया है इसलिए यह परिणम इसी की परिणीति नजर आ रहा है।