तत्वार्थ सूत्र की वाचना में छत्री जैन मंदिर पर जुट रहे हैं श्रद्घालु

शिवपुरी- तत्वों के मनन-चिंतन से ही मोक्ष का रास्ता प्रशस्त होता है अत: जिन लोगों द्वारा लगातार तत्वों का चिंतन कर साधना की जा रही है उन्होंने अपना मोक्ष जाने का रास्ता खोज लिया है। यह विचार मुनि सुरत्न सागर महाराज ने छत्री जैन मंदिर पर चल रही तत्वार्थ सूत्र की वाचना के अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि तत्वार्थ सूत्र ग्रंथ जिसे मोक्ष शास्त्र भी कहा जाता है यह ग्रंथ आचार्य उमा स्वामी द्वारा रचित है जिसमें धर्मसाधना के साथ-साथ आत्म साधना के सूत्रों को लिपिबद्घ किया गया है। 
 
यदि एक-एक सूत्र का अर्थ हम समझ लें और तद्नुसार अपना आचरण सुधार लें तो निश्चित रूप से हम मोक्ष मार्ग की सीढ़ी पर आरूढ़ होने के लिए कटिबद्घ हो सकते हैं। तत्वार्थ सूत्र में जीव, अजीव, आस्रव, बंध, संवर, निर्जरा और मोक्ष ये सात तत्व आचार्य उमा स्वामी ने बताए हैं। यदि एक-एक तत्व पर हम अपना चिंतन करना प्रारंभ कर दें और चिंतन के फलस्वरूप उन तत्वों पर मनन करना शुरु कर दें तो निश्चित रूप से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है और इसकी साधना कई आचार्यों और संतों द्वारा सतत रूप से की जा रही है। 

धर्मसभा के पूर्व मंगलाचरण महावीर प्रसाद जैन और राजेश जैन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया तथा दीप प्रज्जवलन पंडित सुगनचंद जैन ने किया। कार्यक्रम का संचालन माणिक जैन ने किया। धर्मसभा के उपरांत जिनवाणी स्तवन हुआ और फिर आचार्यश्री को अर्घ समर्पण कर धर्मसभा सम्पन्न हुई।